हिमाचल चुनाव: 87 फीसद कांग्रेस उम्मीदवार करोड़पति, माकपा के 71 फीसद के आपराधिक रिकॉर्ड
हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए इस बार 338 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस के 87 फीसद उम्मीदवार करोड़पति हैं, जबकि माकपा के 71 फीसद पर आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज हैं।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीख (9 नवंबर) जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे सियासी गर्मी भी बढ़ती जा रही है। तमाम बड़े नेताओं की रैलियां राज्य के अलग-अलग चुनाव क्षेत्रों में करायी जा रही हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित किया।
ज्ञात हो कि हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए इस बार 338 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड सहित अन्य लेखा-जोखा जारी किया है। बता दें कि यह आंकड़े प्रत्याशियों के शपथ-पत्र के आधार पर हैं।
47 फीसद उम्मीदवार करोड़पति
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 338 में से कुल 158 यानि 47 फीसद उम्मीदवार करोड़पति हैं। उम्मीदवारों की औसत संपत्ति की बात की जाए तो यह 4.07 करोड़ है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के 68 में 59 (87 फीसद) और भाजपा के 47 (69 फीसद) उम्मीदवार करोड़पति हैं। जबकि बसपा के 42 में से 6 (14 फीसद), माकपा के 14 में से तीन (21 फीसद) फीसद, सीपीआई के तीन में से 1 (33 फीसद) और 112 में से 36 (32 फीसद) निर्दलीय भी करोड़पति हैं।
आपराधिक पृष्ठभूमि
338 में से कुल 61 (18 फीसद) प्रत्याशियों के शपथ पत्रों के अनुसार उन पर कोई न कोई आपराधिक मामला चल रहा है। कुल 31 (9 फीसद) उम्मीदवारों पर गंभीर प्रवृत्ति के आपराधिक मामले दर्ज हैं। निर्वाचन क्षेत्र दून से कांग्रेस प्रत्याशी राम कुमार के खिलाफ हत्या (धारा-302) का मामला दर्ज है। 338 में से दो प्रत्याशियों ने अपने शपथ पत्र में बताया है कि उनके खिलाफ हत्या की कोशिश के केस दर्ज हैं।
आपराधिक रिकॉर्ड- किस पार्टी के कितने उम्मीदवार
सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इस चुनाव में आपराधिक रिकॉर्ड वाले 7 (9 फीसद) नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने 23 (34 फीसद) ऐसे नेताओं को टिकट दिया है। बहुजन समाज पार्टी ने 3 (7 प्रतिशत), माकपा ने 10 (71 प्रतिशत) आपराधिक रिकॉर्डधारियों को टिकट दिया है, जबकि 16 (14 प्रतिशत) ऐसे निर्दलीय भी चुनावी मैदान में डटे हैं।
गंभीर आपराधिक मामले
गंभीर प्रवृत्ति के नेताओं के चुनावी मैदान में उतरने की बात की जाए तो सत्तारूढ़ कांग्रेस के 3 (4 फीसद), भाजपा के 9 (13 प्रतिशत), बहुजन समाज पार्टी 2 (5 प्रतिशत), माकपा 9 (64 प्रतिशत) व निर्दलीय 6 (5 प्रतिशत) ऐसे नेता हैं।
रेड अलर्ट विधानसभा क्षेत्र
मंडी और डलहौजी : (इनमें ऐसे विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें तीन या इससे ज्यादा ऐसे प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं)