Voter ID Card: अब मतदाता सूची से नाम हटाना नहीं होगा आसान, चुनाव आयोग ने शुरू किया ई-वेरिफिकेशन
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए ई-वेरिफिकेशन प्रणाली शुरू की है। मतदाता सूची से नाम हटाने की मांग करने या नाम शामिल करने पर आपत्ति दर्ज कराने वालों को उनके पंजीकृत मोबाइल फोन पर एक बार इस्तेमाल होने वाला पासवर्ड (ओटीपी) मिलेगा। उसे वेरिफाई करना होगा। इस प्रणाली का मकसद वोटर की पहचान के दुरुपयोग को रोकना है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए ई-वेरिफिकेशन प्रणाली शुरू की है। मतदाता सूची से नाम हटाने की मांग करने या नाम शामिल करने पर आपत्ति दर्ज कराने वालों को उनके पंजीकृत मोबाइल फोन पर एक बार इस्तेमाल होने वाला पासवर्ड (ओटीपी) मिलेगा। उसे वेरिफाई करना होगा।
इस प्रणाली का मकसद वोटर की पहचान के दुरुपयोग को रोकना है। पहले आवेदक बिना किसी सत्यापन के आवेदन जमा कर सकते थे, जिससे पहचान के दुरुपयोग का खतरा था। नई व्यवस्था सितंबर के पहले पखवाड़े से शुरू हो चुकी है।
एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामले हो सकते हैं जहां कोई व्यक्ति नाम हटाने के लिए किसी और का नाम या फोन नंबर आनलाइन आपत्ति दर्ज करते समय दे देता है। यह ई-वेरिफिकेशन प्रणाली ऐसे दुरुपयोग को रोकेगी।
चुनाव अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में नाम हटाने के गलत प्रयासों की प्रतिक्रिया नहीं है। उन्होंने बताया कि इस पर काफी समय से काम चल रहा था और सितंबर में आयोग ने इस फीचर को शुरू कर दिया।
चुनाव आयोग ने कहा कि हालांकि निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता आनलाइन फार्म-7 भरकर उस विशेष निर्वाचन क्षेत्र से प्रविष्टि हटाने के लिए आवेदन कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि फार्म 7 जमा करने से प्रविष्टि अपने आप हट जाएगी।
आलंद में 6,018 फार्म-7 के आवेदन आनलाइन जमा किए गए थे। ई-वेरिफिकेशन के दौरान केवल 24 आवेदन सही पाए गए, जबकि 5,994 गलत पाए गए। इस प्रकार, 24 आवेदन स्वीकार किए गए और 5994 गलत आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए।
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक पोस्ट में दावा किया कि चुनाव आयोग ने ''मतदाता चोरी'' पर ''ताला'' तभी लगाया जब उन्होंने इस मुद्दे को उठाया।
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