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Lok Sabha Election 2024: पहले चरण में बंगाल की इन सीटों पर घमासान, संदेशखाली के साथ रामलला की भी हो रही है बात, कौन मारेगा बाजी?

Lok Sabha Election 2024 West Bengal पहले चरण के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की तीन सीटों पर मतदान होना है इनमें जलपाईगुड़ी कूचबिहार और अलीपुरद्वार की सीटें शामिल हैं। पिछली बार भाजपा ने इन सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी ने इस बार भी यहां पूरा जोर लगाया है तो वहीं टीएमसी अपनी खोई हुई सीटें वापस पाना चाहेगी।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Published: Tue, 16 Apr 2024 12:09 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2024 12:09 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: पहले चरण में बंगाल की इन सीटों पर घमासान, संदेशखाली के साथ रामलला की भी हो रही है बात, कौन मारेगा बाजी?
Lok Sabha Election 2024: उत्तर बंगाल की आठ में से सात सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

भारतीय बसंत कुमार, दार्जिलिंग। Lok Sabha Election 2024 West Bengal: उत्तर बंगाल में जिन तीन सीटों जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार में पहले चरण में मतदान होना है, वहां प्रचार का जोर उफान पर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो बार और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कई बार सभा हो चुकी हैं।

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बीते साल रामनवमी पर बंगाल में तीन-चार जगहों पर हिंसा हुई थी। इस साल अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही बंगाल में भी रामनवमी एक नैरेटिव है। भाजपा कह रही है कि तृणमूल के गुंडों से नहीं डरना है। पीएम मोदी उत्तर मालदा में बूथ कार्यकर्ता लतिका हल्दार से बात करते हुए संदेश देते हैं- 'एक-एक कार्यकर्ता वोटर के घर जाएं और निडर होकर मतदान कराएं।'

इन मुद्दों को उठा रही है भाजपा

चुनावी हिंसा, संदेशखाली कांड और भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठा ठोस कदम चुनाव में भाजपा का एजेंडा है। भाजपा इनका संदेश मैदान से चाय बागान तक पहुंचा रही है। उत्तर बंगाल की आठ में दक्षिण मालदा छोड़कर सभी सीटों पर इस समय भाजपा के सांसद हैं। अपनी नई बनी जमीन पर कमल खिलाए रखना भाजपा के लिए जरूरी है, तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अपनी खोई हुई सीटों की वापसी चाहती है।

पहले चरण में जिन तीन सीटों पर चुनाव है, उन सभी पर 2014 में तृणमूल के सांसद थे। तीनों सीटें चाय बागान बेल्ट की हैं। चाय बागान में चुनावी एजेंडा मजूदरों का हित है, जिसके लिए भाजपा उज्जवला और राशन को औजार बनाए घूम रही है तो तृणमूल के पास चा-सुंदरी, लक्खी भंडार, कन्याश्री या रूपश्री जैसी योजनाओं का मंत्र है।

भाजपा के वार पर ममता की काट

चाय बागानों से लेकर गांव-घर, फ्लैट और दुकान तक अगर तृणमूल और भाजपा का झंडा लहरा रहा है तो रामनवमी का ध्वज भी खूब फहरा रहा है। गुलमा टी एस्टेट के गेट पर प्रभु राम की अयोध्या में लगी मूर्ति के चित्र के साथ ही रामनवमी की शोभायात्रा का आमंत्रण बड़े पोस्टर के रूप में लगा है।

रामनवमी हिंसा को लेकर हुए भाजपाई वार के लिए ममता ने काट खोज निकाली है। अबकी पहली बार रामनवमी पर ममता सरकार ने अवकाश की घोषणा की है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी अपनी सभा की शुरुआत जय श्रीराम से करते हैं। भीड़ से मुखातिब होते हैं- ‘याद है न रामनवमी। ध्वजा लहराना चाहिए। 500 साल बाद रामलला अपने घर विराजे हैं।' सभा के अंत में भी जय श्रीराम का जयघोष होता है।

चाय श्रमिकों का वोट असरकारक

जलपाईगुड़ी लोस का यह बहुत छोटा सा मैदान है। तृणमूल की एक महिला नेता ममता का संदेश दोहरा रही हैं- 'दीदी भीख जनता से मांगेगी, केंद्र से नहीं।’ अलीपुरद्वार, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी व दार्जिलिंग लोस सीटों पर चाय श्रमिकों का वोट असरकारक है। चाय बागान के कभी चौकीदार रहे तृणमूल के बुलु चिक बड़ाइक अब ममता सरकार में मंत्री हैं। सरकार की योजनाओं का हवाला लेकर वह बागान-बागान घूम रहे हैं।

वह अपने अंदाज में बताते हैं कि तृणमूल की सीट नहीं निकली तो नौकरी चली जाएगी। चा-सुंदरी परियोजना चाय बागान के मजदूरों के आवास से जुड़ी है। इसके साथ ही लक्खी भंडार योजना में मासिक आर्थिक सहायता दी जा रही है। पहले यह राशि पांच सौ रुपये थी, अब दोगुनी कर दी गई है। चाय बागान में काम करने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है।

भाजपा-तृणमूल दोनों के संगठन ने इतना जरूर किया है कि उज्जवला और राशन मोदी सरकार की देन है, का संदेश हर मजदूर तक पहुंचा दिया है। तभी तो गुलमोहर चाय गार्डन की महिला मजदूर रीता टोपना को पता है कि उज्जवला के तहत सिलेंडर मोदीजी ने दिया है। गुलमा टी स्टेट के चाय बागान में काम कर रही लीमा को चा सुंदरी और कन्या श्री दोनों ही योजनाओं के बारे में पता है कि यह ममता दीदी की देन है।

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सीएए, एनआरसी भी है मुद्दा

अलीपुरद्वार सीट से भाजपा व तृणमूल दोनों के प्रत्यासी चाय बागान श्रमिक यूनियन से जुड़े हैं। भाजपा प्रत्याशी मनोज तिग्गा सिंघानिया चाय बागान के निवासी हैं, जबकि तृणमूल प्रत्याशी प्रकाश चिक बड़ाइक तृणमूल चाय बागान श्रमिक यूनियन के केंद्रीय नेता हैं।

भाजपा महिलाओं को ममता राज में असुरक्षित बताकर संदेशखाली का संदेश दे रही है तो तृणमूल के ब्रात्य बसु, मेयर गौतम देव आदि नेता पूर्व आईपीएस देवाशीष धर को बीरभूम में भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर सवाल खड़े करते हैं। मंच से घोषणा की जा रही है सीएए और एनआरसी लागू नहीं करने दिया जाएगा।

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‘मोदी जैसा नेता चाहिए’

संतोष दास ईस्टर्न बाइपास पर पान बेचते हैं। कहते हैं चारों ओर भ्रष्टाचार है। सब नेता जेल जा रहे हैं। दार्जिलिंग मोड़ पर स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले मनोज कहते हैं कि मोदी सबको जेल भेज देंगे, ऐसा ही आदमी चाहिए।

महिला तृणमूल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष चंद्रिमा भट्टाचार्यजिन 49 प्रतिशत महिलाओं को अपनी ताकत बताती हैं तो उन्हीं के बीच भाजपा संदेशखाली में महिलाओं के यौनशोषण का उदाहरण रख रही हैं। अनुव्रत और शाहजहां शेख जैसे नेताओं की बात कर रही हैं।

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