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Ujiarpur Election 2020: समस्तीपुर की इस सीट पर राजद काे भाजपा से मिली कड़ी टक्कर

Ujiarpur Election News 2020 अस्सी से नब्बे के दशक में कांग्रेस ने भी इस सीट पर कब्जा जमाया था। लेकिन नब्बे के बाद से अब तक राजद का ही लगभग कब्जा रहा है। परिसीमन के बाद से हुए दोनों चुनाव में राजद प्रत्याशी ही यहां से जीते।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 09:12 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 06:52 PM (IST)
Ujiarpur Election 2020: समस्तीपुर की इस सीट पर राजद काे भाजपा से मिली कड़ी टक्कर
भाजपा का भी यह मजबूत गढ माना जाता है।

समस्तीपुर, जेएनएन। Ujiyarpur Election 2020 उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र में उजियारपुर के साथ-साथ दलसिंहसराय प्रखंड का कुछ क्षेत्र पड़ता है। परिसीमन के पहले यह दलसिंहसराय विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। उजियारपुर शुरू से ही राजद का गढ़ रहा है। हालांकि अस्सी से नब्बे के दशक में कांग्रेस ने भी इस सीट पर कब्जा जमाया था। लेकिन, नब्बे के बाद से अब तक राजद का ही लगभग कब्जा रहा है। परिसीमन के बाद से हुए दोनों चुनाव में राजद प्रत्याशी ही यहां से जीते। पहली बार दुर्गा प्रसाद सिंह जीतने में सफल रहे तो दूसरी बार आलोक कुमार मेहता। हालांकि पहले के चुनावों की तुलना में इस बार की लड़ाई कुछ अलग हो रही है। सभी दलों ने सोशल इंजीनियरिंग का पूरी तरह ख्याल रखकर प्रत्याशी उतारे हैं। इस सीट पर भले ही राजद की जीत होती रही है लेकिन भाजपा का भी यह मजबूत गढ माना जाता है। इस बार के चुनाव में राजद ने निवर्तमान विधायक आलोक कुमार मेहता पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है। मतदान की प्रक्रिया यहां अब पूरी हो चुकी है। यहां 56 फीसद मतदान का आंकड़ा रहा।

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 वही भाजपा ने पूर्व विधायक प्रो. शील कुमार राय को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है। प्रो. शील कुमार एक बार लोजपा के टिकट पर परिसीमन से पूर्व दलसिंहसराय विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज कर चुके हैं। हालांकि भाजपा ने अंतिम समय में उन्हें पार्टी में शामिल कराकर प्रत्याशी बनाया है। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय का यह क्षेत्र है। भाजपा सूत्रों की मानें तो उम्मीदवार चयन में उनकी पसंद को ही तरजीह दी गई। ऐसे में इस सीट पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है। यहां की लड़ाई वैसे तो आमने-सामने दिख रही है लेकिन जदयू से बगावत कर रालोसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे प्रशांत कुमार पंकज इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं। अब देखना है कि राजद अपनी परंपरागत सीट का बचाने में कामयाब रहती है या फिर भाजपा इस सीट को झटकने में।

2020 के प्रमुख प्रत्याशी

आलोक कुमार मेहता,राजद

प्रो. शील कुमार राय, भाजपा

2015 के विजेता उपविजेता और मिले मत

आलाेक कुमार मेहता (राजद) : 85,466

कुमार अनंत (रालोसपा) : 38006

2010 विजेता उपविजेता और मिले मत

दुर्गा प्रसाद सिंह (राजद) : 42,791

राम लखन महतो (जदयू) : 29,760

2005 में यह क्षेत्र दलसिंहसराय के रुप में जाना था। विजेता उपविजेता और मिले मत

राम लखन महतो (राजद) : 41,456

प्रो. शील कुमार राय (लोजपा) : 38,884

कुल वोटरः 2,96,715 लाख

पुरुष : 158217 (53.322%)

महिला :138492 (46.675%)

ट्रांसजेंडर : 06 (0.00202%)

जीत का गणित

जहां तक इस विधानसभा क्षेत्र के कुल वोटर का प्रश्न है तो करीब दो लाख छियानबे हजार से अधिक है। इसमें करीब 94.0 फीसद वोटर गांवों में रहते हैं जबकि 4 फीसद शहरों में। अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 16 और 0.02 है। इस सीट पर कोईरी, सवर्ण, यादव, वैश्य, गोस्वामी के साथ-साथ दलित वोटरों का अच्छा-खासा प्रभाव है। ये जहां जाते हैं, उसकी जीत तय मानी जाती है।

प्रमुख मुद्दे

1. दलसिंहसराय में रेल आेवर ब्रिज का निर्माण- यहां के लोगों की वर्षों पुरानी मांग है। कई बार दलसिंहसराय शहर को दो भागों में बांटने वाली रेलवे के 32 नंबर गुमती पर रेल ओवर ब्रीज निर्माण की मांग की जाती रही। लेकिन आज तक यह नहीं बना है। हालांकि इसकी स्वीकृति मिलने की बात कही जा रही है।

2. रिंग रोड की हालत जर्जर - समस्तीपुर के डीआरएम ऑफिस चौक से बेलारी, उजियारपुर, सातनपुर होते हुए सरायरंजन जाने वाली प्रमुख सड़क की हालत काफी जर्जर है। पिछले चार साल से लोग इस जर्जर सड़क को लेकर आवाज उठाते रहे हैं लेकि आज तक इसका पुननिर्माण तो दूर मरम्मत भी नहीं कराई जा सकी है।

3. उद्योग - यह क्षेत्र पूरी तरह सब्जी एवं मसाला उत्पादक क्षेत्र है। एग्रोबेस इंडस्ट्री की मांग लंबे अरसे से की जा रही है। लेकिन आज तक इस दिशा में काेई कार्रवाई नहीं हुई। यहां 100-200 लोगों को राेजगार देने लायक कोई निजी संस्‍थान भी नहीं है। ऐसे में उद्योगों का विकास होता है तो रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगीं। 


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