Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025 Phase 1 Voting: लोकतंत्र के महापर्व में चटख हुए विविध रंग, दिखी सांस्कृतिक झलक भी
बिहार में लोकतंत्र का महापर्व धूमधाम से मनाया गया। युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों समेत सभी ने उत्साहपूर्वक मतदान किया। वैशाली में लोग पारंपरिक तरीके से वोट डालने पहुंचे, जबकि सिवान और बरबीघा में वृद्ध मतदाताओं ने भी भाग लिया। नेताओं और कलाकारों ने भी मतदान कर लोगों को प्रेरित किया। कोलंबिया की टीम ने चुनाव प्रक्रिया का निरीक्षण किया।

बक्सर के डुमरांव में मध्य विद्यालय मतदान केंद्र से मतदान कर लौटते दिव्यांग रामदास सिंह और बेगूसराय के वीरपुर प्रखंड में मतदान कर निकलते दिव्यांग मतदाता। जागरण
प्रमोद कुमार सिंह, पटना। चुनाव लोकतंत्र का महापर्व होता है। इसी में इसकी गहराई का अनुमान लगाया जाता है। बिहार, जो लोकतंत्र की जननी है, ने गुरुवार को यह साबित कर दिया कि यहां के लोकतांत्रिक मूल्य मद्धिम नहीं पड़े हैं।
यहां के लोग राजनीतिक रूप से न सिर्फ परिपक्व हैं बल्कि इसकी जड़ों को अपने वोट की खाद पानी से आबाद भी रखे हुए हैं। अठारह साल का पहला वोटर हो या अपने जीवन के आखिरी पायदान पर पहुंचे बुर्जुग, महिलाएं हो या दिव्यांग सबमें गजब का उत्साह दिखा मतदान करने के लिए।
यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है कि इसे महज एक प्रक्रिया नहीं, उत्सव के रूप में देखा जाता है। सक्रियता और सजगता की यह उत्सवधर्मिता लोकतंत्र के आंगन में कुलाचें मार रही है।
इस महापर्व में विविध रंग चटख होते रहे। सांस्कृतिक झलक भी देखते बनी। यूं कहें जनता अपने मूल्यों को समझते हुए विकास की नई पटकथा लिखने को आतुर दिख रही थी।
बिहार की लोकतांत्रिक धरा को हम दृश्य दर दृश्य देख सकते हैं। बात वैशाली से ही शुरू करते है। केदार प्रसाद अपनी भैंस की पीठ पर बैठकर वोट डालने जा रहे हैं।
साथ में महिलाओं का झुंड भिखारी ठाकुर के गीत की धुन पर बने चुनावी गाने को समवेत स्वर में गा रही हैं- केतना सुतब बहिनिया तानी के चदरिया हो नयनवा खोल ना चल वोटवा गिरावे ए नयनवा खोल ना...। चुनाव में लोक की यह सोंधी छौंक सुभाषित कर रही है और प्रेरित भी।
चुनावी दृश्य और तस्वीरें बहुत कुछ बयां कर रही हैं-सिवान में वोट देने जाते वृद्ध मतदाता हों या बरबीघा के खोजागाछी में पहुंचीं 95 वर्षीय वृद्ध बिजली देवी।

फुलवरिया प्रखंड के सेलार खुर्द मतदान केंद्र से मतदान देकर निकलते पिता-पुत्र और बुजुर्ग महिला को मतदान के लिए लेकर आया युवक।
खाट पर लादकर स्वजन ले गए मतदान कराने
गोपालगंज के फुलवरिया के सेलार कला में 105 साल के वृद्ध को खाट पर मतदान कराने ले जाते स्वजन हों या लगभग 100 साल की नालंदा की जरीना खातून, आरा के पियनिया मतदान केंद्र पर वैशाखी के सहार वोट करने पहुंचे दिव्यांग बुजुर्ग हों या बक्सर के डुमरांव के पुराना भोजपुर में मतदान कर लौटते दिव्यांग रामदा सिंह सब के सब इस महायज्ञ में अपने वोट की समिधा देकर मतदान के अनुष्ठान को सार्थक बना रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर नालंदा में पहली बार मतदान करतीं ब्यूटी कुमारी व गोपालगंज के कालोपट्टी में पहुंची युवतियां, गोपालगंज के एसपी अवधेश दीक्षित सदर प्रखंड के पिंक बूथ पर व बेगूसराय में डीएम-एसपी वोट कर सेल्फी ले रहे हों या आरा में घूंघट में वोट डालने पहंचीं महिलाएं सब लोकतंत्र के स्तम्भ को मजबूत करने में लगे हैं।
नेता से लेकर अभिनेता तक कतार में लगे रहे। हाजीपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कर्णपुरा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, बिहार विस के सभापति अवधेश नारायण सिंह भोजपुर के जगदीशपुर विस में मतदान किया, छपरा के एकमा विस क्षेत्र के रसूलपुर राजकीय बुनियादी विद्यालय में भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव व आरा में बड़हरा विस क्षेत्र के अपने पैतृक गांव जोकहरी में भोजपुरी स्टार पवन सिंह की मतदान कर वोट देने की अपील करती तस्वीर विविधता प्रदान करती है।
वहीं कोलंबिया की दो सदस्यीय टीम चुनाव प्रक्रिया को समझने पहुंची है, यह हमारे लोकतंत्र की अच्छाई को दर्शाता है। स्पष्ट है, बिहार का लोकतात्रिक आंगन अब भी आबाद है।

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