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    अब कम हो रहा क्रेज, कभी देवीलाल- ओपी चौटाला-भजनलाल खुद हिसार में खरीदते थे खादी

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Mon, 23 Sep 2019 02:16 PM (IST)

    आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई तो कांग्रेस के नेताओं ने हिसार से खादी खरीदना छोड़ा। पिछले सालों की तुलना में घट रहा है खादी-सूती का कारोबार।

    अब कम हो रहा क्रेज, कभी देवीलाल- ओपी चौटाला-भजनलाल खुद हिसार में खरीदते थे खादी

    हिसार [अमित धवन] कांग्रेस ने खादी पहनने वालों को ही टिकट देने की शर्त अड़ा दी है। वहीं खादी पहनने वाले नेता भी कम दिखाई दे रहे है। खादी के कारोबार पर नजर डाले तो खादी का कारोबार पिछले साल से कम हुआ था। धीरे-धीरे घटे खादी के कारोबार ने हिसार खादी ग्राम उद्योग चलाने वालों को चिंता में डाला हुआ है। जहां एक समय में सिरसा से हिसार पहुंच कर देवीलाल अनेक थान एक साथ खरीद कर ले जाते थे। भजनलाल स्वयं आकर खादी को पसंद करते थे। वहीं अब कुछ चुनिंदा नेता ही खादी डालना पसंद कर रहे है।

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    खादी को बढ़ावा देने के लिए हिसार के मोती बाजार में पहली बार 1960 में हिसार खादी ग्राम उद्योग की दुकान खोली गई। दुकान खुलने के दौरान खादी की काफी मांग रही। मगर हिसार में कुछ नेताओं को छोड़ कर बाकी नेताओं ने खादी खरीदना बंद कर दिया। खादी की खरीद पर नजर डाले तो कुछ शहर के लोग अवश्य यह कपड़ा खरीद कर ले जाते है। कांग्रेस पार्टी में इस समय आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई, पूर्व राज्यसभा सदस्य पं. रामजीलाल, पूर्व विधायक नरेश सेलवाल आज भी खादी पहनने का शोक रखते है। इसी प्रकार दूसरी पार्टी के नेता बाहर से खादी खरीदना जयादा पसंद करते है।

    बंगाल, गुजरात से आता है कपड़ा

    खादी ग्राम उद्योग पर कपड़ा बंगाल, गुजारात और राजस्थान से आता है। खादी सूती का कपड़ा खुद वर्कर तैयार करते है तो रेशम का खादी कीड़े से तैयार होने वाले धागा से बनाया जाता है। इसमें खादी सूती 200 रुपये 500 रुपये तक मिल जाता है। उसी प्रकार खादी रेशम 600 से 1200 रुपये तक मिल जाता है।

    खादी की हर साल हुई बिक्री का आंकड़ा

    2016-17

    सूती खादी : 75 लाख रुपये

    ऊनी : 14 लाख रुपये

    रेश्म : 10 लाख रुपये

    2017-18

    सूती खादी : 67 लाख रुपये

    ऊनी : 11 लाख रुपये

    रेश्म : 11 लाख रुपये

    2018-19

    सूती खादी : 69 लाख रुपये

    ऊनी : 9 लाख रुपये

    रेश्म : 11 लाख रुपये

    जब अपने कर्मचारियों को खादी का कपड़ा दिलवाने पहुंचे थे रेलूराम पूनिया

    पूर्व विधायक स्व. रेलूराम पूनिया को खादी के कपड़े डालने का काफी शोक था। वह कुर्ता प्यजामा पहनते थे। एक बार वह अचानक खादी उद्योग की दुकान पर पहुंचे। उनके साथ कर्मचारी थे। अपने लिए कपड़े लेने के साथ ही पूनिया ने उन कर्मचारियों के भी कपड़े थे। उस समय वह करीब 40 हजार रुपये का कपड़ा खरीद कर ले गए थे।

    देवीलाल से लेकर भजनलाल ने खरीदी खादी, चौटाला स्पेशल आते थे हिसार

    हिसार। मोती बाजार में दुकान से खादी लेने के लिए शुरूआत में स्व. बलवंत राय तायल से लेकर उस समय के नेता कपड़ा लेते रहे। नेताओं में खादी का क्रेज इतना था कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौ. देवीलाल तक हिसार पहुंचे थे। वह अपने परिवार के एक बार में ही 50-50 थान तक खरीद कर ले जाते थे। धोती-कुर्ते का शोक रखने वाले देवीलाल का एक कुर्ता बनने में ही करीब साढ़े तीन मीटर तक कपड़ा लगता था। उसके अलावा धोती और पगड़ी में भी वह खादी का प्रयोग करते थे। उनके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने भी यह सिलसिला नहीं तोड़ा। वह जब भी हिसार आते तो हर साल खादी के थान खरीद कर ले जाते थे।

    पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की बात करें तो 1970 से ही वह खादी खरीदने लगे थे। सफेद रंग के खादी के करीब 40 थान तक खरीद लेते थे। उनके बेटे उसी खादी के कपड़े आज भी पहन रहे है। आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई आज भी खादी खरीद रहे थे।

    दो अक्टूबर के बाद आती है छूट

    हिसार खादी ग्राम उद्योग के सचिव हुकुम सिंह ने बताया कि बड़े नेताओं का जमावड़ा रहता था। स्व. देवीलाल, पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल, पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला स्वयं कपड़ा खरीदने आते थे। यहां तक पूर्व विधायक जसमां देवी भी अपने लिए खादी का कपड़ा लेकर जाती थी। आज के समय में आदमपुर से काफी आम लोगे खरीददारी करने आते है लेकिन नेताओं का आना कम हो गया है। नेताओं की तरफ से खरीददारी दो अक्टूबर के बाद अवश्य होती है। छूट मिलने के कारण वह एक साथ पूरे साल का कपड़ा खरीद कर ले जाते हैं।