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    Narkatiya Election 2020: परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए नरकटिया का जदयू व राजद ने किया है बारी-बारी से प्रतिनिधित्व

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Sat, 07 Nov 2020 07:25 PM (IST)

    Narkatiya Election 2020 2015 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जदयू-राजद गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. शमीम अहमद ने 46 प्रतिशत वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की। दूसरे स्थान पर एनडीए गठबंधन से रालोसपा के संत सिंह कुशवाहा को 33 प्रतिशत वोट मिले थे।

    लोजपा प्रत्याशी सोनू कुमार लड़ाई को त्रिकोणात्मक करने में जुटे हैं।

    पूर्वी चंपारण,जेएनएन। वर्ष 2008 में नए परिसीमन के बाद बने नरकटिया विधानसभा क्षेत्र में 2010 में पहली बार चुनाव हुआ। जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी श्याम बिहारी प्रसाद ने लोजपा के यास्मिन साबिर अली को पराजित कर जीत दर्ज की। वहीं 2015 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जदयू-राजद गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. शमीम अहमद ने 46 प्रतिशत वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की। दूसरे स्थान पर एनडीए गठबंधन से रालोसपा के संत सिंह कुशवाहा को 33 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार का चुनाव एक बार फिर दिलचस्प हो गया है। एनडीए ने एक बार फिर श्यामबिहारी प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि महगठबंधन ने एक बार फिर डॉ. शमीम अहमद पर भरोसा जताया है। वहीं लोजपा प्रत्याशी सोनू कुमार लड़ाई को त्रिकोणात्मक करने में जुटे हैं। क्षेत्र में विकास, शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य का मुद्दा प्रमुख है। वहीं जीत के लिए उम्मीदवारों को जातीय समीकरण साधने के साथ ही नोटा के वोट को भी अपने खाते में जोड़ने की चुनौती होगी। पिछले विधानसभा चुनाव में लगभग साढ़े तीन प्रतिशत 8938 मतदाताओं ने नोटा पर बटन दबाया था। इस सीट पर सबसे बड़ी भूमिका मुस्लिम मतदाताओं की है। इसके बाद यादव, पासवान, वैश्य, चनउ व रविदास जाति के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। वोटिंग की प्रक्रिया यहां पूरी हो गई है। यहां  54.05 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले। 

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    2020 के प्रमुख प्रत्याशी

    एनडीए : श्याम बिहारी प्रसाद (जदयू)

    महागठबंधन : डॉ. शमीम अहमद (राजद)

    लोजपा : सोनू कुमार (लोजपा)

    2015 के विजेता उपविजेता और मिले मत :

    1. डॉ. शमीम अहमद (राजद) : 75116

    2. संत सिंह कुशवाहा (रालोसपा) : 55136

    2010 विजेता उपविजेता और मिले मत

    1. श्याम बिहारी प्रसाद (जदयू) : 31539

    2. यास्मिन साबिर अली (लोजपा) : 23861

    कुल वोटर : 285400

    पुरुष : 152291

    महिला: 133105

    ट्रांसजेंडर : 04

    जीत का गणित

    बिहार की राजनीति में जाति, विकास, स्थानीय मुद्दे लंबे समय तक निर्णायक रहे हैं। इन सबके बीच युवा व नए मतदाताओं का मिजाज बहुत कुछ कहता है। चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। लोगों के जेहन में बिहार विधान सभा - 2015 की याद ताजा है। चुनाव प्रचार में नेताओं की घोषणाएं, वायदे व उन वायदों की जमीनी हकीकत लोगों सामने है। समीकरण भी बदले हैं। तबके चुनाव में जदयू व राजद दोनों साथ मिलकर चुनावी अखाड़े में कूदे थे और सरकार भी बनी। लेकिन, इस बार सीन बदला है। इसबार भाजपा, जदयू, भीआइपी व हम का गठबंधन है तो दूसरी तरफ राजद, कांग्रेस, वामपंथी दल का रिश्ता जुड़ा है। नरकटिया में जीत के लिए प्रत्याशियों को जातीय समीकरण साधने के साथ ही नोटा के वोट को अपने पाले में जोड़ने की चुनौती होगी। इस सीट पर सबसे बड़ी भूमिका मुस्लिम मतदाताओं की है। इसके बाद यादव, पासवान, वैश्य, चनउ व रविदास जाति के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। अतिपिछड़ा व सवर्ण वोटर भी मायने रखते है। श्यामबिहारी की पकड़ वैश्य, सवर्ण, अतिपिछड़ा के साथ-साथ मुस्लिम व यादव मतदाताओं पर बेहतर है। अगर महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगती है तो उनकी जीत पक्की मानी जा रही है। वही वर्तमान विधायक डॉ. शमीम अहमद को एम-वाइ समीकरण के साथ-साथ अन्य जाति के मतदाताओं को अपने पाले में करने की चुनौती है। वर्ष 2010 में इस सीट से एनडीए प्रत्याशी श्याम बिहारी प्रसाद तो 2015 में महागठबंधन के डॉ. शमीम अहमद ने जीत दर्ज की थी। इसबार के चुनाव में दोनों दूसरी जीत की जद्​दोजहद में लगे हुए है।

    प्रमुख मुद्​दे

    1. बाढ़ कटाव से बचाव को लेकर चम्पारण तटबंध की सुदृढ़ता : प्रत्येक वर्ष गंडक नदी में बाढ़ आने से लोगों में दहशत का आलम रहता है। बाढ़ से बचाव के लिए बनाए गए चम्पारण तटबंध अब कई जगहों पर पूरी तरह जर्जर हो गया है, जिससे बाढ़ की आशंका बनी रहती है।

    2.अरेराज ओपी को थाना का दर्जा : अरेराज अनुमंडल मुख्यालय स्थित अरेराज ओपी अवस्थित है। यहां पूर्ण थाने की मांग अरसे से की जाती रही है।

    3. पुनर्वास की व्यवस्था : प्रत्येक वर्ष गंडक तटवर्ती इलाके में रहनेवाले कई कई परिवार बाढ़ व कटाव से विस्थापित होकर यत्र-तत्र रहने को विवश होते हैं। ऐसे परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था भी यहां एक प्रमुख मुद्दा है। 

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