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जनता से कुछ नहीं छिपा पाएंगे प्रत्याशी, दिखानी होगी पांच साल की आइटीआर

इसबार प्रत्याशी जनता से कुछ नहीं छिपा पाएंगे। उन्हें अपने साथ ही पत्नी या पति और आश्रितों की बीते पांच वर्ष के आयकर की पूर्ण जानकारी निर्वाचन कार्यालय को देनी होगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 09:40 AM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 09:40 AM (IST)
जनता से कुछ नहीं छिपा पाएंगे प्रत्याशी, दिखानी होगी पांच साल की आइटीआर
जनता से कुछ नहीं छिपा पाएंगे प्रत्याशी, दिखानी होगी पांच साल की आइटीआर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी इस बार जनता से कुछ छिपा नहीं सकेंगे। प्रत्याशियों को न केवल अपनी बल्कि पत्नी या पति के साथ ही आश्रितों की बीते पांच वर्ष के आयकर की पूर्ण जानकारी निर्वाचन कार्यालय को देनी होगी। इतना ही नहीं, प्रत्याशी को स्वयं पर चल रहे आपराधिक मामले की जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी। इसके लिए उसे तीन बार प्रिंट व तीन बार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन देना होगा। लोकसभा चुनावों में इस बार ईवीएम में प्रत्याशी के चुनाव चिह्न के साथ ही उसकी तस्वीर भी नजर आएगी। 

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लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों की जानकारी मीडिया के साथ साझा की। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में 7717126 मतदाता बन चुके हैं। आचार संहिता के संबंध में सभी राजनीतिक दलों व अधिकारियों को पूरी जानकारी दी जा रही है। इस बार प्रत्याशी से लिए जाने वाले शपथ पत्र में थोड़ा बदलाव किया गया है। 

इसमें प्रत्याशी को अपनी चल-अचल संपत्ति के साथ ही अपनी पत्नी अथवा पति और बच्चों की पूरी संपत्ति की जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही बीते पांच साल के आयकर का लेखा-जोखा भी देना होगा। प्रत्याशियों को स्वयं पर चल रहे आपराधिक मुकदमों के संबंध में पूरी जानकारी देनी होगी। प्रत्याशी यह शपथ पत्र नई सुविधा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भी भर सकेंगे। हालांकि, इसका एक प्रिंट उन्हें नामांकन के दौरान भी निर्वाचन कार्यालय में देना होगा। इसकी जानकारी कार्यालयों के बाहर सार्वजनिक रूप से चस्पा भी की जाएगी। 

चुनावों के दौरान प्रत्याशी को खर्च का पूरा ब्योरा देना होगा। इसके लिए वह अलग बैंक अकाउंट खोलेगा। दस हजार से अधिक के भुगतान के लिए चेक, डिमांड ड्राफ्ट या आरटीजीएस का उपयोग करना होगा। उन्होंने बताया कि चुनावों के लिए सी विजिल, वोटर हेल्पलाइन व पीडब्लूडी एप बनाई गई है। जिसके जरिये वोटरों के संबंध में जानकारी, निर्वाचन के संबंध में शिकायत और दिव्यांग मतदाताओं के संबंध में जानकारी ली जा सकती है। 

सभी बूथों का बूथ लेबल मैनेजमेंट बनाया गया है। जहां नेटवर्क की समस्या है, वहां रेडियो सेट के माध्यम से मतदान की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी मतदान केंद्रों में पेयजल व शेड की व्यवस्था भी की जाएगी।

50 हजार से अधिक नकदी पर रहेगी आयोग की नजर

चुनाव के दौरान आयोग की नजर 10 हजार रुपये तक के तोहफों व शराब के साथ ही 50 हजार रुपये और उससे अधिक की नकदी पर रहेगी। यदि आयोग को थोड़ा भी यह लगा कि इसका इस्तेमाल चुनाव के लिए किया जा रहा है तो इस सामान और नगदी को तुरंत सीज कर दिया जाएगा। 10 लाख रुपये से अधिक की नकदी मिलने की स्थिति में यह देखा जाएगा कि इसका इस्तेमाल किसके लिए किया जा रहा है। यदि आयोग को लगेगा कि इसका इस्तेमाल चुनाव के लिए नहीं है तो यह राशि सीज नहीं होगी बल्कि इसकी सूचना आयकर विभाग को दी जाएगी जो इस संबंध में उचित कार्रवाई करेगा। स्टार प्रचारकों के अपने खर्चे पर एक लाख रुपये तक ले जाने की व्यवस्था है। हालांकि, इसके लिए उसे पार्टी से लिखा पत्र और इसके खर्च के संबंध में आयोग को जानकारी देनी होगी। 

हर परिवार को दी जाएगी वोटर गाइड

लोकसभा चुनावों में हर परिवार को एक वोटर गाइड दिए जाने की तैयारी है। इस गाइड में ईवीएम मशीन में वोट डालने, वीवी पैट के इस्तेमाल समेत चुनाव संबंधी पूरी जानकारी दी जाएगी। 

हेलीकॉप्टर पर नजर रखने को विजिलेंस टीम

चुनाव आयोग ने हेलीकॉप्टर से आने वाले स्टार प्रचारकों व इसके जरिये आने वाली सामग्री पर नजर रखने के लिए विजिलेंस टीम का गठन किया है। जरूरत पडऩे पर यह टीम इनकी जांच भी कर सकती है। गौरतलब है पूर्व में स्टार प्रचारकों को लाने-ले जाने वाले हेलीकॉप्टरों के जरिए धन व अवैध शराब आदि लाने के आरोप लगते रहे हैं। इन पर नजर रखने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

जीपीएस से ट्रेक होंगी ईवीएम मशीनें 

लोकसभा चुनावों में सेक्टर व जोनल मजिस्ट्रेट तथा चुनाव सामग्री लाने-ले जाने के लिए 1100 गाडिय़ों का प्रयोग किया जाएगा। ईवीएम मशीनों के खराब होने अथवा तकनीकी दिक्कत आने की स्थिति को देखते हुए रिजर्व में भी मशीनें रखी जाएंगी। इन मशीनों पर जीपीएस के द्वारा नजर रखी जाएगी ताकि इनका दुरुपयोग न हो सके। इसके अलावा 1207 मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग की जाएगी ताकि मतदान के बाद भी यहां की रिकॉर्डिंग देखी जा सके।  

सुदूरवर्ती क्षेत्र में वोट डालने को तैनात होंगे हेलीकॉप्टर

आयोग ने प्रदेश की भौगोलिक स्थिति व मौसम को देखते हुए भी मतदान के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। कुछ मतदान केंद्र 15 किमी तक की दूरी पर हैं। ऐसे मतदान केंद्रों में वोटरों को ले जाने के लिए विशेष परिस्थितियों में हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा आयोग की अनुमति से आसपास के चिह्नित क्षेत्रों में ईवीएम लगाकर मतदान कराया जा सकता है।

सीमा व चेकपोस्ट की सुरक्षा होगी कड़ी

आयोग ने चुनावों के दौरान कानून-व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस को सीमा व चेकपोस्ट की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस को हर आने जाने वाले वाहन पर नजर रखने और संदिग्ध वाहनों की चेकिंग करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की तैनाती के भी निर्देश दिए गए हैं।

तीन स्तरीय सुरक्षा में रखी जाएंगी ईवीएम मशीनें  

प्रदेश में इस बार पहले ही चरण यानी 11 अप्रैल को चुनाव हो रहे हैं। इसके बाद 23 मई को मतगणना होनी है। 11 अप्रैल के बाद इन ईवीएम मशीनों की सुरक्षा के लिए आयोग ने विशेष प्रबंध किए हैं। इसके लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। पहले चक्र में अर्धसैनिक बल, दूसरे चक्र में दूसरे राज्यों की पुलिस और तीसरे चक्र में स्थानीय पुलिस रहेगी। जहां भी यह मशीनें रहेंगी वे केंद्र 24 घंटे सीसी कैमरों की नजर में रहेंगे। विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में बैकअप व्यवस्था भी की गई है। 

इन 11 दस्तावेजों से पुख्ता होगी वोटर की पहचान

आयोग ने मतदाता पर्ची के साथ पहचान पत्र रखना भी अनिवार्य किया है। मतदाता पहचान पत्र न होने की स्थिति में मतदाता पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य व केंद्र सरकार व संबंधित उपक्रम द्वारा जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र, पैन कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत आइजीआइ द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, सांसद व विधायकों को जारी सरकारी पहचान पत्र व आधार कार्ड का इस्तेमाल पहचान पत्र के रूप में किया जा सकेगा।

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