बिहार में बस 'परिवार' सबकुछ: इस पैटर्न पर होती है वोटिंग, आयोग के सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा
बिहार में मतदान को लेकर एक दिलचस्प खुलासा हुआ है। सीईओ कार्यालय के सर्वे के अनुसार यहाँ मतदान का निर्णय व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा परिवार मिलकर लेता है। लगभग 41.4% मतदाता अपने परिवार की राय से प्रभावित होते हैं। इसके अतिरिक्त मतदाता पार्टी और प्रत्याशी के व्यक्तिगत संपर्क को भी महत्व देते हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा। बिहार में अब भी चुनाव के दिन मतदान पर निर्णय व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरा परिवार करता है। चुनाव आयोग की ओर से कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से कराए गए नालेज एटीट्यूट एंड प्रैक्टिस (केएपी) सर्वे रिपोर्ट 2024 में इसकी पुष्टि हुई है।
बिहार के 243 विधासभा क्षेत्र सर्वे के रिपोर्ट अनुसार 41.4 प्रतिशत मतदाताओं का मतदान निर्णय उनके परिवार की राय से प्रभावित होता है।
मतदान भले ही ईवीएम में एक व्यक्ति करता है पर मतदान करने का निर्णय पूरा घर लेता है। यह सामाजिक व्यवहार बिहार को दूसरे राज्यों से अलग करता है, जहां अक्सर व्यक्ति विशेष की राजनीतिक पसंद प्रमुख होती है।
इसके अलावा सर्वे के दौरान जब मतदाताओं से मतदान को लेकर कई प्रकार के प्रश्न पूछे गए तो उन्होंने बेवाकी से जवाब दिया।
राजनीतिक दलों के प्रति मतदाताओं की निष्ठा अब भी जागृत है। सर्वे में 32.2 प्रतिशत मतदाताओं ने बताया कि वे पार्टी के आधार पर मतदान करते हैं।
इसके अतिरिक्त पार्टी के समानांतर प्रत्याशी के कनेक्शन को भी मतदाताओं ने प्राथमिकता दी है। मतदान करने वाला हर तीसरा मतदाता (33.9 प्रतिशत ) ने बताया कि प्रत्याशी के व्यक्तिगत संपर्क से प्रभावित होकर वे मतदान करते हैं।
जब सर्वे कराया गया तो उसमें 32.8 प्रतिशत मतदाताओं की राय थी कि मतदान के समय अच्छा प्रत्याशी देखकर मत डालते हैं तो 22.4 प्रतिशत का मानना है कि मतदान में धनबल का प्रयोग किया जाता है।
26 प्रतिशत से अधिक महिलाएं बोलीं
सर्वे में 37.5 प्रतिशत किसान एवं श्रमिक, जबकि 26.7 प्रतिशत गृहणियां (महिलाएं) , 10.8 प्रतिशत विद्यार्थी एवं 10.6 प्रतिशत स्वरोजगार में लगे हुए लोग सम्मिलित हुए थे।
इसमें 55.1 प्रतिशत प्रतिभागियों ने बताया था कि इंटरनेट मीडिया का उपयोग करते हैं।वहीं, सर्वें में सम्मिलित 99.2 प्रतिशत के ईपिक (मतदाता पहचान पत्र) होने की पुष्टि की थी।
सर्व समाज की सहभागिता
आयोग के सर्वे में सर्व समाज की सहभागिता सुनिश्चित की गई थी। इसमें सामान्य वर्ग से 26 .1 प्रतिशत, ओबीसी 47 प्रतिशत, एएससी 25.7 प्रतिशत एवं एसटी समाज के 1.2 प्रतिशत लोगों की भागीदारी रही थी। इसमें कुल 41913 लोग सम्मिलित हुए थे।
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