अनधिकृत कॉलोनियों के मुद्दे पर ट्विटर पर भिड़े केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और मनीष सिसोदिया
अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमतीकरण के मुद्दे पर मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच ट्विटर वार शुरू हो गया।
नई दिल्ली, ऑन लाइन डेस्क। दिल्ली विधानसभा चुवाव से पहले अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमतीकरण को लेकर राजनीति गरमा गई है। अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमतीकरण के मुद्दे पर मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच ट्विटर वार शुरू हो गया। दोनों नेता ट्विटर पर एक-दूसरे पर निशाना साधने लगे।
दरअसल मनीष सिसोदिया ट्विटर पर हरदीप सिंह पुरी से पूछा कि अब आप कह रहे हैं कि अवैध कॉलोनिया नियमित नही की जा रही हैं!! यानि आप कह रहे हैं कि अनाधिकृत कालोनियां नियमित करने की आपकी घोषणा और बीजेपी का पूरा प्रचार अभियान भी एक 'जुमला' ही था?
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि आपकी वेबसाइट पहले कह रही थी कि ये कॉलोनियों या मकानों नियमतीकरण नहीं है। इसका जवाब अब भी आप नहीं दे रहे हैं।
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह ने ट्विटर पर कहा कि कल मैंने आपसे कुछ पूछा था उसका जवाब कब देंगे? क्या आप पता लगा पाए कि रेगुलराइज़ेशन के रास्ते में दिल्ली सरकार के किस-किस विभाग को काम करना पड़ेगा? हां या ना?। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि देखिए हम तो अपना काम कर ही रहे हैं लेकिन थोड़ा कष्ट तो आप को भी उठाना पड़ेगा।
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में हरदीप सिंह पुरी ने मनीष सिसोदिया को जवाब देते हुए कहा कि आप तो लोगों को मालिकाना हक मिलने से काफी परेशान हो गए हैं। खैर, लोग समझ सकते हैं। किसी नौसिखिया पार्टी के हाथ से जब कोई ऐसा मुद्दा फिसल जाए जिसपे उसको वर्षों राजनीति करनी हो तो ऐसा ही होता है। वैसे इन कॉलिनियों का रेगुलराइज़ेशन अवश्य होगा। उन्होंने कहा कि जब इन कॉलिनियों में रहने वालों को अपने घरों के लिए लोन मिल सकेंगे, वो मकानों के नक्शे पास करवा सकेंगे और इन कॉलिनियों में पुनर्विकास हो सकेगा तो उनको इतनी तकलीफ़ क्यों है?
एक अन्य ट्वीट में हरदीप पुरी ने कहा कि वैसे वो इस बात का जवाब दें कि क्या उन्हें अब लोगों से झूठ बोलकर उन्हें भटकाना बंद कर देना चाहिए या नहीं?। दिल्ली सरकार की निंदा करते हुए उन्होंने लिखा, ' साफ दिख रहा है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री अनुभव की कमी के कारण कुछ चीज़ें समझ नहीं पा रहे हैं और उन्हीं एक दो शब्दों के जाल में उलझे पड़े हैं जो उन्होंने सुन रखे हैं। डीडीए की जिस वेबसाइट की वो बार बार रट लगा रहे हैं उसमें भी उनको समझाने के लिए चीजें सरल कर दी गयी हैं'।
इसके बाद मनीष सिसोदिया ने एक फिर ट्वीट करके हरदीप सिंह पुरी से कहा कि पहले आपने दो लाइन में उदय योजना के बारे में लिखा हुआ था-'यह अनाधिकृत कॉलोनियों या उनके मकानों का नियमतीकरण नहीं है'। थोड़ा सरल करके बता दीजिए कि यह अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमतीकरण है अथवा नही? हां या ना?।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि हरदीप पुरी सर मैं तो दो शब्दों में जानना चाह रहा हूं कि आपकी ये उदय योजना अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमतीकरण है या नहीं? हां या ना?।
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