Bagaha Election 2020: बगहा में बागी उम्मीदवारों के खेल पर हार-जीत निर्भर
Bagaha Election News 2020 इस सीट पर भाजपा ने सीटिंग विधायक राघव शरण पांडेय का टिकट काटकर पुराने कार्यकर्ता राम सिंह पर भरोसा दिखाया है। वहीं टिकट कटने से नाराज राघव शरण पांडेय निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं।

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। 1985 तक कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले पश्चिम चंपारण जिले का बगहा विधानसभा क्षेत्र परिवर्तन की राह पर चल पड़ा। पहली बार जनता दल के टिकट पर पूर्णमासी राम ने भाजपा के कैलाश बैठा को हराकर कांग्रेस के तिलिस्म को तोड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मंजू राम तीसरे स्थान पर रहींं। इसके बाद पूर्णमासी राम अक्टूबर 2010 तक बगहा का प्रतिनिधित्व करते रहे। राजनीतिक दल तो बदले, लेकिन विस क्षेत्र के प्रतिनिधि का चेहरा नहीं बदला। वर्ष 2010 में यह विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित से सामान्य के कोटे में गया तथा जदयू के टिकट पर प्रभात रंजन सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के राम प्रसाद को बड़े अंतर से पराजित किया। वर्ष 2015 के चुनाव में एनडीए गठबंधन टूटा और यहां से भाजपा के राघवशरण पांडेय ने जदयू के भीष्म सहनी को 8183 मतों से पराजित कर विधानसभा का टिकट कटा लिया।
वर्तमान चुनाव में परिस्थितियां एक बारगी फिर बदली हुई हैं। गठबंधन धर्म के तहत एक बार फिर से यह सीट भाजपा के खाते में है। भाजपा ने सीटिंग विधायक राघव शरण पांडेय का टिकट काटकर पुराने कार्यकर्ता राम सिंह पर भरोसा दिखाया है। बीते चुनाव में जदयू के प्रत्याशी रहे भीष्म सहनी विधान पार्षद सदस्य चुने जा चुके हैं। टिकट कटने से नाराज राघव शरण पांडेय निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं और पांच वर्षों में किए गए कार्याें का दुहाई देकर वोट मांग रहे। कांग्रेस के प्रत्याशी जयेश मंगल सिंह किसान आंदोलन के अगुवा रहे हैं और माना जाता है कि किसानों पर उनकी अच्छी पकड़ है। परिवर्तन की लहर को हवा देकर वे चुनावी नैया पार करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने से नाराज कामरान अजीज बगहा की लड़ाई को चतुष्कोणीय बना रहे हैं। जन संघर्ष दल से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री पूर्णमासी राम भी बगहा की लड़ाई को रोचक बनाने में जुटे हुए हैं। वोटिंग की प्रक्रिया यहां पूरी हो गई है। यहां 55.1 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है ।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी :
राम सिंह, भाजपा
जयेश मंगल सिंह, कांग्रेस
राघव शरण पांडेय, निर्दलीय
2015 में विजेता, उप विजेता और मिले मत :
राघव शरण पांडेय (भाजपा) : 74476
भीष्म सहनी (जदयू) : 66293
2010 में विजेता, उप विजेता और मिले मत :
प्रभात रंजन सिंह (जदयू) : 65510
राम प्रसाद (राजद) : 18455
2005 में विजेता, उप विजेता और मिले मत :
पूर्णमासी राम (जदयू) : 60794
नरसिंह बैठा (कांग्रेस) : 42403
कुल वोटर :-272228
महिला मतदाता :-147819
पुरुष मतदाता :- 124380
ट्रांसजेंडर मतदाता : 29
जीत का गणित :
बगहा विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण, राजपूत, यादव, महादलित व मुस्लिम मतदाता किंग मेकर माने जाते हैं। इस बार पश्चिम चंपारण के किसी भी सीट से ब्राह्मण प्रत्याशी को टिकट नहीं दिए जाने से एक बड़ा वर्ग नाराज है। ब्राह्मण एनडीए का वोट बैंक माने जाते रहे हैं। जिसपर इस चुनाव सेंध लग सकती है। भाजपा के उम्मीदवार रामनगर विधानसभा क्षेत्र के मूल निवासी हैं। बाहरी प्रत्याशी को लेकर विस क्षेत्र में काफी चर्चा है। कृषि आधारित इलाका होने के कारण कांग्रेस इस बार के चुनाव में मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सकती है।
बड़े मुद्दे :
--बगहा को राजस्व जिले का दर्जा नहीं दिए जाने से बगहा के लोग निराश हैं। यह मुद्दा वर्षों से चुनावी समर के दौरान उठता रहा है। यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है।
--उच्च शिक्षण के लिए यहां के युवाओं को पलायन करना पड़ता है। एक डिग्री कॉलेज खुल चुका है, लेकिन व्यवस्था अबतक पटरी पर नहीं है। प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई बाधित है।
--गन्ना मूल्य भुगतान में बढ़ोतरी नहीं होने से किसान नाराज हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।