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    बिहार में लगातार घट रहा NOTA का ग्राफ, स्थिर सरकार की ओर बढ़ रहा मतदाताओं का रुझान

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 01:29 PM (IST)

    समस्तीपुर में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नोटा का ग्राफ गिरा है। 2015 में 52610 मतदाताओं ने नोटा दबाया जबकि 2020 में यह संख्या घटकर 29848 हो गई। वारिसनगर में 2015 में सबसे अधिक नोटा का प्रयोग हुआ। आंकड़े बताते हैं कि मतदाता अब नकारात्मक मतदान के बजाय स्थिर सरकार को प्राथमिकता दे रहे हैं।

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    महासमर : नोटा दबाने वालों का मन बदला, पांच साल में आंकड़ा घटकर पहुंचा 29 हजार 848

    प्रकाश कुमार, समस्तीपुर। बिहार विधानसभा चुनाव में नोटा (नन ऑफ द एबव) का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है। 2025 में जहां 52 हजार 610 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर किसी भी प्रत्याशी को न चुनने का विकल्प अपनाया था, वहीं 2020 के चुनाव में यह आंकड़ा घटकर लगभग 29 हजार 848 पर सिमट गया।

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    यह गिरावट मतदाताओं के राजनीतिक परिपक्वता और स्थिर सरकार की चाहत का स्पष्ट संकेत देती है। समस्तीपुर जिले में भी यही रुझान साफ दिखाई देता है। जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में 2015 की तुलना में 2020 में नोटा दबाने वालों की संख्या घटी है, जबकि कुल मतदान प्रतिशत बढा है।

    2015 में सबसे अधिक नोटा का प्रयोग

    वारिसनगर विधानसभा में 2015 में सबसे अधिक 9551 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया था, जो 2020 में घटकर 2632 पर पहुंच गया। वहीं 2020 में मोहिउद्दीनगर विधानसभा में मात्र 546 वोट नोटा को मिले, जो जिले में सबसे कम था।

    दूसरी ओर समस्तीपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां भी नोटा का प्रयोग बढ़ गया। 2015 में 1070 मतदाता ने नोटा का बटन दबाया था, वहीं 2020 में यह संख्या बढ़कर 1837 रह गई।

    ऐसा माना जाता है कि शहरी क्षेत्र के मतदाता आमतौर पर अधिक शिक्षित होते हैं और वे शासन की स्थिरता को प्राथमिकता देते हैं। कुल मिलाकर, आंकड़े इसे ओर इशारा करते हैं कि अब मतदाता नकारात्मक मतदान की बजाए स्पष्ट स्थिर सरकार की दिशा में अपना रुखान दिखा रहे है।

    2015 में हसनपुर विधानसभा में ज्यादा पड़ा था नोटा

    पहली बार जब बिहार में चुनाव आयोग द्वारा 2015 में नोटा का प्रयोग शुरू किया गया था तो इसको लेकर मतदाताओं में क्रेज दिखा। समस्तीपुर जिले में हसनपुर विधानसभा में सबसे ज्यादा नोटा का प्रयोग हो गया था। यहां पर सबसे अधिक 7471 मतदाता ने नोटा का बटन दबाया था।

    वर्ष 2020 में सरायरंजन विधानसभा में जदयू के विजय कुमार चौधरी ने राजद के सहनी को मात्र 3624 वोट से हराया था। जबकि, यहां 4200 मतदाताओं ने नोटा दबाया था। समस्तीपुर विधानसभा में भी राजद से अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने 4714 मत से जीत हासिल की थी। यहां पर भी 1837 मतदाता ने नोटा का बटन दबाया था।

    समस्तीपुर जिले के 10 विधानसभा में नोटा का आंकड़ा

    विधानसभा 2015 2020
    उजियारपुर 956 6388
    मोरवा 1747 3261
    सरायरंजन 4200 7294
    मोहिउद्दीनगर 546 1795
    विभूतिपुर 5333 4440
    रोसड़ा 5284 5841
    हसनपुर 4426 7471
    समस्तीपुर 1837 1070
    वारिसनगर 2632 9551
    कल्याणपुर 2887 4999