Baruraj Election 2020: बरुराज में दो परिवारों के राजनीतिक उत्तराधिकारियों में ही फिर संघर्ष
Baruraj Election News 2020 बरूराज विधानसभा में एक तरफ पांच बार विधायक रहे शशि कुमार राय के भाई नंदकुमार राय हैं। दूसरी ओर शशि कुमार राय के पुत्र राकेश कुमार निर्दलीय मैदान में मजबूती से ताल ठोक रहे हैं। एक परिवार से दो-दो उम्मीदवार क्षेत्र में चर्चा का विषय है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव के बाद से बरूराज में दो राजनीतिक परिवारों का ही वर्चस्व रहा है। इस बार भी संघर्ष दोनों राजनीतिक परिवार के उत्तराधिकारियों में है। हालांकि, इसमें से एक राजनीतिक परिवार के दो उत्तराधिकारी होने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में काफी कम अंतर से जीते राजद के नंदकुमार राय फिर से इसी पार्टी के उम्मीदवार हैं। वहीं भाजपा ने फिर से अरुण कुमार सिंह पर भरोसा जताया। अब मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई है। यहां 62.20 प्रतिशत वोट पड़े।
यहां महत्वपूर्ण यह है कि नंदकुमार राय बरूराज से पांच बार विधायक रहे शशि कुमार राय के भाई हैं। मगर, इस बार शशि कुमार राय के पुत्र राकेश कुमार भी निर्दलीय मैदान में मजबूती से ताल ठोका है। एक परिवार से दो-दो उम्मीदवार क्षेत्र में चर्चा का विषय है। वहीं दोनों को शशि कुमार का उत्तराधिकारी साबित करने की इसबार चुनौती भी है। दूसरी ओर भाजपा उम्मीदवार अरुण कुमार सिंह बरूराज से चार बार चुनाव लड़े व एक बार विधायक रहे ब्रज किशोर सिंह के पुत्र हैं। मगर, दोनों परिवारों के दल की अदलाबदली हो चुकी है। शशि कुमार राय अंतिम बार अक्टूबर 2005 में जदयू से चुनाव लड़े थे। उन्होंने राजद के ब्रज किशोर सिंह को पराजित किया था। वहीं 2010 के चुनाव में ब्रज किशोर सिंह राजद उम्मीदवार के रूप में शशि कुमार राय के भाई व जदयू प्रत्याशी नंद कुमार राय को शिकस्त दी थी। अब ब्रज किशोर के पुत्र अरुण कुमार सिंह भाजपा व नंद कुमार राय राजद से मैदान में हैं।
नंद कुमार राय के लिए पहली चुनौती भतीजे राकेश कुमार हैं। उन्हेंं राजद के वोट बैंक पर भरोसा है तो राकेश कुमार भी पिता शशि कुमार राय के नाम के साथ मैदान में उतरे हैं। इसके अलावा स्वजातीय एक और निर्दलीय भुवनेश्वर राय भी उनके वोट बैंक पर असर डाल रहे हैं। इन चुनौतियों के बीच भाजपा उम्मीदवार से उनका मुकाबला है। पिछले चुनाव में चार हजार से भी कम के अंतर से जीत-हार का फैसला होने के कारण वोटों का बिखराव नंद कुमार राय के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।
2020 चुनाव के प्रमुख उम्मीदवार
अरुण कुमार सिंह (भाजपा)
नंद कुमार राय (राजद)
राकेश कुमार (निर्दलीय)
2015 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
नंद कुमार राय (राजद)- 68011
अरुण कुमार सिंह (भाजपा)-63102
2010 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
ब्रज किशोर सिंह (राजद)-42783
नंद कुमार राय (जदयू)-28466
2005(अक्टूबर) के विजेता, उपविजेता और मिले मत
शशि कुमार राय (जदयू)-32992
ब्रज किशोर सिंह (राजद)-30018
अबतक चुने गए विधायक
1951 - रामचंद्र प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
1957 - रामचंद्र प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
1962 - रामचंद्र प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
1967- एस गिरि (आइएनडी)
1969 - रामचंद्र प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
1972 - जमुना सिंह (एसओपी)
1977 - बालेंद्र प्रसाद सिंह (सीपीआइ)
1980 - जमुना सिंह (कांग्रेस)
1985 - शशि कुमार राय (एलकेडी)
1990 - शशि कुमार राय (जनता दल)
1995 - शशि कुमार राय (जनता दल)
2000 - शशि कुमार राय (जदयू)
फरवरी 2005 - ब्रज किशोर सिंह (राजद)
कुल मतदाता : 2 लाख 88 हजार 781
पुरुष मतदाता : 1 लाख 52 हजार 229
महिला मतदाता : एक लाख 36 हजार 546
ट्रांसजेंडर वोटर : छह
जीत का गणित
यादव व मुस्लिम बहुल बरूराज विधानसभा क्षेत्र में राजपूत, नोनिया व वैश्य जाति के वोट भी महत्वपूर्ण हैं। पिछले चुनावों में यहां कड़ा संघर्ष देखने को मिलता रहा है। वोट विभाजन के बीच भूमिहार जाति का वोट परिणाम पर असर डालता है।
प्रमुख मुद्दे
1. चीनी मिल नहीं हो सकी चालू, मिल की सैकड़ों एकड़ जमीन पर अतिक्रमण।
2. पश्चिमी अनुमंडल कार्यालय मुख्यालय मोतीपुर नहींं लाया जा सका।
3. मोतीपुर बाजार में अतिक्रमण के मामले का नहीं निकल सका समाधान।
4. शहर के बीचों बीच मानसरोवर पोखर को भरकर उसपर कब्जा कर लिया गया।
5. बूढ़ी गंडक नदी पर बने तटबंध की स्थिति खराब, बाढ़ में हर वर्ष होती तबाही।
6. ओवरब्रिज की वर्षों से मांग नहीं हो रही पूरी।