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    BJP ने एक बड़े नेता को दिखाया बाहर का रास्ता, पीएम मोदी के बिहार दौरे से ठीक पहले सख्त एक्शन

    By Mukesh Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 10:31 PM (IST)

    Bihar Elections 2025: टिकट बंटवारे के समय वंचित हुए कार्यकर्ताओं को भाजपा ने मनाने का अपने स्तर से हर जतन किया। इसका परिणाम रहा कि बहुत से नेता मान गए और उन्होंने अपने बगावत को खत्म कर दिया। कुछ अब भी चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। वे एनडीए के उम्मीदवार के खिलाफ काम कर रहे हैं। वैसे प्रत्याशी के खिलाफ पार्टी ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें पार्टी से ही निकाल दिया है।

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    Bihar Elections 2025: यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।


    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर।Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही भाजपा के बहुत से नेता बागी हो गए थे। उन्होंने भाजपा या एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ ही मैदान में उतरने का फैसला कर लिया था। 

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    इसके मद्देनजर गृहमंत्री अमित शाह ने तीन दिनों तक पटना में कैंप करते हुए ऐसे असंतुष्टों से बात और मुलाकात करते हुए उनके आक्रोश को शांत किया था। इसका परिणाम यह देखने को मिला था कि कई बागी भाजपा के पाले में लौट आए। उन्होंने अपना पर्चा वापस लेते हुए अपने नेता में भरोसा जताया था। 

    बावजूद कुछ अब भी चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। पीएम मोदी के दूसरे बिहार दौरे से ठीक पहले ऐसे नेताओं पर कार्रवाई की गई है। पहले छह नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद पार्टी ने बुधवार को एक और पूर्व जिलाध्यक्ष को दल से निकाल दिया है। 

    समस्तीपुर के उजियारपुर विधानसभा सीट पर भाजपा से बागी होने के बाद निर्दल चुनाव मैदान में दम भर रहे पूर्व जिला अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। 

    बताया गया कि पार्टी की छवि धूमिल करने व अनुशासन के विरुद्ध कार्य करने के चलते पार्टी ने उन्हें 6 वर्षों के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है। इसको लेकर भाजपा के प्रदेश मुख्यालय से एक पत्र जारी किया गया है। 

    जारी पत्र में कहा गया कि विधानसभा चुनाव में वे एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं। यह कार्य दल विरोधी है। 

    इससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है तथा पार्टी के अनुशासान के विरुद्ध यह कार्य है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के आदेशानुसार उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है। 

    बता दें कि उजियारपुर सीट पर भाजपा का प्रत्याशी बनने का सपना संजोए निवर्तमान जिलाध्यक्ष को जब यह पता चला कि सीट गठबंधन में रालोमो के खाते में चली गई तो उन्होंने निर्दल ही चुनाव मैदान में उतरने का फैसला कर लिया था। 

    वहीं दूसरी ओर पीए मोदी गुरुवार को पड़ोसी जिला मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में जनसभा को संबोधित करने पहुंच रहे हैं। अपनी पहली सभा उन्होंने समस्तीपुर से ही शुरू की थी। 

    भाजपा ने इससे पहले एक निवर्तमान विधायक समेत छह नेताओं पर कार्रवाई की थी। उनपर भी कुछ ऐसे ही आरोप थे जो अभी उपेंद्र कुशवाहा पर लग रहे हैं। 

    उस समय जिन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था उनमें कहलगांव से विधायक पवन यादव भी थे। उन्होंने बागी होते हुए चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था।