Haryana Election Result 2019: हरियाणा में केजरीवाल के योद्धा पस्त, सभी 46 उम्मीदवारों का बुरा हाल
Haryana election Result 2019 पहली बार हरियाणा विधानसभा की 46 सीटों पर चुनाव लड़ रही दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) पस्त नजर आ रही है।
नई दिल्ली/गुरुग्राम [आदित्य राज/ऑनलाइन डेस्क]। Haryana Election Result 2019 : हरियाणा विधानसभा चुनाव के तहत मतों की गिनती अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, नतीजे आने भी शुरू हो गए हैं। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) और कांग्रेस (Congress) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है, वहीं, पहली बार 90 में से हरियाणा विधानसभा की सिर्फ 46 सीटों पर चुनाव लड़ रही दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) पस्त नजर आ रही है। इतना ही नहीं, सभी 46 सीटों पर आम आदमी पार्टी उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने की खबर आ रही है। इतना ही सबसे बड़ा झटका तो आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद (Haryana Aam Aadmi President Navin Jaihind) को लगा है, क्योंकि उन पर AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल ने उन पर बड़ा दांव लगाया था।
दिल्ली चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल को झटका
यह अलग बात है कि अरविंद केजरीवाल के साथ उनके मंत्रिमंडल के किसी सहयोगियों ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं किया था, लेकिन सभी 46 सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी, इसका अंदाजा पार्टी के किसी बड़े नेता को नहीं था। बता दें कि खुद AAP ने हरियाणा में केजरीवाल समेत कई वरिष्ठ नेताओं के प्रचार में शिरकत नहीं करने की बात कही थी।
दिल्ली चुनाव पर पड़ सकता है असर
ऐसा माना जा रहा है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में अगर आम आदमी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती तो इसका सकारात्मक असर दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 पर भी पड़ता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि अगर हरियाणा में AAP अच्छा प्रदर्शन करती तो उसका सकारात्मक असर अगले कुछ महीनों में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव पर भी पड़ता है।
केजरीवाल अपने गढ़ में भी नहीं हुए कामयाब
यहां पर बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल मूलरूप से हिसार के रहने वाले हैं। इतना ही नहीं, पिछले कुछ सालों के दौरान उन्होंने कई रैलियां भी कीं थी। इतना ही नहीं, ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए अरविंद केजरीवाल ने नवीन जयहिंद को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर आगे बढ़ाया था।
वहीं नवीन जयहिंद ने भी ब्राह्म्ण कार्ड खेलते हुए इसे भुनाने की कोशिश की थी। इसी कड़ी में वे चुनाव प्रचार में फरसे के साथ नजर आए। हालांकि, उन्हें चुनाव आयोग की ओर हिदायत भी दी थी, लेकिन वह नहीं माने।
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