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    Bihar Politics: जार्ज फर्नांडीज सफर में पूरी करते थे नींद, एक बार जब उनकी नाव फंसी तब भी सोते रहे, जगे तो दिया भाषण

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 02:04 PM (IST)

    Bihar Politics 1995 के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए बेतिया जाने के दौरान मोतिहारी के मधुबनी घाट पर फंस गई थी उनकी नाव। सूचना मिलने पर गांव के युवकों ने नाव को खींच कर बाहर निकाला था। बाद में जब वहां के स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भाषण देने का आग्रह किया तो वे ठुकरा नहीं सके।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

     अमरेंद्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। Bihar Politics : जार्ज फर्नांडीज चुनाव प्रचार के दौरान सफर में ही नींद पूरी कर लिया करते थे। कार, जीप कई बार तो नदी पार करने के दौरान नाव में ही झपकी ले लेते थे। सभा स्थल पर पहुंचने से पहले उनके साथ रहे सहयोगी जगाते तो भाषण देते।

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    1995 के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए जार्ज साहब को सीतामढ़ी के पुपरी और शिवहर होते हुए शाम तक बेतिया पहुंचना था। पुपरी के बाद उन्होंने शिवहर में भी सभा की। उनके साथ चल रहे तत्कालीन समता पार्टी के वरीय नेता नरेंद्र पटेल बताते हैं कि शिवहर की सभा शाम साढ़े पांच बजे समाप्त हुई थी।

    इसके बाद एंबेसडर कार से वे बेतिया के लिए रवाना हुए। शाम करीब साढ़े छह बजे वे पकड़ीदयाल के मधुबनी घाट पहुंचे। नदी पार करने के लिए कार को भी नाव पर चढ़ाया गया। दो नावों पर दो वाहन रखे गए। एक नाव पार होकर घाट पर लग गई, लेकिन जिस नाव पर जार्ज साहब कार समेत सवार थे, वह बीच नदी में ही फंस गई।

    नाविक निकालने का प्रयास कर रहा था, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। इस बीच पहली नाव के नाविक ने घाट पर मौजूद ग्रामीणों को बताया कि नाव पर जार्ज फर्नांडीज हैं। यह सुनते ही और लोग वहां जुट गए। कुछ युवक रस्सी लेकर आए और नाव को बाहर निकाला। इस बीच अंधेरा हो चुका था।

    जार्ज साहब गाड़ी में ही सोते रहे। इधर, ग्रामीणों में उन्हें देखने की उत्सुकता बढ़ने लगी थी। वे चाहते थे कि उनकी यहां भी सभा हो। घाट से सटे गांव के लोगों ने जल्दी-जल्दी पेट्रोमैक्स (केरोसिन से जलने वाला प्रकाश यंत्र) जलाकर सभा की तैयारी कर दी।

    खपरैल वाले घर के बरामदे में लकड़ी की कुर्सी, टेबल और प्लास्टिक का गुलदस्ता मंगा लिया गया। माइक-चोंगा लग गया। जार्ज साहब का काफिला रुकते ही लोग जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। युवा उनकी कार को रोक लिए थे। शोर सुनकर जार्ज साहब की नींद खुली।

    उन्होंने पूछा, नरेंद्र बाबू यह क्या हो रहा है। बेतिया आ गया क्या? उन्होंने बताया कि नहीं, अभी हमलोग मोतिहारी से पहले ही हैं और ग्रामीण आपका भाषण सुनना चाहते हैं। जार्ज मुस्कुराए और बोले चलो, जनता जो चाहे वही करना है।

    इसके बाद उन्होंने भाषण दिया और रात में ही काफिला बेतिया की ओर रवाना हो गया। वहां डा. एनएन शाही के यहां रात्रि विश्राम हुआ और अगली सुबह नरकटियागंज चुनाव प्रचार के लिए चले गए।