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    Bihar Assembly Elections 2025: भोजपुर में दो ध्रुवीय राजनीति के बीच विकल्प को अंगड़ाई ले रहा जन सुराज

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 11:54 AM (IST)

    वर्षो से दो ध्रुवीय राजनीति का केंद्र रहा विधानसभा में नई शक्ति बन रहा है जन सुराज नई शक्ति बनकर दस्तक दे रही रही हैं। पार्टी की बेहद ही संजीदगी से एक खास रणनीति के तहत अपनी पैठ ऐसे समाज मे बनाकर रही जो हमेशा से हाशिये पर रही हैं।

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    दो ध्रुवीय राजनीति के बीच विकल्प को अंगड़ाई ले रहा जन सुराज

    दिलीप ओझा, जागरण. शाहपुर(भोजपुर)। वर्षो से दो ध्रुवीय राजनीति का केंद्र रहा विधानसभा में नई शक्ति बन रहा है जन सुराज नई शक्ति बनकर दस्तक दे रही रही हैं। पार्टी की बेहद ही संजीदगी से एक खास रणनीति के तहत अपनी पैठ ऐसे समाज मे बनाकर रही जो हमेशा से हाशिये पर रही हैं। इसके लिए पार्टी द्वारा नए व स्वच्छ चेहरे को चुनावी अभियान के लेकर के आयी है।

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    साथ ही पार्टी को नए कलेवर व जनता से जोड़ने के लिए स्थानीय लोगों पर ही दाव लगाया है। जिसका लाभ भी पार्टी को होता दिख रहा है। पार्टी से वंचित व बैद्धिक रूप से अगड़े लोग अधिक शामिल हो रहे हैं। पार्टी का प्रचार अभियान भी दूसरे दलों से बेहद ही अलग है और लोगो को जोड़ने वाले स्लोगन व वायदे। ध्रुवीकरण की राजनीति से तंग आ चुके लोग भी हो सकता है कि इस तरह की राजनीति को तिलांजली दे और राजनीति के नये विकल्प को अपना ले।

    वर्षो से विधानसभा की जनता के पास परिवारवाद व आपसी कट्टरता वालो लोगो के बीच ही आमजन पिसते आये हैं। ऐसे में विकल्प के तौर पर जनता भी नयापन तलाश रही है। क्या पता जनता को यह नयापन जन सुराज में दिख जाए। छोटे छोटे नुक्कड़ सभाओं से लेकर बड़ी सभाओं तक मे लोगों का आना राजनीतिक दलों के लिए चुनौती प्रस्तुत कर सकता है। इसका मुख्य कारण पार्टी से जुड़े लोगों का व्यवहार व पारिवारिक पृष्ठभूमि भी हैं। साथ ही जनता के बीच अपने को नए अंदाज में पेश करना भी है।

    जिसमें स्वतंत्रता सेनानी के घर की पृष्ठभूमि से आये आइआइटीयन विनय कृष्ण मिश्र हो या फिर लोगों को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने वाली पृष्ठभूमि की पूर्व सिविल सर्जन डा. ललितेश्वर झा की पत्नी अनुरानी झा हो। वही शिक्षविद पद्दमा ओझा भी स्थानीय विरासत को समेटे हुए हैं। इसके केंद्र में बिंदु में स्वयं पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर हैं। क्योंकि प्रशांत किशोर का शाहपुर से पुराना नाता रहा है।

    उनका बचपन व प्रारंभिक शिक्षा भी शाहपुर से ही हुई है। उनके पिता शाहपुर में प्रतिष्ठित चिकित्सक थे और उनके पारिवारिक मित्रों की जमात काफी बड़ी है। फिलहाल पार्टी का फोकस आम जनता के बीच किसी भी तरह से अपनी पहुंच बनाना और अपने पार्टी के संदेशों से उन्हें अवगत कराना है।