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    EC: 345 राजनीतिक दलों को सूची से हटाएगा चुनाव आयोग, छह सालों से एक भी चुनाव में नहीं लिया हिस्सा

    Updated: Fri, 27 Jun 2025 05:52 AM (IST)

    चुनाव आयोग ने गुरुवार को पिछले छह साल से निष्क्रिय 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपीएस) को सूची से हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी ...और पढ़ें

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    345 राजनीतिक दलों को सूची से हटाएगा चुनाव आयोग (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने गुरुवार को पिछले छह साल से निष्क्रिय 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपीएस) को सूची से हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी है। यह कदम मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ उठाया गया है।

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    आयोग के अनुसार ये दल होंगे निष्क्रिय

    आयोग के अनुसार, इन दलों ने 2019 से अब तक यानी पिछले छह वर्षों में एक भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है, जो पंजीकरण बनाए रखने की एक जरूरी शर्त है। साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि इन पार्टियों के कार्यालय भी कहीं पर मौजूद नहीं हैं, यानी ये केवल कागजों पर ही दर्ज हैं।

    आयोग के अनुसार, देश भर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ये 345 राजनीतिक दल सक्रिय होने का दावा करते हैं, लेकिन वास्तविक रूप से ऐसा कोई प्रमाण नहीं है। संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है।

    सुप्रीम कोर्ट ने पहले चुनाव आयोग को रोक दिया था

    अधिकारियों ने बताया कि 2001 से अब तक चुनाव आयोग ने निष्क्रिय आरयूपीपी को ''तीन से चार'' बार समाप्त करने की प्रक्रिया अपनाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की ''मान्यता समाप्त'' करने से रोक दिया था, क्योंकि ऐसा करना कानून के तहत निर्धारित नहीं है।

    हालांकि, चुनाव आयोग ने ''पार्टियों को सूची से हटाने'' का एक तरीका खोज लिया है। चुनाव आयोग के एक पूर्व पदाधिकारी ने बताया कि सूची से हटाए गए दलों को चुनाव आयोग द्वारा नई मान्यता दिए बिना फिर से सूचीबद्ध किया जा सकता है।

    67 राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल

    2,800 से अधिक आरयूपीपी के अलावा, देश में छह राष्ट्रीय और 67 राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। कुछ आरयूपीपी को पहले भी आयकर कानूनों और मनी लांड्रिंग अधिनियम का उल्लंघन करते देखा गया है।

    चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में 2800 से ज्यादा आरयूपीपीएस दर्ज

    फिलहाल चुनाव आयोग के रिकाॉर्ड में 2800 से ज्यादा आरयूपीपीएस दर्ज हैं, लेकिन इनमें से कई दल जरूरी शर्तें पूरी नहीं कर रहे हैं। आयोग ने कहा कि ऐसे दलों को सूची से हटाने की प्रक्रिया जारी है ताकि चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और जिम्मेदार बनाया जा सके। यह कदम बिहार चुनाव से पहले उठाया गया है। सूची से हटाई गई पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतार सकतीं।