Govindpur Vidhansabha: CM नीतीश की घोषणा के 16 साल बाद भी नहीं बना पर्यटन स्थल, विश्वविद्यालय की बात भी हवा-हवाई
गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के 16 साल बाद भी विकास अधूरा है। 2007 में पर्यटन स्थल बनाने का वादा किया गया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ। विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना भी अधूरी है, जिससे स्थानीय लोगों में निराशा है। पर्यटन स्थल बनने से रोजगार के अवसर बढ़ सकते थे, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

सोखोदेवरा आश्रम
संवाद सूत्र, कौआकोल। जिला के गोविंदपुर विधानसभा अंतर्गत कौआकोल प्रखंड के ऐतिहासिक 1952 में स्थापित लोकनायक जयप्रकाश नारायण की कर्मस्थली सर्वोदय आश्रम सोखोदेवरा आज तक पर्यटन स्थल नहीं बन सका है। यहां पर्यटन स्थल बनने की असीम संभावनाएं हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने खुद इसे पर्यटन स्थल बनाने के लिए घोषणा की, लेकिन उस पर आगे का काम शुरू नहीं हो सका। जबकि ढाई करोड़ का डीपीआर भी तैयार कर लिया गया था। बताया जाता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 नवम्बर 2009 को सोखोदेवरा के जेपी स्टेडियम में एक सार्वजनिक सभा में जेपी की कर्मभूमि को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी।
घोषणा पर तत्काल बस इतना ही हो सका कि जिला प्रशासन द्वारा योजना के लिए 2.44 करोड़ का डीपीआर तैयार कर दिया गया, लेकिन इसके बाद सबकुछ ठंडे बस्ते में बंद पड़ गया। वर्तमान में सर्वोदय आश्रम को पर्यटक स्थल बनाने की योजना पूरी तरह से खटाई में पड़ गई है।
वहीं, इस दरम्यान कृषि विश्वविद्यालय के निर्माण की आधारशिला रखने, त्रिपुरारी मॉडल चरखा को विकसित कर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने सहित अन्य कई योजना बनाई गई थी। सारी घोषणाएं अभी तक महज छलावा ही साबित हुई हैं।
हां, इतना जरूर है कि पर्यटन विकास का यह मुद्दा हरेक बार चुनाव के समय उभरता है, लेकिन चुनाव जीतकर गए नेताजी इस पर आगे ध्यान नहीं देते। इलाके के प्रबुद्ध मतदाता इस बार के चुनाव में इस मांग को सभी नेताओं को अपनी चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने की मांग करते हैं।
पिछड़े हुए प्रखंड क्षेत्रों में शुमार कौआकोल में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं हैं। लेकिन जरूरत है तो इसके लिए सकारात्मक भाव से संकल्पित होकर काम कराने की।
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