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    Chhattsigarh Result 2023: PM मोदी की हर संभाग में सभा और हिंदुत्व के मुद्दे से भाजपामय हुई छत्तीसगढ़ विधानसभा

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Mon, 04 Dec 2023 11:55 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ में भाजपा की ओर से उठाए गए हिंदुत्व से जुड़े विषयों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभी संभागों में हुईं सभाओं ने उसकी सत्ता की राह आसान की। आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पीएम मोदी ने सभी संभागों में एक-एक करके पांच बड़ी चुनावी सभाएं की। इस बार प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा में पहली बार भाजपा के 54 विधायक चुने गए।

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    भाजपा की जीत का जश्न मना रहा आलाकमान (फोटो: एएनआई)

    राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा की ओर से उठाए गए हिंदुत्व से जुड़े विषयों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभी संभागों में हुईं सभाओं ने उसकी सत्ता की राह आसान की। आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पीएम मोदी ने सभी संभागों में एक-एक करके पांच बड़ी चुनावी सभाएं की। उन्होंने हिंदुत्व, मतांतरण, लव-जिहाद, भ्रष्टाचार जैसे तमाम मुद्दों पर कांग्रेस की घेराबंदी की। साथ ही '30 टका, भूपेश कक्का' और 'अउ नई सहिबो, बदल के रहिबो' (अब नहीं सहेंगे, बदलकर रहेंगे) जैसे नारों से मतदाताओं को साधा।

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    भूपेश सरकार को भाजपा नेताओं ने जमकर घेरा

    इसका असर भाजपा की सबसे बड़ी जीत के रूप में सामने आया और प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा में पहली बार भाजपा के 54 विधायक चुने गए। भाजपा के अन्य शीर्ष नेताओं ने भी 35 दिनों में 106 सभाएं संबोधित कीं, जिनमें भूपेश सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई।

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    साजा विधानसभा क्षेत्र के बिरनपुर में सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए भुवनेश्वर साहू का मुद्दा चुनावी मुद्दे में बदल गया। भाजपा ने सांप्रदायिक हिंसा के बाद हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर न सिर्फ भूपेश सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी अपितु भुवनेश्वर के पिता ईश्वर साहू को प्रत्याशी बनाकर संदेश भी दिया।

    अमित शाह ने खेला हिंदुत्व कार्ड

    प्रचार अभियान के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी जोरदार तरीके से हिंदुत्व का कार्ड खेला। उन्होंने साजा में कहा कि भूपेश कका के राज में बेमेतरा लव-जिहाद का केंद्र बना, साहू, लोधी और गोंड समाज की बेटियां इनके निशाने पर हैं और सरकार कुंभकरण की नींद सो रही है। इन्हें सिर्फ आप जगा सकते हो।

    इसके अलावा उन्होंने भुवनेश्वर के हत्यारों को चुन-चुनकर जेल में डालने की बात कही थी। मिलती-जुलती तस्वीर कवर्धा विधानसभा से भी आई। यहां भगवा झंडा विवाद में आवाज उठाने वाले युवा भाजपा नेता विजय शर्मा को पार्टी ने कद्दावर मंत्री मोहम्मद अकबर के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा और वह परास्त हुए।

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    EC ने हिमंत बिस्वा सरमा को भेजा था नोटिस

    कवर्धा में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हिंदुत्व के मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर ध्रुवीकरण की पूरी कोशिश की। उन्होंने मोहम्मद अकबर पर विवादास्पद कटाक्ष भी किया कि अगर अकबर को यहां से नहीं भेजा गया तो माता कौशल्या की भूमि अपवित्र हो जाएगी। अगर एक अकबर कहीं आता है तो 100 अकबरों को बुलाता है, इसलिए जितनी जल्दी हो सके उसे विदा करो। इस मामले में चुनाव आयोग ने सरमा को नोटिस भी जारी किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कवर्धा में हुंकार भरी थी।

    राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार, हिंदुत्व के मुद्दे ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका असर चुनाव परिणाम में भी दिखा।