Bihar Chunav: वंशवाद की चर्चा कुछ ही परिवारों तक लेकिन अछूता नहीं एक भी दल, यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की राजनीति में वंशवाद एक आम मुद्दा है, जिससे लगभग सभी पार्टियां प्रभावित हैं। लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान जैसे परिवारों का राजनीति में गहरा प्रभाव रहा है। वंशवाद ने कुछ परिवारों को शक्ति दी है, जबकि अन्य हाशिए पर हैं। यह बिहार चुनाव का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

जहानाबाद के मखदुमपुर विधानसभा में कोईरीबिघा गांव की बूथ पर मतदाता। जागरण
प्रमोद कुमार सिंह, पटना। Bihar Mahasamar: लोकतंत्र के महापर्व में इस बार परिवारवाद भले ही कुछ लोगों के परिवार की चर्चा तक सीमित रहा, पर कोई भी पार्टी वंशवाद के व्यामोह से अछूता नहीं रही।
को बड़ छोट कहत अपराधु...। चलिए यह अपराध मैं अपने सिर लेता हूं। पूरा परिदृश्य या यूं कहिए वास्तविकता से रूबरू कराता हूं और मंगलवार को दूसरे चरण के चुनावी हकीकत से अवगत कराता हूं। रोहतास से शुरू करते हैं।
जिला मुख्यालय सासाराम की सीट पर एनडीए के घटक दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा, दिनारा से बिहार सरकार के श्रम मंत्री संतोष कुमार सिंह के भाई आलोक कुमार सिंह, काराकाट से पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह मैदान में हैं।
करगहर से पुराने कांग्रेसी गिरीश नारायण मिश्र के बेटे संतोष मिश्र, वहीं से पूर्व मंत्री व जदयू नेता रहे रामधनी सिंह के पुत्र उदय प्रताप सिंह बसपा से ताल ठोंक रहे हैं।
कैमूर जिले में भी यही दृश्य है। इस जिले की हाट सीट रामगढ़ में बिहार के पूर्व मंत्री-सांसद जगदानंद सिंह के बेटे व बक्सर सांसद सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह, वहीं से पूर्व विधायक अंबिका सिंह के भतीजे सतीश कुमार सिंह उर्फ पिंटू बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं।
मोहनियां से पूर्व सांसद छेदी पासवान के बेटे रवि पासवान हालांकि निर्दलीय हैं, पर इन्हें महागठबंधन का समर्थन प्राप्त है, अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
विधायक से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री की संतानें मैदान में
अब सोन के इस पार आते हैं। औरंगाबाद जिले के औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व सांसद रहे गोपाल नारायण सिंह के बेटे त्रिविक्रम नारायण सिंह, ओबरा से राजद के पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह के पुत्र ऋषि कुमार किस्मत आजमा रहे हैं।
कुटुंबा से पूर्व मंत्री दिलकेश्वर राम के बेटे बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम और नबीनगर से आनंद मोहन-लवली आनंद के बेटे चेतन आनंद चुनावी मैदान में डटे हुए हैं।
गया जिले में हम के केंद्रीय मंत्री का परिवार अपनी चार में से दो सीट इमामगंज से जीतनराम मांझी की बहू और बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी और बाराचट्टी से जीतनराम मांझी की समधिन व मंत्री संतोष की सास ज्योति मांझी चुनाव लड़ रही हैं।
जहानाबाद जिले में जहानाबाद से पूर्व विधायक जगदीश शर्मा के बेटे राहुल शर्मा राजद से, वहीं के पूर्व सांसद रहे अरुण कुमार के पुत्र ऋतुराज घोसी से जदयू से व गोह से दो बार विधायक रहे डीके शर्मा के पुत्र मनोज शर्मा अरवल से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
नवादा जिले में तो राजनीति से जुड़े दो परिवार आमने सामने हैं। कौशल यादव की पत्नी पूर्णिमा देवी गोविंदगंज से और राजवल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी नवादा से चुनाव लड़ रही हैं।
ये बात और है की दोनों ने इस बार जदयू-राजद पार्टी की अदला बदली कर ली है। स्पष्ट है वंशवाद की बेल चुनावी बयार में लहलहाने को बेताब है।

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