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    CG Election 2023: बेरोजगारी के बाद कौशल विकास बना चुनावी मुद्दा, हर साल कहां जाते हैं 84 करोड़ रुपए

    CG Election 2023 छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार से जोड़ना बड़ा चुनावी मुद्दा है। कांग्रेस- भाजपा समेत अन्य सभी राजनीतिक दल युवाओं के रोजगार के दावे करते हैं। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से युवाओं को नौकरी और स्वरोजगार मिल रहा है लेकिन प्रशिक्षण करके निकल रहे युवा उतनी संख्या में नियोजित नहीं हो पा रहे हैं जितनी की जरूरत है।

    By Prince SharmaEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 15 Sep 2023 06:30 AM (IST)
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    CG Election 2023: बेरोजगारी के बाद कौशल विकास बना चुनावी मुद्दा, हर साल कहां जाते हैं 84 करोड़ रुपए

    राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार से जोड़ना बड़ा चुनावी मुद्दा है। कांग्रेस- भाजपा समेत अन्य सभी राजनीतिक दल युवाओं के रोजगार के दावे करते हैं। इसके बाद भी सभी युवाओं को उनके हुनर के हिसाब से रोजगार नहीं मिल पा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो अपडेट टेक्नालाजी के साथ युवाओं को कदमताल कराने की दरकार है।

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    इस दिशा में भूपेश बघेल सरकार काम भी कर रही है। बेरोजगार युवाओं को 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने के साथ उन्हें प्रशिक्षित कराया जा रहा है मगर प्रशिक्षित आधे युवा ही रोजगार-स्वरोजगार से जुड़ पा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री कौशल विकास: 84 करोड़ हर साल खर्च

    मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से युवाओं को नौकरी और स्वरोजगार मिल रहा है लेकिन प्रशिक्षण करके निकल रहे युवा उतनी संख्या में नियोजित नहीं हो पा रहे हैं, जितनी की जरूरत है। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के नाम पर 84 करोड़ रुपये हर साल फूंक रही है।

    प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना चलाई जा रही है। इसमें 706 कोर्स हैं, जिनमें कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। अभ्यथर्थियों के आवेदन पर निश्शुल्क प्रशिक्षण देने का प्रविधान है।

    आइटीआइ को विकसित कर रही भूपेश सरकार

    प्रदेश के 36 शासकीय आइटीआइ संस्थानों का भूपेश सरकार आधुनिकीकरण करने जा रही है। टाटा टेक्नोलाजीस लिमिटेड के सहयोग से जिन आइटीआइ का उन्नयन किया जाएगा, उनके लिए टाटा कंपनी 11 लाख 88 हजार 36 करोड़ खर्च करेगी।

    तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने बताया कि आइटीआइ संस्थानों को आधुनिक करने के लिए निविदा की प्रक्रिया चल रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में छह नवीन तकनीकी ट्रेडों में प्रशिक्षण की सुविधा प्राप्त होगी। इसमें एक वर्षीय ट्रेड में आर्टीजन यूजिंग एडवांस टूल, इंडस्ट्रीयल रोबोटिक्स एंड डिजिटल मैन्यूफैचरिंग टेक्निशियन, मैन्यूफैचरिंग प्रोसेस कंट्रोल एंड आटोमेशन शामिल हैं।