Delhi Politics: अगर AAP और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ते तो क्या होता? संदीप दीक्षित ने बताई हार की वजह
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार(8 फरवरी) को घोषित किए गए। चुनाव नतीजों के मुताबिक बीजेपी ने 48 सीटें जीती हैं और आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। इसके बाद बुधवार को कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि अगर हम (आप और कांग्रेस) साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो नतीजे और भी बुरे होते।
डिजिटल डेस्क, जागरण। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार(8 फरवरी) को घोषित किए गए। चुनाव नतीजों के मुताबिक, बीजेपी ने 48 सीटें जीती हैं और आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। इसके बाद बुधवार को कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि अगर हम (आप और कांग्रेस) साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो नतीजे और भी बुरे होते।
दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को हराया
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, "दिल्ली की जनता ने किसी को नहीं हराया है, बल्कि अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाया है। अगर हम (आप और कांग्रेस) मिलकर चुनाव लड़ते तो नतीजे और भी बुरे होते। दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को हटाने का मन बना लिया था। अगर 10 पार्टियां भी उनके साथ गठबंधन कर लेतीं तो भी वह हार जाते।"
केजरीवाल के हार की वजह
उन्होंने कहा, "दिल्ली की जनता ने तय कर लिया था कि इनको हराना है। अगर आम आदमी पार्टी को सत्ता में आना था तो पिछले तीन साल में जो गलत काम किए हैं, वो नहीं करते। अगर उन्हें सत्ता में बने रहना था तो हमारी पार्टी को गाली नहीं देते। शराब को लेकर जो माफियागिरी की, शीशमहल को लेकर जो गलत काम किए, वो नहीं करते। दिल्ली की सड़कों को खराब करने का काम उन्होंने (केजरीवाल ने) किया, वो काम नहीं करते। इस बार वोट उनके कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ पड़ा है।"
#WATCH | Delhi: Congress leader Sandeep Dikshit says, "...The public of Delhi has not defeated anyone but they have removed Arvind Kejriwal from the post of Chief Minister. If we (AAP and Congress) had contested the elections together the results would have been worse. The public… pic.twitter.com/xQu6tJhqb7
— ANI (@ANI) February 12, 2025
AAP के खिलाफ कांग्रेस नेता का अभियान
बता दें कि इस विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने आप नेता के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया था और कहा था कि कांग्रेस को दिल्ली सरकार की विफलताओं को उठाना चाहिए। उनके लिए प्रचार करने वाली उनकी बहन लतिका ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण शीला दीक्षित दिल्ली के लोगों के दिलों में रहती हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे भी हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता साहिब सिंह वर्मा फरवरी 1996 से अक्टूबर 1998 तक राष्ट्रीय राजधानी के मुख्यमंत्री रहे और भाजपा के मदन लाल खुराना के बाद शीर्ष पद पर आसीन हुए।
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