Bihar Chunav: मुस्लिम समाज से नीतीश की खास अपील, काम देखकर तय करें अपना वोट
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय से आगामी चुनावों में सोच-समझकर वोट करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान रूप से काम किया है। उन्होंने अपने कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों को गिनाया और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की। नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग समाज में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपने एक्स हैंडल पर मुस्लिम समाज को केंद्र में रख पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि मुस्लिम समाज किसी भ्रम में नहीं रहें। उनकी सरकार ने इस समाज के लिए जो काम किया है उसे मुस्लिम समाज याद रखे। उसी के आधार पर यह तय कीजिए कि अपना वोट किसे देना है।
वोट के लिए वे अपना रहे तरह-तरह के हथकंडे
नीतीश ने लिखा कि विधानसभा चुनाव के समय कुछ लोग फिर से अपने आप को मुस्लिम समाज का हितैषी बताने में जुट गए हैं। यह सब छलावा है। सिर्फ मुस्लिम वर्ग का वोट हासिल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे जबकि वैसे लोगों द्वारा मुस्लिम समाज को किसी तरह की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी देने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। हमलोगों की सरकार में मुस्लिम समाज के लोगों को उनका पूरा हक मिल रहा है। बिना किसी भेदभाव के उन्हें हर क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व मिल रहा। पूर्व की सरकारों ने मुस्लिम समुदाय का इस्तेमाल सिर्फ वोट के लिए किया और उन्हें कोई हिस्सेदारी नहीं दी।
अल्पसंख्यकों की योजनाओं का किया जिक्र
मुख्यमंत्री ने अपने पोस्ट में अल्पसंख्यक समाज के लिए चल रही योजनाओं का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि 2025-26 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बजट में 306 गुना वृद्धि करते हुए 1080.47 करोड़ रुपए का प्रविधान किया गया। राज्य में सांप्रदायिक घटनाएं नहीं हों उसे ध्यान में रख 2006 से संवेदनशील कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू की गयी। अब तक आठ हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुूरु की गयी। मुस्लिम समाज के परामर्श से 1273 और कब्रिस्तानों को घेराबंदी के लिए चिन्हित किया गया। इसमें 746 कब्रिस्तानों की घेराबंदी पूर्ण हो गयी है। शेष काम को शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि जब विपक्षी दलों की सरकार थी तो 1989 में भागलपुर में सांप्रदायिक दंगे हुए। दंगा रोकने में सरकार विफल रही। दंगा पीड़िताें के लिए पूर्व की सरकार ने कुछ भी नहीं किया। वहीं हमलाेगों को जब मौका मिला तो भागलपुर सांप्रदायिक दंगा की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी। दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिया गया। प्रभावित परिवारों को पेंशन के रूप में भी मदद दी जा रही है। मु्ख्यमंत्री ने मदरसों को सरकारी मान्यता देने, तलाकशुदा महिलाओं को 2007 से 10 हजार रुपए की सहायता राशि देने, जिसे बढ़ाकर अब 25 हजार रुपए कर दिया गया है, तालीमी मरकज और हुनर, छात्रवृत्ति, मुफ्त कोचिंग आदि की भी चर्चा की। उद्यमी योजना का भी लाभ दिया जा रहा।

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