Bihar Election 2025: वोटिंग में आधी आबादी आगे, लेकिन इन 4 विधानसभा क्षेत्रों का आज भी महिला विधायक का इंतजार
पश्चिम चंपारण जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में आजादी के बाद भी कोई महिला विधायक नहीं चुनी गई है। वाल्मीकिनगर लौरिया सिकटा और बगहा में पुरुषों का ही वर्चस्व रहा है। जबकि अन्य पांच क्षेत्रों से 1952 से 2020 तक केवल 10 महिलाएं ही विधायक बनी हैं। आगामी 2025 के चुनावों में महिला उम्मीदवारों से उम्मीदें हैं।

जागरण संवाददाता, बेतिया। पश्चिम चंपारण जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों से आजादी के बाद एक भी महिला विधायक नहीं चुनी गई हैं। वहां की आधी आबादी का अब तक किसी महिला ने प्रतिनिधित्व नहीं किया है। जबकि लोकतंत्र में बराबरी की प्रतिनिधित्व की चर्चा हाेती रहती है।
इस जिले के ऐसे सभी विधानसभा क्षेत्र सात दशक बाद भी आधी आबादी की आवाज से वंचित रही है। इनमें वर्तमान में वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र पूर्व में धनहा, लौरिया विधान सभा क्षेत्र, सिकटा विधान सभा क्षेत्र एवं बगहा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
इन विधानसभा क्षेत्रों में अब तक पुरुषों का ही नेतृत्व रहा है, जबकि हर चुनाव में इन क्षेत्रों की महिलाएं बढ़ चढ़ कर मतदान करती रही हैं, लेकिन महिलाओं की भागीदारी केवल मतपेटियों तक सीमित कर रह गई।
मतदाता के रूप में यहां की महिलाओं ने अधिक सक्रियता दिखाई, लेकिन नीतिगत प्रतिनिधित्व में उनको जगह नहीं मिली। चुनावी इतिहास पर गौर करें, तो धनहा विधान सभा क्षेत्र का अस्तित्व 2008 के परिसिमन तक रहा। 2010 में यह सीट वाल्मीकिनगर विधान सभा के रूप में बदल गई।
लौरिया, सिकटा एवं बगहा विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से सक्रिय है। आजादी के बाद से अब तक हुए सभी चुनावों में इन क्षेत्रों से केवल पुरुष ही निर्वाचित हुए हैं।
पांच विधानसभा क्षेत्रों में 10 महिलाओं के सिर बंधा जीत का सेहरा
दूसरी ओर जिले के नौ विधान सभा क्षेत्र में से पांच विधान सभा क्षेत्रों से ही महिलाओं ने प्रतिनिधित्व किया है। इनमें नौतन, बेतिया, नरकटियागंज, रामनगर एवं चनपटिया विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, लेकिन वर्ष 1952 से 2020 तक मात्र 10 महिलाएं ही विधान सभा की सफर तय कर सकी हैं।
आजादी के बाद जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं ने दबदबा दिखाया। दस वर्षो में यानी 1952 में नौतन से पार्वती देवी और 1957 में चनपटिया से केतकी देवी विधान सभा में पहुंची। लेकिन 1967 के बाद 1980 तक महिलाएं पर्दे की ओट में चली गई।
जिले से एक भी महिला विधानसभा में नहीं पहुंची। 1980 में नौतन से कमला देवी विजई हुई। 1985 से 1990 तक उन्होंने ही इस सीट पर नेतृत्व किया। 1990 से 1995 एवं 1995 से 2000 तक किसी महिला उम्मीदवार ने जिले से विधान सभा में प्रतिनिधित्व नहीं किया।
2000 में बेतिया विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की रेणु देवी, 2005 में बेतिया से रेणु देवी एवं रामनगर सुरक्षित क्षेत्र से भागीरथी देवी विजई हुई। 2010 से 2015 तक बेतिया से रेणु देवी, नौतन से जदयू की मनोरमा प्रसाद एवं रामनगर सुरक्षित से बीजेपी की भागीरथी देवी जीत हासिल की।
2015 में रामनगर से भागीरथी देवी, 2020 में बेतिया से बीजेपी की रेणु देवी, नरकटियागंज से बीजेपी की रश्मी वर्मा, एवं रामनगर से भागीरथी देवी विजई हुई।
2025 के चुनाव में उम्मीद
इस विधानसभा चुनाव में इन विधान सभा चुनाव में कई महिला उम्मीदवारों की सक्रियता दिखने लगी है। वे अपने-अपने दलों से टिकट की दावेदारी कर रही हैं। ऐसे इन विधान सभा क्षेत्रों में महिला उम्मीदवारों को प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिल सकता है।
पिछले वर्षों में जिले का लिंगानुपात
साल | लिंगानुपात |
---|---|
2017 | 852 |
2018 | 854 |
2019 | 858 |
2020 | 861 |
2023 | 879 |
2024 | 881 |
पिछले विधानसभा चुनावों में जिले का मतदान प्रतिशत
साल | पुरुष | महिला |
---|---|---|
2015 | 59.48 | 67.99 |
2020 | 59.26 | 64.81 |
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