Delhi Assembly Election 2020: जानिए- दिल्ली की किस सीट पर जीतने वाला विधायक बनता है मंत्री
Delhi Assembly Election 2020 मालवीय नगर विधानसभा सीट को दिल्ली को मंत्री देने वाले विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Assembly Election 2020 : मालवीय नगर विधानसभा सीट को दिल्ली को मंत्री देने वाले विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। अब तक इस सीट से चार विधायक मंत्री रह चुके हैं। आम आदमी पार्टी के अस्तित्व में आने से पहले इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर रहती थी, लेकिन AAP के आने के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया और यह सीट भी आप की झोली में आ गई। हालांकि पिछली बार इस सीट से जीते AAP उम्मीदवार को मंत्री पद नहीं मिला था। हालांकि, इस सीट से एक बार भाजपा, तीन बार कांग्रेस और दो बार AAP को जीत मिली है, सभी को मंत्री पद मिली है।
विधानसभा गठन के बाद 1993 में हुए पहले चुनाव में भाजपा के राजेंद्र गुप्ता और कांग्रेस के डॉ. योगानंद शास्त्री के बीच कांटे का मुकाबला हुआ था। जिसमें शास्त्री को महज 258 मतों से शिकस्त मिली थी। राजेंद्र गुप्ता को भाजपा की पहली सरकार में परिवहन मंत्री बनाया गया। लेकिन, 1998 के विधानसभा चुनाव में डॉ. योगानंद शास्त्री ने राजेंद्र गुप्ता को आठ हजार मतों से पराजित किया और वह शीला सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री बने। कांग्रेस ने 2003 के चुनाव में भी डॉ. योगानंद शास्त्री पर ही दांव लगाया, लेकिन भाजपा ने सीट को फिर से हासिल करने के लिए मोनिका अरोड़ा को चुनावी दंगल में उतारा। मोनिका को 4520 मतों से पराजित कर शास्त्री स्वास्थ्य मंत्री बने।
2008 में परिसीमन में इस क्षेत्र का काफी हिस्सा महरौली के साथ जोड़ दिया गया। इसलिए डॉ. योगानंद शास्त्री महरौली से चुनावी किस्मत आजमाने चले गए और कांग्रेस ने मालवीय नगर से प्रोफेसर किरण वालिया को उतारा। भाजपा ने रामभज को यहां से टिकट दिया। लेकिन किरण वालिया 3732 मतों से विजयी होकर विधानसभा में पहुंचीं और मंत्री बनीं।
वर्ष 2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने मुकाबले को रोचक बना दिया। कांग्रेस की ओर से एक बार फिर से प्रोफेसर किरण वालिया चुनाव मैदान में थीं। जबकि भाजपा ने आरती मेहरा पर दांव लगाया। वहीं, आप ने सोमनाथ भारती को चुनाव मैदान में उतारा। भारती ने 7772 मतों से जीत हासिल कर कांग्रेस व भाजपा को तगड़ा झटका दिया। उन्हें अरविंद केजरीवाल की 49 दिनों की सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था।
2015 में हुए चुनाव में आप ने फिर से सोमनाथ भारती को मैदान में उतारा। वहीं भाजपा ने एक बार फिर प्रत्याशी बदला और नंदिनी शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा। कांग्रेस ने भी अपने पुराने दिग्गज डॉ. योगानंद शास्त्री पर दांव खेला, लेकिन जीत फिर से आप की झोली में आ टपकी। सोमनाथ भारती ने भाजपा की नंदिनी शर्मा को करीब 16 हजार मतों से पराजित किया।