EVM बैलेट पेपर की नई गाइडलाइन पढ़ी क्या? आसानी से अपने प्रत्याशी को पहचान पाएंगे मतदाता
निर्वाचन आयोग ने ईवीएम बैलेट पेपर के डिजाइन में बदलाव किया है जिसमें 34% जगह में प्रत्याशी की रंगीन फोटो होगी। यह निर्णय मतदाताओं को पहचान में भ्रम से बचाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लिया गया है। बिहार विधानसभा चुनाव में इसका परीक्षण होगा। आयोग ने प्रिंटिंग गुणवत्ता पर भी कड़ाई की है। इस सुधार से मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका कम होगी।

जागरण संवाददाता, पटना। मतदाताओं को वोट डालते समय प्रत्याशी की पहचान में भ्रम नहीं हो और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़े इसके लिए निर्वाचन आयोग ने ईवीएम बैलेट पेपर की डिजाइन व प्रिंटिंग की नई गाइडलाइन जारी की है।
इसके अनुसार अब बैलेट पेपर की करीब 34 प्रतिशत जगह में प्रत्याशी की रंगीन फोटो होगी जबकि 66 प्रतिशत जगह में उसका नाम, पार्टी-निर्दलीय का चिह्न व क्रम संख्या एक निश्चित फॉर्मेट में होगी। इसमें नोटा (नन ऑफ द अबव) के विकल्प की फोटो भी बैलेट पेपर में प्रिंट होगी।
आयोग ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को पत्र भेजकर इस बाबत स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इस नई गाइडलाइन का परीक्षण बिहार विधानसभा चुनाव में किया जाएगा और इसके बाद पूरे देश में यह लागू होगा।
यदि किसी वजह से ईवीएम बैलेट पेपर में प्रत्याशी की फोटो या जानकारी नहीं मिल पाती है तो संबंधित अधिकारी चुनाव आयोग को वजह बताकर अनुमति ले सकेंगे।
माना जा रहा है कि इन तकनीकी सुधारों से मतदान केंद्र पर गड़बड़ी, पहचान में भ्रम एवं शिकायतों की आशंका कम होगी और निष्पक्ष चुनाव के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
प्रिंटिंग में कड़ाई, सैंपल भी जारी :चुनाव आयोग ने बैलेट पेपर के डाइमेंशन, फोटो के अनिवार्य साइज, नाम की भाषा (अंग्रेजी व स्थानीय) व छपाई गुणवत्ता को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं।
ईसिल व बेल मशीनों के लिए सैंपल बैलेट पेपर भी जारी किए हैं। इनमें उम्मीदवारों की जानकारी अलग-अलग खानों में दर्शाई गई है।
इसका उद्देश्य स्पष्टता व एकरूपता सुनिश्चित करना है। नई गाइडलाइंस के तहत उम्मीदवारों व नोटा के क्रमांक भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय रूप में लिखे जाएंगे।
इनका फांट आकार 30 और बोल्ड में होगा ताकि अंक और अधिक स्पष्ट दिखाई दें। ईवीएम बैलेट पेपर अब 70 जीएसएम पेपर पर छपेंगे।
विधानसभा चुनावों के लिए गुलाबी रंग के पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए विशेष आरजीबी मानक तय किए गए हैं, जिससे बैलेट पेपर न केवल मजबूत बल्कि दिखने में और भी स्पष्ट होंगे।
छह माह में 28 सुधारात्मक पहल हुईं
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने गत छह माह में 28 सुधारात्मक पहल की है ताकि चुनाव प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाया जा सके। ईवीएम बैलेट पेपर में यह बदलाव भी इन्हीं सुधारों की श्रृंखला का हिस्सा है।
निर्वाचन आयोग ने 1961 के चुनाव नियमों के नियम 49 बी के तहत मौजूदा प्रावधानों में संशोधन किया है। आयोग का मानना है कि मतदाता को सही जानकारी सरल व स्पष्ट तरीके से मिलनी चाहिए ताकि मतदान प्रक्रिया सहज हो।
ईवीएम बैलेट पेपर पर उम्मीदवार का चेहरा तीन-चौथाई हिस्से में दिखाई देगा। इससे मतदाताओं को उम्मीदवार को पहचानने में आसानी होगी और भ्रम की स्थिति खत्म होगी।
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