Kargahar Election 2020 : सासाराम जिले की करगहर सीट पर जदयू के वशिष्ठ का मुकाबला कांग्रेस के संतोष मिश्र से
Kargahar Election News 2020 करगहर विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था काफी बेहतर है। लोगों का प्रमुख रोजगार खेती है और इसमें कोई दिक्कत नहीं होती। यह क्षेत्र बक्सर जिले से सटा हुआ है। यहां मुद्दे ज्यादातर स्थानीय हैं। शिक्षा और रोजगार की चर्चा युवा करते हैं।
जेएनएन, सासाराम। करगहर विधानसभा सीट बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक है। यह क्षेत्र रोहतास जिले के अंतर्गत आता है। इस क्षेत्र के मतदाता काराकाट लोकसभा सीट के लिए सांसद चुनते हैं। 2010 में अस्तित्व में आया करगहर विधानसभा क्षेत्र करगहर, कोचस व शिवसागर प्रखंड के उत्तरी भाग को मिलाकर बनाया गया है। यहां इस बार 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं। यहां 2015 के चुनाव में जदयू ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह का टिकट काटकर वशिष्ठ सिंह को प्रत्याशी बनाया था। तब वशिष्ठ सिंह ने रालोसपा प्रत्याशी रहे बीरेंद्र सिंह कुशवाहा को पराजित किया था। चुनाव मैदान में डटे प्रत्याशियों को अपनी पार्टी के कैडर वोट के अलावा स्वजातीय वोटों का भी भरोसा है। इसी हिसाब से सब जीत-हार का आकलन कर रहे हैं।
प्रमुख प्रत्याशी
1. वशिष्ठ सिंह, जदयू
2. संतोष मिश्र, कांग्रेस
3. राकेश कुमार सिंह, लोजपा
4. उदय प्रताप सिंह, बसपा
प्रमुख मुद्दे
1. सूर्य मंदिर पोखरा का जीर्णोद्वार - नगर पंचायत कोचस स्थित सूर्य मंदिर वाले पोखरे की हालत काफी खराब है। गंदगी के अंबार के चलते वर्षों से श्रद्धालु यहां छठ व्रत करने से कतरा रहे हैं।
2.धर्मावती नदी का पुल - एनएच 30 पर अवस्थित धर्मावती नदी पर बनाया गया पुल गत दो वर्षों से धराशाई है। क्षेत्र के व्यवसाई से लेकर आम लोग पुल के ध्वस्त हो जाने से परेशान हैं। खतरे को देखते हुए दो पुल के दोनों तरफ बैरियर लगा दिया गया है, जिसके चलते बड़े वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप है। यहां के व्यवसायी अधिकतर माल वाराणसी से मंगवाते हैं, जहां पुल की समस्या के चलते दो गुना भाड़ा देना पड़ जाता है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ता है।
3. चौसा-सासाराम रोड - नगर पंचायत का हृदय स्थल कहा जाने वाला चौसा-सासाराम पथ पूरी तरह उखड़ गया है। सड़क के बीचोंबीच दर्जनों बड़े-बड़े गढ्ढे बन गए हैं। इस पर वाहन तो क्या आम आदमी का चलना भी मुश्किल है।
4. महिला कॉलेज - बच्चियों की उच्च शिक्षा के लिए महिला कॉलेज नहीं है। कई बच्चियां तो संसाधन के अभाव में आगे पढ़ ही नहीं पाती हैं।
5. गली-नाली - लोगों को घरों में नल का शुद्ध पानी नहीं मिल सका है। नल का पाइप लगाने के दौरान कई गावों में बनाई गई पक्की गली भी तोड़ दी गई। नगर पंचायत के कई वार्डों की गलियां आज भी बजबजा रही हैं। जहां लोग कीचड़ से होकर ही गुजरने के लिए बाध्य हैं। कोचस बाजार के चारों तरफ नदी नाले की भरमार है।
वर्ष - कौन हारा - कौन जीता
2015 - वशिष्ठ सिंह, जदयू - वीरेंद्र कुमार सिंह, रालोसपा
2010 - रामधनी सिंह, जदयू - शिव शंकर सिंह, लोजपा