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'जवाब है जय श्रीराम, समझ गए तो ठीक नहीं तो...', रामनवमी के बीच कैसा है जानकी की जन्‍मभूमि पर चुनावी रंग?

Lok Sabha Election 2024 मां जानकी की धरा आज राममय हो रही शहर से गांव तक भगवा रंग में है। मंदिरों में चहल-पहल और पताकों में प्रभु स्वयं विराजमान हैं। इन सबके बीच चुनावी रंग भी है जो चौक-चौराहों पर आम है। राह चलते किसी से बात कर लीजिए...जवाब में जय श्रीराम। समझ गए तो ठीक नहीं तो गाना भी बज रहा सुन लीजिए जो राम को लाए हैं...!

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Published: Wed, 17 Apr 2024 02:24 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 02:24 PM (IST)
'जवाब है जय श्रीराम, समझ गए तो ठीक नहीं तो...', रामनवमी के बीच कैसा है जानकी की जन्‍मभूमि पर चुनावी रंग?
Lok Sabha Chunav 2024: जानकी जन्मस्थली पुनौराधाम, जानकी मंदिर, सीतामढ़ी।

 विनोद कुमार गिरि, सीतामढ़ी। मां जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी, प्रभु श्रीराम इस धरा के पाहुन...। अवधपुरी में जन्मोत्सव, मिथिला में बधाई-सोहर। रिश्तों की ठिठोली संग दुलार भी, पर मर्यादा उस मर्यादा पुरुषोत्तम के लिए जो रोम-रोम में बसे हैं। मां जानकी की धरा आज राममय हो रही, शहर से गांव तक भगवा रंग में है। मंदिरों में चहल-पहल और पताकों में प्रभु स्वयं विराजमान हैं। इन सबके बीच चुनावी रंग भी है जो चौक-चौराहों पर आम है।

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राह चलते किसी से बात कर लीजिए...जवाब में जय श्रीराम। समझ गए तो ठीक, नहीं तो गाना भी बज रहा सुन लीजिए, जो राम को लाए हैं...! फिर भी कुछ संदेह रह गया तो अबकी सियावर रामचंद्र की जय। साथ में, वीर हनुमान की भी जय, मतलब साफ है जयकार हर ओर। राह चलते नसीहत है, वोट जहां देना हो दीजिए, लेकिन 22 जनवरी को याद करिएगा जरूर...जब मिथिला की बेटी का घरवास हुआ था।

रामनवमी के बीच चर्चा चुनाव की

मिथिला की धरती पर चुनावी चर्चा खूब है। आठ दिन बाद नामांकन शुरू हो जाएगा। मौसम की तपिश के साथ चुनावी सरगर्मी भी बढ़ रही है। स्टेशन रोड में सत्तू बेचने वाले कहते हैं, भैया यहां तो सिर्फ सीता मैया हैं, जहां सीता मैया वहां अपने प्रभु श्रीराम और जहां श्रीराम वहां...बाकी आप सोचिए हम तले सतुआ घोरते हैं। मेहसौल चौक पर सब्जी बेचने वाले बिट्टू का उत्साह भी दिखता है, कहते हैं अभी गमछे का रंग देखिए, बाकी जून में देखिएगा।

फिलहाल, पाहुन की लहर में गोता लगाइए। यहीं पर चाय की दुकान चलाने वाले बलिंदर साह कहते हैं, मार्च में ही अयोध्या जाकर पाहुन के दर्शन कर आए हैं। भेंट करने में दो महीना लेट हुआ, इसलिए माफी भी मांगे। रामनवमी में घर पर पताका लगाकर उत्सव मनाएंगे। 75 वर्षीय विश्वदेव सहाय की सुन लीजिए, जा पर कृपा राम के होहिं...।

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कहीं अष्टयाम तो कहीं अखंड रामचरितमानस का पाठ

शहर की पीली कुटी, छोटी कुटी, बड़ी कुटी, वैदेही वल्लभ निकुंज श्रीराम जानकी मंदिर, चकऋषि आश्रम, भवदेपुर राम जानकी मंदिर, बाजार समिति हनुमान मंदिर, बौआ हनुमान मंदिर आदि जगहों पर रामनवमी मनाने को लेकर खास तैयारी की गई है। 24 घंटे का अष्टयाम महायज्ञ शुरू हो गया है, अखंड रामचरितमानस पाठ भी हो रहा।

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सुखधाम आश्रम अलहाउर हरि छपरा के महंत संत किशोरी शरण मधुकर उर्फ मुठिया बाबा, महंत राम उदार दास, संत भूषण दास, राज किशोर दास सभी प्रसन्न हैं, कहते हैं इस बार की रामनवमी खास है। प्रभु टेंट से निकलकर भव्य महल में विराजमान हुए हैं। प्रभु के साथ-साथ हमारी जनक किशोरी भी महल में हैं।

इधर, राम जन्मोत्सव की तैयारी चरम पर है। मठ-मंदिरों में नए-नए वस्त्र पाहुन को पहनाए जाएंगे। उनके साथ-साथ माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के लिए वस्त्र बनाए गए हैं। जन्मोत्सव पर रामलला को मिश्री, मलाई, लड्डू के साथ-साथ खीर भी परोसा जाएगा। मंदिरों की साफ-सफाई की गई है, अब सजावट का काम हो रहा है। बैकग्राउंड में गाना भी...राम आएंगे तो अंगना संजाऊंगी।

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