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Lok Sabha Election 2024: मप्र में ये सीटें हैं कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती, हर बार बदला प्रत्याशी, लेकिन नहीं मिली चुनावी सफलता

Lok Sabha Election 2024 Update मध्य प्रदेश में पिछले दो लोकसभा चुनावों में बुरी तरह मात खाने वाली कांग्रेस के सामने इस बार भी चुनौतियां कम नहीं हैं। मध्‍य प्रदेश की कई सीटें ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस ने पिछले कई चुनावों में लगातार प्रत्याशी बदले लेकिन फिर भी सफलता हाथ नहीं लगी। जबकि भाजपा के हालात इससे उलट हैं।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Published: Thu, 28 Mar 2024 02:13 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 02:16 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: मप्र में ये सीटें हैं कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती, हर बार बदला प्रत्याशी, लेकिन नहीं मिली चुनावी सफलता
कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में मप्र की केवल एक सीट जीती थी। (सांकेतिक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस की सीधी लड़ाई है। पिछले दो चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में वह क्रमश: दो और एक सीट पर ही सिमट कर रह गई थी। ऐसे में इस बार पार्टी अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने की जद्दोजहद में है।

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लेकिन मप्र की कुछ सीटें ऐसी हैं जो कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं, क्योंकि इन सीटों में पिछले पार्टी ने पिछले 5 लोकसभा चुनाव में पाचों बार प्रत्याशी बदला है, लेकिन नतीजा नहीं बदला और उसे अधिकतर मौकों पर हार का ही सामना करना पड़ा।

केवल एक सीट पर मिली जीत

यह सीटें हैं भोपाल, भिंड, खरगोन, बालाघाट और सागर। इनमें खरगोन को छोड़कर बाकी किसी भी सीट पर कांग्रेस को प्रत्याशी बदलने के बावजूद चुनावी सफलता नहीं मिली है। खरगोन से 2007 के उप चुनाव और 2009 के आम चुनाव में अरुण यादव कांग्रेस के टिकट से जीते थे।

मंडला में कांग्रेस ने पिछले पांच चुनाव में चार बार प्रत्याशी बदले। 2009 में यहां से कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम ने चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 में ओमकार सिंह मरकाम कांग्रेस के टिकट से लड़े थे। उन्हें भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते ने हराया था। 2019 में पार्टी ने कमल सिंह मरावी को यहां से चुनाव लड़ाया, लेकिन फग्गन सिंह कुलस्ते ने दोबारा विजय प्राप्त की।

भाजपा ने जीत के बाद भी बदला प्रत्याशी

वहीं भाजपा के साथ कुछ सीटों पर इसके उलट स्थिति है। वह चुनाव जीतने के बावजूद कई सीटों पर लगातार प्रत्याशी बदल रही है। राजधानी भोपाल उनमें से एक है, जहां पर भाजपा ने पिछले तीन चुनाव में उम्मीदवार बदले हैं। 2014 में आलोक संजर और 2019 में प्रज्ञा ठाकुर यहां से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर आई थीं। इस बार पार्टी ने आलोक शर्मा को यहां से मैदान में उतारा है।

ग्वालियर सीट में भी भाजपा ने लगातार कैंडिडेट बदला है। यहां पर 2004 में जयभान सिंह पवैया ने बीजेपी से चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2007 उप चुनाव और 2009 आम चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया, 2014 में नरेन्द्र सिंह तोमर और 2019 में विवेक शेजवलकर ने बीजेपी की ओर से मैदान में थे। 2004 के बाद हर चुनाव में बीजेपी ने यहां जीत दर्ज की है। इस बार पार्टी ने भरत सिंह कुशवाह को उम्मीदवार बनाया है।

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युवाओं को दिया मौका

कांग्रेस ने इस बार टिकट वितरण में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश की है। साथ ही पार्टी ने इस बार नए युवाओं को भी मौका दिया है। मप्र में बीजेपी की प्रत्याशियों की लिस्ट आने के बाद कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों का एलान किया।

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