Bihar Election: चौथी जीत की तैयारी में रत्नेश सादा, विकास के दावे और विपक्ष के आरोपों के बीच सियासी जंग
सहरसा जिले के सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे रत्नेश सादा चौथी बार चुनाव जीतने की तैयारी में हैं। विपक्ष विकास न होने का आरोप लगा रहा है पर रत्नेश सादा का दावा है कि उन्होंने क्षेत्र में बहुत विकास किया है। उन्होंने सड़कों का जाल बिछाया और कई विकास कार्य किए।

कुंदन कुमार, सहरसा। जिले के 74 सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित सीट से लगातार तीन बार निर्वाचित होने वाले बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सादा चौथी बार ताज पहनने की तैयारी में जोर- शोर से जुट गए हैं। वे जिले के लगातार तीन बार जीतने वाले एकमात्र विधायक हैं।
उनपर विपक्षी जहां अनवरत जीतने के बाद भी क्षेत्र का अपेक्षित विकास नहीं किए जाने का आरोप लगाकर घेरने में लगे हैं। वहीं रत्नेश सादा का दावा है कि उनके क्षेत्र में विकास का कीर्तिमान स्थापित हुआ है। पक्ष-विपक्ष में समां बंध रहा है। लोगों के बीच तरह- तरह की चर्चा है।
अति साधारण परिवार से निकल प्रदेश की राजनीति में बनाई पहचान
कोसी के दियारा स्थित कुंदह पंचायत के बलिया सिमर गांव से आने वाले रत्नेश सादा का संबंध एक अति साधारण परिवार से है। उनके पिता दिहाड़ी मजदूर थे। रत्नेश सादा ने अपनी राजनीति की शुरुआत 1987 में की थी। वे जदयू के महादलित शाखा के अध्यक्ष थे।
वर्ष 2009 में उन्होंने सहरसा के पटेल मैदान में महादलितों का बड़ा सम्मेलन बुलाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी की नजर में अपनी जगह बना लिया। वर्ष 2010 के चुनाव में सोनबरसा सीट सुरक्षित घोषित कर दिया गया और पार्टी ने रत्नेश सादा को मैदान में उतारा भारी। बहुमत से उनकी जीत हुई।
तब से वे लगातार तीसरी बार सोनबरसा विधानसभा से जीतते आ रहे हैं। तीसरी बार जीतने के बाद उन्हें पहले अनुसूचित जाति- जनजाति कल्याण मंत्री बनाया गया और वर्तमान में वे निबंधन एवं मद्य निषेध मंत्री के पद हैं।
उनके मिलने- जुलने वाले लोगों का कहना है कि सरल स्वभाव के धनी रत्नेश सादा के लगातार जीत दर्ज होने के बाद भी उनके विचार- व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। वो अपने यहां आनेवाले हर व्यक्ति से पूरी आत्मीयता से मिलते हैं।
अपने कार्यों के कारण उन्हें जनता से फिर आशीर्वाद की है आशा
विपक्षी लगातार जीतने के बाद भी क्षेत्र का अपेक्षित विकास नहीं करने का उन पर आरोप लगाते हैं। वहीं रत्नेश सादा का दावा है कि उन्होंने अपने क्षेत्र में सबसे अधिक विकास हुआ है। कहते हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र के गांव- गांव में पुल- पुलिया और सड़कों का जाल बिछाया।
अनुसूचित जाति जनजाति मंत्री बनने पर काशनगर में 120 बेड का छात्रावास बनवाया और मद्य निषेध मंत्री बनने पर सोनवर्षा में निबंधन कार्यालय का सौगात दिया। शिक्षा- स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए गए। इस आधार पर उन्हें चौथीबार जनता का आशीर्वाद मिलने का पूरा भरोसा है।
एकतरफ विपक्षी का आरोप और दूसरी तरफ विधायक सह मंत्री का दावा क्या गुल खिलाएगा, यह तो आनेवाला वक्त ही बताएगा।
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