Delhi Chunav 2025: 1993 में आखिरी बार दिल्ली की ये सीट जीती थी भाजपा, AAP को हैट्रिक लगाने का मौका
चांदनी चौक विधानसभा सीट पर कांग्रेस और आप ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने मुदित अग्रवाल को टिकट दिया है जबकि आप ने प्रहलाद सिंह साहनी के बेटे पुरनदीप साहनी को मैदान में उतारा है। भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में आप के प्रह्लाद सिंह साहनी ने जीत हासिल की थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।delhi vidhan sabha chunav 2025: देश-विदेश में प्रसिद्ध चांदनी चौक के चुनाव परिणामों पर देशभर की निगाह रहती है, क्योंकि दिल्ली के साथ ही देश के प्रमुख कारोबारी हब के रूप में पहचान जाने वाले चांदनी चौक ( Chandni Chowk vidhan sabha seat) के चुनावी नतीजे को व्यापारियों के संदेश से जोड़ा जाता है।
हालांकि, भाजपा (BJP candidate) द्वारा अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं करने से चांदनी चौक की राजनीतिक तस्वीर धुंधली है, लेकिन कांग्रेस पार्टी व आप ने जो दांव चला हैं, उसमें दोनों ने स्पष्ट किया है कि वे पार्टी नीतियों व कार्यों के साथ कद्दावर नेताओं के विरासत की तिकड़ी के साथ चुनावी जंग लड़ेंगे।
आप ने इन्हें दिया टिकट
कांग्रेस पार्टी (Congress Candidate) ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व सांसद व चांदनी चौक की राजनीति में गहरी पकड़ रखने वाले जय प्रकाश अग्रवाल के पुत्र मुदित अग्रवाल को जहां टिकट थमाया है, वहीं, आप ने पांच बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे मौजूदा विधायक प्रहलाद सिंह साहनी के पुत्र व चांदनी चौक के पार्षद पुरनदीप साहनी को चुनावी रण में उतारा है।
जहां तक इसके पहले वर्ष 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों की बात करें तो उस विधानसभा चुनाव में आप ने प्रह्लाद सिंह साहनी को, कांग्रेस पार्टी ने अलका लांबा तथा भाजपा ने सुमन गुप्ता को मैदान में उतारा था, जिसमें 65.92 प्रतिशत मत लेकर प्रह्लाद सिंह साहनी विजयी रहे थे जबकि भाजपा के प्रत्याशी को उनसे आधे से भी कम 21,307 यानि कुल पड़े मत का केवल 27.6 प्रतिशत मत मिला था।
इस सीट से जीत चुकी है अलका लांबा
जबकि, निर्वतमान विधायक अलका लांबा को महज 3,881 मत, जो कुल पड़े मत का मात्र 5.03 प्रतिशत हिस्सा मिला था। जबकि, उसके पूर्व वर्ष 2015 में जब अलका लांबा आप की टिकट से चुनाव लड़ी थीं तब वह कुल पड़े मत का 49.35 प्रतिशत तथा कुल 36,756 मत लेकर विजयी हुई थी तथा कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े प्रह्लाद सिंह साहनी तब तीसरे नबंर पर आए थे। वर्ष 2015 के चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार सुमन गुप्ता दूसरे नंबर पर रहे थे।
जो यह बताता है कि चांदनी चौक बराबर सत्ता के साथ चलती रही है। आम आदमी पार्टी (AAP candidate) के राजनीतिक प्रार्दुभाव से पहले जब दिल्ली में शीला की सरकार थी तब 1998 के चुनाव से लगातार तीन बार प्रह्लाद सिंह साहनी ने कांग्रेस पार्टी से जीत दर्ज की थी।
वर्ष 2013 के भी चुनाव में वह जीते थे, लेकिन तब कांग्रेस पार्टी कमजोर होकर सत्ता से बाहर हुई और आम आदमी पार्टी दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस पार्टी के सहयाेग से ही सत्ता में काबिज हुई। वहीं, यहां से आखिरी बार वर्ष 1993 में राम मंदिर आंदोलन की लहर में भाजपा से वासदेव कप्तान ने चुनाव जीता था। उसके बाद से 31 साल से भाजपा चांदनी चौक से बाहर है।
विधानसभा क्षेत्र में 30 प्रतिशत से अधिक मतदाता मुस्लिम
वैसे, इस बार के चुनाव में आप के उम्मीदवार पुरनदीप साहनी के लिए राह आसान नहीं होगी, क्योंकि पिता -पुत्र की जोड़ी के विधायक-पार्षद होने के चलते सत्ता विरोधी रूझान का डर है, दूसरे इस बार मुस्लिम मतदाताओं में अपेक्षाकृत मजबूत प्रत्याशी के साथ कांग्रेस पार्टी की घुसपैठ का प्रयास तेज है।
इमामों और मुअज्जिन के 18 माह से बकाया वेतन की मांग को दिल्ली सरकार द्वारा गंभीरता से न लेने के साथ ही आप द्वारा पुजारियों तथा ग्रंथियों को सम्मान राशि देने की चुनावी घोषणा को मुस्लिम इलाकों में अच्छे रूप में नहीं लिया जा रहा है।
जबकि, इस विधानसभा क्षेत्र में 30 प्रतिशत से अधिक मतदाता मुस्लिम हैं। इस बार उनका झुकाव कांग्रेस पार्टी की ओर अधिक हो सकता है। वैसे, आप और कांग्रेस पार्टी की जोरदार टक्कर में फायदा भाजपा का भी हो सकता है। फिलहाल उसके पत्ते नहीं खुले हैं।
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