Bihar Election: गोपालगंज में आपातकाल का दंश झेल रही है कांग्रेस, 1971 के बाद से कैसे खत्म हुआ दबदबा?
गोपालगंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने आपातकाल से पहले लगातार जीत दर्ज की लेकिन बाद में वह अपना गढ़ बचाने में विफल रही। 1977 में जनता पार्टी की राधिका देवी ने कांग्रेस को हराकर इस मिथक को तोड़ा। भाजपा के सुबास सिंह ने सबसे ज्यादा चार बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया।

नवंबर 2005 में भाजपा को मिली पहली जीत
गोपालगंज विस क्षेत्र से अबतक निर्वाचित विधायक
| वर्ष | विजयी | दल का नाम |
|---|---|---|
| 1952 | कमला राय | कांग्रेस |
| 1957 | कमला राय | कांग्रेस |
| 1961 | सत्येंद्र नारायण सिंह | कांग्रेस |
| 1962 | अब्दुल गफूर | कांग्रेस |
| 1967 | हरिशंकर सिंह | सोशलिस्ट पार्टी |
| 1969 | रामदुलारी सिन्हा | कांग्रेस |
| 1971 | रामदुलारी सिन्हा | कांग्रेस |
| 1977 | राधिका देवी | जनता पार्टी |
| 1980 | काली प्रसाद पांडेय | निर्दलीय |
| 1985 | सुरेंद्र सिंह | निर्दलीय |
| 1990 | सुरेंद्र सिंह | जनता दल |
| 1995 | रामावतार | जनता दल |
| 2000 | अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव | राजद |
| 2005 (फरवरी) | रेयाजुल हक राजू | बसपा |
| 2005 (नवंबर) | सुबाष सिंह | भाजपा |
| 2010 | सुबाष सिंह | भाजपा |
| 2015 | सुबाष सिंह | भाजपा |
| 2020 | सुबाष सिंह | भाजपा |
| 2022 (उपचुनाव) | कुसुम देवी | - |

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