भाजपा ने कर्नाटक चुनाव जीतकर दक्षिण भारत की राजनीति में दी दस्तक
भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक में कांग्रेस के अंतिम किले को ध्वस्त कर दिया है। कर्नाटक में भाजपा की जीत दक्षिण भारतीय राजनीति दुर्ग में सेंधमारी की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
बेंग्लुरु। भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक में कांग्रेस के अंतिम किले को ध्वस्त कर दिया है। कर्नाटक में भाजपा की जीत दक्षिण भारतीय राजनीति दुर्ग में सेंधमारी की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। कर्नाटक चुनाव के बाद दक्षिण भारत के पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, जिसमें तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का नंबर पहले आता है। यहां विधानसभा के चुनाव वर्ष 2019 के शुरुआती माह में होंगे। इसी वक्त देश में लोकसभा चुनाव का माहौल होगा। इसके बाद वर्ष 2021 में तीन राज्यों तमिलनाडु, केरल और पड्डुचेरी में चुनाव होंगे। दक्षिण भारतीय राज्यों में वाजिब तौर पर कर्नाटक चुनाव के नतीजों का असर होगा।
मनोबल बढ़ाएगा कर्नाटक का रिजल्ट
कर्नाटक चुनाव के नतीजे दक्षिण भारत की राजनीति भाजपा के लिए मनोबल बढा़ने वाले साबित होंगे। आमतौर पर भाजपा को हिंदी पट्टी की पार्टी माना जाता है। लेकिन कर्नाटक चुनाव नतीजों से इसमें बदलाव आएगा और भाजपा के पक्ष में भी माहौल बनेगा। कर्नाटक के चुनाव प्रचार में भी भाजपा नेताओं को भाषाई दिक्कतों की वजह से कैंपेन करने में दिक्कत हुई। लेकिन भाजपा ने इन सभी को दरकिनार करते हुए कर्नाटक के आम जन तक पार्टी की आवाज पहुंचाने में कामयाब रही, जो कि उनके बूथ लेवल मैनेजमेंट को दर्शाता है। वहीं कांग्रेस इस मामले में बुरी तरह असफल रही।
जीत अहम
कर्नाटक चुनाव में भाजपा की जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि भाजपा वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की अपनी जीत को बतौर कामयाबी के तौर पर पेश करेगी। ऐसे में कर्नाटक की जीत भाजपा के लिए काफी अहम है।