मां राबड़ी देवी को दी थी मात, अब बेटे तेजस्वी यादव से होंगे दो-दो हाथ, BJP ने इस धुरंधर को बनाया राघोपुर से उम्मीदवार
बिहार की राजनीति में राघोपुर सीट महत्वपूर्ण है। भाजपा ने सतीश कुमार को राघोपुर से उम्मीदवार बनाया है। सतीश कुमार ने 2010 में राबड़ी देवी को हराया था। अब उनका मुकाबला तेजस्वी यादव से होने की संभावना है। भाजपा ने सतीश कुमार पर भरोसा जताया है। राघोपुर में यादव और मुस्लिम मतदाता अधिक हैं।

राघोपुर में तेजस्वी के खिलाफ सतीश
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा के पहले चरण के नामांकन के छठे दिन राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने परिवार की पारंपरिक सीट राघोपुर से नामांकन दाखिल कर दिया. इसके साथ सीट को लेकर चर्चा तेज हो गई है। एनडीए में सीट बंटवारे के बाद ये सीट भाजपा के खाते में गई है। ऐसे में इस सीट पर मुख्य मुकाबला राजद और भाजपा के बीच ही माना जा रहा है।
बीजेपी ने तेजस्वी यादव के खिलाफ जिस उम्मीदवार को टिकट दिया है वो इतिहास में लालू परिवार को एक बार मात दे चुका है। बीजेपी ने राघोपुर से तेजस्वी यादव के खिलाफ सतीश कुमार यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है।
राबड़ी देवी को करीब 13 हजार वोटों से हराया
जदयू प्रत्याशी के तौर पर सतीश कुमार यादव ने 2010 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी को करीब 13 हजार वोटों से हराया था। जिसके बाद से इस सीट से 2015 से तेजस्वी यादव चुनावी मैदान में उतरने लगे. वहीं दूसरी तरफ 2015 में राजद और जेडीयू के साथ आने के बाद जेडीयू के प्रत्याशी रहे सतीश कुमार यादव भाजपा में चले गए थे.
बता दें कि वैशाली जिले की राघोपुर सीट लालू यादव परिवार की पारंपरिक सीट रही है. 1995 से अब तक (1998 और 2010 को छोड़कर)करीब-करीब लालू परिवार का कब्जा रहा है. लालू प्रसाद यादव 1995 में पहली बार जनता दल के टिकट पर यहां से विधानसभा पहुंचे थे.
2015 और 2020 में तेजस्वी को जीत
1998 में राघोपुर से राजगीर यादव चुनाव जीतने में सफल हुए थे. इसके बाद 2000 में लालू यादव फिर से इस सीट से चुनाव जीते और उसके बाद 2005 में दो बार हुए विधानसभा चुनाव में राबड़ी देवी को यहां से जीत मिली थी। वहीं 2015 और 2020 में इस सीट से तेजस्वी यादव को जीत मिली थी।
अब ऐसे में ये देखना दिलचस्प हो जाता है कि सतीश कुमार यादव 2025 के चुनाव में क्या गुल खिलाते हैं? इस बार एनडीए के एकजुट होने से माना जा रहा है कि रोघोपुर की लड़ाई तेजस्वी यादव के लिए एकतरफा नहीं होने वाली है।
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