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Chunavi Kissa: जब इंदिरा गांधी को युवाओं ने दी थी खून से बनी तस्वीर, भावुक हो गई थीं नेता; फिर ऐसा रहा चुनाव परिणाम

Lok Sabha Election 2024 चुनावी किस्सों की सीरीज में आज हम आपको बताने जा रहे हैं उस वाकये के बारे में जब एक लोकसभा सीट के उपचुनाव में इंदिरा गांधी खुद चुनावी अभियान में उतरी थीं। तब युवा कांग्रेसियों ने उन्हें रंगों की जगह खून से तैयार उनका ही चित्र भेंट किया था।जिससे वह भावुक भी हो गई थीं। जानिए क्या रहा था उस चुनाव का परिणाम।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Published: Sat, 20 Apr 2024 11:44 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2024 11:44 AM (IST)
Chunavi Kissa: युवा कांग्रेसियों ने इंदिरा को खून से तैयार उनका ही चित्र भेंट किया था।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। इमरजेंसी के बाद 1977 के आम चुनाव हुए। जनता पार्टी की आंधी में कांग्रेस के मजबूत किले भी ढह गए। अलीगढ़ संसदीय सीट भी नहीं बच पाई, मगर कांग्रेसियों का इंदिरा गांधी पर भरोसा कायम था। 1978 में आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ।

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आजमगढ़ लोकसभा सीट जनता पार्टी के सांसद रामनरेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने के कारण खाली हुई थी। कांग्रेस ने मोहसिना किदवई को प्रत्याशी बनाया, उन्हें जिताने के लिए इंदिरा गांधी ने खुद कमान संभाली। तब आजमगढ़ जाते समय इंदिरा गांधी अलीगढ़ में भी रुकीं। यहां युवा कांग्रेसियों ने उन्हें रंगों की जगह खून से तैयार उनका ही चित्र भेंट कर भावुक कर दिया।

जब ट्रेन से अलीगढ़ पहुंची थीं इंदिरा गांधी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता गिरवर शर्मा के अनुसार, ट्रेन से इंदिरा गांधी अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर उतरीं। उनके साथ मोहिसना किदवई व अन्य नेता भी थे। यहां सुबह से ही जुटे कांग्रेसियों ने उनका स्वागत किया। पुष्प वर्षा की। युवा कांग्रेस के तत्कालीन जिलाध्यक्ष गिरवर शर्मा, वरिष्ठ नेता अशोक चौहान व अन्य कांग्रेसियों की टीम भी इंदिरा गांधी से मिलने को अधीर हुए जा रही थी।

इंदिरा को दखते ही ‘इंदिरा तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं’ के नारे गूंजने शुरू हो गए। हार के बावजूद युवाओं के जोश में कमी थी। यह देख इंदिरा गांधी के चेहरे पर भविष्य को लेकर निश्चितता झलकने लगी।

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जब इंदिरा गांधी ने कहा, 'ये खून व्यर्थ नहीं जाएगा...'

इंदिरा गांधी ने युवा कांग्रेसियों को बुलाकर काफी देर तक बात की। गिरवर शर्मा के नेतृत्व में इंदिरा को उनका चित्र भेंट किया गया। इंदिरा ने चित्र को बड़े गौर से देखा, जो लाल रंग से बना था। अगले ही पल समझ गईं कि यह लाल रंग नहीं, मेरे कार्यकर्ताओं का खून है, जो मेरे लिए अभी भी बहने को तैयार है। वे भावुक हो उठीं।

युवाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हार से परेशान नहीं होना है, हम फिर लौटेंगे। यह खून व्यर्थ नहीं जाएगा। युवा कांग्रेसी उन्हें एटा तक छोड़ने गए। आजमगढ़ के उप चुनाव में मोहसिना किदवई की जीत हुई। वहीं अगले आम चुनाव में कांग्रेस फिर से सत्ता में आ गई। 1984 में उनकी हत्या हो गई।

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