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    Bihar Elections 2025: महागठबंधन के घटक दलों की दोस्‍ती में कुश्‍ती, दर्जनभर सीटों पर बनी ऐसी ही तस्‍वीर

    By ARUN ASHESHEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 17 Oct 2025 05:53 PM (IST)

    बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के बीच कई सीटों पर दोस्ताना मुकाबला देखने को मिल रहा है। बछवाड़ा, लालगंज, झंझारपुर और मटिहानी जैसी सीटों पर विभिन्न दलों के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं। कुछ सीटों पर समझौते हुए हैं, तो कुछ पर दावेदारी अभी भी जारी है। इस स्थिति में 'दो के झगड़े में तीसरे को लाभ' वाली कहावत चरितार्थ होती दिख रही है।

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    बिहार विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर दोस्‍ताना मुकाबले की तस्‍वीर।

    राज्य ब्यूरो, पटना। गांव घर में जिसे दोस्ती में कुश्ती कहा जाता है, राजनीति में आकर यह दोस्ताना मुकाबला हो जाता है। अंग्रेजी में कहते हैं-फ्रेंडली फाइट। विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के दलों के बीच कई सीटाें पर यही हो रहा है। जाहिर है, परिणाम भी कहावत की तरह ही होगा-दो के झगड़े में तीसरे को लाभ। महागठबंधन की दर्जन भर सीटों पर यही दृश्य है। बेगूसराय जिला के बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाकपा के साथ कांग्रेस के उम्मीदवार भी खड़े हैं। कांग्रेस उम्मीदवार गरीब दास पिछले चुनाव में भी खड़े थे। तब निर्दलीय थे। महागठबंधन ने भाकपा के अवधेश राय को उम्मीदवार बनाया। दोनों की लड़ाई में भाजपा की जीत हो गई।

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    लालगंज में कांग्रेस ने पहले उम्मीदवार घोषित किया। राजद ने शुक्रवार को उम्मीदवार की घोषणा की। शिवानी शुक्ला उम्मीदवार होंगी। मधुबनी जिला के झंझारपुर में भाकपा ने रामनारायण यादव को उतार दिया है। पूर्व विधायक गुलाब यादव राजद या विकासशील इंसान पार्टी के टिकट पर चुनाव के लिए तैयार हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में यह सीट महागठबंधन के हिस्से से भाकपा को दी गई थी। इस बार आधिकारिक रूप से यह भाकपा को नहीं दी गई है। फिर भी उसने उम्मीदवार घोषित कर दिया। दरभंगा जिले की जाले विधानसभा सीट पर कांग्रेस और राजद के बीच दोस्ताना मुकाबला होने से बचा। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया था। राजद के दबाव पर उसने अपने घोषित उम्मीदवार के बदले राजद के ऋृषि मिश्रा को सिंबल दे दिया।यानी राजद के उम्मीदवार यहां कांग्रेस के सिंबल पर लड़ेंगे। मुंगेर जिला के जमालपुर में शुक्रवार को नामांकन का अंतिम दिन था। यहां से कांग्रेस के विधायक हैं।

    कांग्रेस की सूची में जमालपुर का नाम नहीं है। राजद के लोग यहां से नीतीश सरकार के पूर्व मंत्री और जदयू के नेता शैलेश कुमार को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। शैलेश ने जदयू से त्याग पत्र भी दे दिया है। जदयू ने इसबार उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया।नालंदा जिला के राजगीर पर भाकपा माले ने अपना दावा ठाेक दिया है। अभी यह तय नहीं हुआ है कि महागठबंधन में यह किसके हिस्से में जाएगी।राजद के अलावा विकासशील इंसान पार्टी भी राजगीर पर दावा कर रही है। हालांकि भागलपुर जिले की कहलगांव विधानसभा सीट पर दोस्ताना मुकाबला का दृश्य टल गया है। कांग्रेस के दावे की इस सीट पर राजद ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है। कहते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व की सहमति पर यह हुआ है। तालमेल के तहत भाकपा को कुल् छह सीटें दी गई हैं। लेकिन, उसने पहले चरण वाले क्षेत्रों में ही छह उम्मीदवार  उतार दिया है।

    भाकपा ने वैशाली जिले के राजापाकर से भी उम्मीदवार दिया है, जो पिछले चुनाव के आधार पर कांग्रेस की सीट है। पिछले चुनाव में कांग्रेस की प्रतिमा दास की यहां से जीत हुई थी। भाकपा ने रोसड़ा पर भी दावा किया है। मटिहानी विधानसभा क्षेत्र में राजद-माकपा के बीच दोस्ताना मुकाबले की तस्वीर बन रही है। 2020 में यह सीट महागठबंधन के तहत माकपा को दी गई थी। इसबार राजद ने अपना उम्मीदवार दिया है। माकपा भी चुनाव लड़ने जा रही है।