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    CG Election 2018: चार अनुभवी ब्राह्मण विधायकों में से तीन बन सकते हैं मंत्री

    By Sandeep ChoureyEdited By:
    Updated: Wed, 12 Dec 2018 10:16 AM (IST)

    Brahmin legislator मंत्रिमंडल के लिए चार ब्राह्मण विधायक अमितेष शुक्ल, सत्यनारायण शर्मा, रविंद्र चौबे व अस्र्ण वोरा का नाम चल रहा है

    CG Election 2018: चार अनुभवी ब्राह्मण विधायकों में से तीन बन सकते हैं मंत्री

    रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही जिस तरह से मुख्यमंत्री के नाम को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है, उसी तरह से 13 मंत्रियों के नाम को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। पार्टी जातिगत और क्षेत्रबार समीकरण को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल बनाएगी। अनुभवी विधायकों का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है।

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    कुछ नए युवा चेहरे भी होंगे। जातिगत समीकरण की बात करें तो चार अनुभवी ब्राह्मण विधायकों में से तीन को मंत्री की कुर्सी मिल सकती है, जबकि एक को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

    मंत्रिमंडल के लिए चार ब्राह्मण विधायक अमितेष शुक्ल, सत्यनारायण शर्मा, रविंद्र चौबे व अस्र्ण वोरा का नाम चल रहा है, लेकिन शर्मा या चौबे को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जोगी सरकार में शुक्ल पंचायत मंत्री, शर्मा स्कूल शिक्षा मंत्री, चौबे उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। वोरा तीसरी बार विधायक बने हैं और वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोतीलाल वोरा के पुत्र हैं।

    मंत्रिमंडल से पहले तो मुख्यमंत्री का नाम तय होगा। उसके बाद बचे हुए नेताओं पर मंत्रिमंडल के लिए विचार होगा। भूपेश बघेल के काम को देखकर हाईकमान ने उन्हें लगातार दूसरी बार पीसीसी अध्यक्ष बनाया। भाजपा सरकार के खिलाफ जिस आक्रामकता के साथ उन्होंने पार्टी को चलाया, उससे हाईकमान प्रभावित हुई।

    आक्रामकता के कारण सरकार ने उनकी पत्नी और मां पर एफआइआर कराई गई। भूपेश खुद जेल भी गए। इस कारण इनका नाम मुख्यमंत्री के लिए चल रहा है। वहीं, नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने घोषणापत्र बनाने के लिए जो मेहनत की, उससे भी हाईकमान प्रभावित है। मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम पर भी विचार हो रहा है।

    जातिगत समीकरण के आधार पर सांसद ताम्रध्वज साहू और पूर्व अनुभव के आधार पर डॉ. चरणदास महंत के नाम चर्चा में है। इसमें से किसी एक के मुख्यमंत्री बनने की संभावना है, बचे हुए तीन नेता मंत्री बनाए जाएंगे। बघेल मध्यप्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री थे, जबकि महंत पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष और मध्यप्रदेश सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके हैं।

    राजधानी होने के कारण रायपुर जिले से दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसमें सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू व डॉ. शिवकुमार डहरिया का नाम चर्चा में है। पार्टी सूत्रों की मानें तो विधानसभा अध्यक्ष के लिए साहू के नाम की भी चर्चा है। डहरिया मंत्री बन सकते हैं। जोगी सरकार में साहू कृषि व संस्कृति मंत्री रह चुके हैं। अनुभवी विधायक में मोहम्मद अकबर भी शामिल हैं, जो कि जोगी सरकार में खाद्य मंत्री रह चुके हैं।

    बस्तर-सरगुजा संभाग से चार नामों की चर्चा

    बस्तर और सरगुजा संभाग से चार नामों की चर्चा है। अगर, सरगुजा से सिंहदेव का नाम मुख्यमंत्री के लिए फाइनल होता है, तो लगातार चौथी बार विधायक बने अमरजीत भगत और आधा दर्जन से अधिक बार विधायक बने रामपुकार सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है।

    इसी तरह बस्तर से लगातार चौथी बार विधायक बने कवासी लखमा व चौथी बार के विधायक मनोज मंडावी को मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। लखमा अभी उपनेता प्रतिपक्ष और मंडावी पार्टी के आदिवासी विभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। जोगी सरकार में मंडावी गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं।

    युवा में उमेश और महिला में अनिला का नाम

    युवा मंत्री के नाम पर खरसिया से दूसरी बार विधायक बने उमेश पटेल और महिला मंत्री के नाम पर डौंडीलोहारा से दूसरी बार विधायक बनी अनिला भेड़िया का नामव चल रहा है।

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