बाबरपुर विधानसभा सीट पर गोपाल राय के खिलाफ कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव, क्या इस बार होगा कमाल?
Delhi Election 2025 बाबरपुर विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। आप के पूर्व विधायक हाजी इशराक खान को राय की टक्कर में उतारा है। इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ठीक ठाक है। तीन बार कांग्रेस यहां मुस्लिम प्रत्याशियों पर दाव खेल चुकी है। लेकिन वह प्रत्याशी यहां कमाल नहीं दिखा सके।

शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। उत्तर पूर्वी जिले में बाबरपुर राजनीतिक नजरिये से हाट सीट है। इस सीट पर पिछले दो विधानसभा चुनाव से आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रमुख व दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय काबिज है। इस बार कांग्रेस ने इस सीट पर ऐसा पत्ता फेंका है, जिससे मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।
आप के पूर्व विधायक हाजी इशराक खान को राय की टक्कर में उतारा है। इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ठीक ठाक है। तीन बार कांग्रेस यहां मुस्लिम प्रत्याशियों पर दाव खेल चुकी है। लेकिन वह प्रत्याशी यहां कमाल नहीं दिखा सके।
इस बार फिर से कांग्रेस ने मुस्लिम उम्मीदवार पर भराेसा जताते हुए मैदान में उतारा है। वर्ष 1998 में कांग्रेस ने इस सीट पर अब्दुल हमीद को मैदान में उतारा था, वह बहुत कम अंतर से चुनाव में हारे थे।
गोपाल राय को भाजपा के प्रत्याशी ने पछाड़ा
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आम आदमी पार्टी के गठन के बाद कांग्रेस के काफी मतदाता पार्टी को छोड़कर आप में चले गए थे। वर्ष 2013 में इस सीट से आप के कद्दावर नेता गोपाल राय (Gopal Rai) को भाजपा के प्रत्याशी ने हरा दिया था।
कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशी यहां दूसरे नंबर पर रहे थे, जबकि राय तीसरे स्थान पर थे। वर्ष 2015 में आप ने दिल्ली में मजबूती से चुनाव लड़ा और यहां से राय पहली बार आप से विधायक बने।
इस चुनाव में कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारा था, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस ने इस वर्ष होने वाले चुनाव में फिर से मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है, वह कितना कमाल कर पाएंगे। यह चुनाव में पता चलेगा।
जब शर्मा ने रोक था भाजपा के दिग्गज विधायक गौड़ का विजय रथ
बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से नरेश गौड़ चार बार विधायक रहे हैं। वर्ष 1993 में वह पहली बार और दूसरी बार 1998 में विधायक बने। भाजपा ने उनपर तीसरी बार भरोसा जताकर वर्ष 2003 के चुनाव में उन्हें फिर से मैदान उतार दिया।
उधर कांग्रेस ने पहली बार विनय शर्मा चुनानी मैदान में उतारा। शर्मा ने गौड़ के विजय रथ को थामकर यहां जीत का परचम लहराया। कांग्रेस वर्ष 2003 में ही यह सीट जीत सकी। उसके बाद यहां भाजपा आप का कब्जा रहा।
वर्ष | नाम | वोट मिले | हारने का वोट अंतर |
1998 | अब्दुल हमीद | 21,643 | 967 |
2013 | जाकिर खान | 29,673 | 4,507 |
2015 | जाकिर खान | 9,952 | 66,227 |
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