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    Bihar Assembly Election 2025: हर गठबंधन में टिकट को लेकर उलझे हैं गांठ, दावे और रोडे से दरक रही है एकता

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 03:07 PM (IST)

    बिहार के शेखपुरा विधानसभा सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं जहाँ 2025 के चुनाव में कांटे की टक्कर होने की संभावना है। महागठबंधन और एनडीए दोनों में टिकट के दावेदारों की लंबी कतार है। राजद जदयू कांग्रेस वीआईपी और अन्य सहयोगी दल अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

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    हर गठबंधन में टिकट को लेकर उलझे हैं गांठ

    अरविंद कुमार, शेखपुरा। बिहार की 243 विधान सभा सीटों में अगर 100 को हाट और महत्वपूर्ण सीटे छांटने की बात हो तो शेखपुरा भी उसमें शामिल है। प्रत्येक चुनाव में समूचे बिहार की नजर शेखपुरा सीट पर रहती है और रहे भी क्यों नहीं इसका प्रतिनिधित्व अतीत में श्रीबाबू और राजो सिंह जैसे दिग्गज कर चुके हैं। हाट सीट है तो टिकट को लेकर चर्चा भी गरमाया हुआ रहता है।

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    फिलहाल इस सीट पर महागठबंधन (राजद) का कब्जा है। 2020 के चुनाव में राजद ने एनडीए (जदयू) को पराजित करके यह जीत हासिल की थी। इससे पहले 2010 से 2020 तक लगातार दो चुनावों में यहां से जदयू ने बाजी मारी थी। जदयू ने कांग्रेस के गढ़ को ढाह कर अपना परचम लहराया था। 2020 की तरह इस बार भी सीधा मुकाबला महागठबंधन तथा एनडीए के बीच होने की संभावना है। मगर प्रत्याशियों के चेहरे अभी साफ नहीं हुए हैं,क्योकि दोनों गठबंधनों में टिकट के दावेदारों की लंबी कतार है।

    राजद की जीती हुई सीट पर भी टिकट के लिए महागठबंधन के ही सहयोगी कांग्रेस और वीआईपी चुनौती दे रही है। राजद का ही एक गुट आलाकमान तक अपनी जुगत भिड़ाकर प्रत्याशी का चेहरा बदलने की रणनीति भिड़ा रहा है। कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट पर नए समीकरण के बूते टिकट का दावा कर रही है। इधर एनडीए की बात करें तो यहां महागठबंधन से भी अधिक मारामारी है। यहां पांचों सहयोगी दल टिकट पाने के लिए एक-दूसरे को लंघी  मारने में लगे हैं।

    जदयू का दावा है 2010 से 2020 तक लगातार काबिज रहने और 2020 में पहले से अधिक वोट लेकर मामूली अंतर से पराजित होने के कारण यहां टिकट जदयू को ही मिलना तय है। दूसरी तरफ सहयोगी दलों भाजपा,रालोमो तथा लोजपा इस तर्क के साथ अपने लिए टिकट का दावा कर रही है कि यह सीट महागठबंधन से छीननी है इसलिए टिकट किसी नए सहयोगी को मिलेगा।

    टिकट की इस खीच-खीच में रालोमो के साथ भाजपा जदयू के लिए बड़ी बाधा खड़ी कर रही है। इधर तीसरे सहयोगी लोजपा पिछले चुनाव में मिले वोट का वास्ता देकर अपना दावा पेश कर रही है। टिकट के इस खेल में जीतन राम मांझी की हम भी अपना पेंच फंसाने में लगा है। टिकट की इस मारामारी में जदयू का एक खेमा प्रत्याशी का चेहरा बदलने की जुगत भिड़ाने के लिए पटना में लाबिंग कर रहा है। टिकट के इन दावेदारों के राजनीतिक गणित के अपने-अपने समीकरण हैं,जिनको काटना सामान्य लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है।