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    Bihar Election 2020: चुनाव के First phase में आठ मंत्रियों का होना है किस्मत का फैसला, दर्जन भर दिग्‍गज करेंगे कड़ा मुकाबला

    By Sumita JaiswalEdited By:
    Updated: Wed, 07 Oct 2020 06:04 PM (IST)

    Bihar Election 2020 जीतन राम मांझी के कुनबे को करना है कड़ा मुकाबला। । प्रथम चरण में उदय नारायण चौधरी प्रेम कुमार राम नारायण मंडल ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानु के किस्मत का फैसला। दिनारा में जयकुमार की राह में रोड़ा अटका सकते हैं राजेंद्र सिंह। जानिए कहां है कड़ा मुकाबला

    विधान सभा चुनाव में ' अबकी बार किसकी सरकार' कड़े चुनावी मुकाबला की सांकेतिक तस्‍वीर।

    पटना, अरविंद शर्मा। Bihar Assembly Election 2020:  विधानसभा चुनाव (Assembly Polls)  के तीन द्वार यानी तीन चरण हैं। पहले द्वार (first phase) पर ही बिहार सरकार के आठ मंत्रियों (8 Ministers of Bihar Guv) की सियासी हैसियत का आकलन होना है। हाल के दिनों में बिहार में सर्वाधिक चर्चित नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के मुकाबले पर भी सबकी नजर होगी, क्योंकि उनके रास्ते में राजद से टिकट लेकर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी आ गए हैं। पिछले चुनाव में भी दोनों के बीच कड़ा और बड़ा संघर्ष हो चुका है। मांझी के कुनबे की परीक्षा भी इसी दौर में हो जाएगी। उनके दामाद एवं समधिन की किस्मत का फैसला भी 28 अक्टूबर को होना है। अनंत सिंह और सुनील पांडेय का बाहुबल भी देखा जाएगा।

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    इन मंत्रियों की प्रतिष्‍ठा दांव पर

    पहले चरण में बिहार सरकार के जिन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है, उनमें कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्री जय कुमार सिंह, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री राम नारायण मंडल, परिवहन मंत्री संतोष निराला, खान एवं भूतत्व मंत्री बृज किशोर बिंद शामिल हैं।

    दिनारा में दिलचस्‍प मुकाबला

    सबसे ज्यादा दिलचस्प मुकाबला दिनारा के मोर्चे पर होना है, जहां मंत्री एवं जदयू प्रत्याशी जय कुमार सिंह के सामने राजद ने विजय मंडल को उतारा है। यहां लड़ाई सीधी नहीं होनी है। भाजपा से अपने गहरे और पुराने रिश्ते को तोड़कर राजेंद्र सिंह ने लोजपा का साथ पकड़ लिया है। प्रदेश भाजपा में राजेंद्र उपाध्यक्ष जैसे बड़े ओहदे पर थे। पिछले चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में प्रचारित किया गया था। परंतु हार गए। उसके बाद भी पार्टी में बेहद सक्रिय रहे। अबकी बेटिकट होते ही उन्होंने दूसरा ठिकाना तलाश लिया है।

    अबकी मांझी और उदय नारायण का कड़ा मुकाबला

    गया जिले के इमामगंज क्षेत्र में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी के सामने राजद के टिकट पर उदय नारायण चौधरी हैं, जो वहां से पांच बार जीत चुके हैं। पिछले चुनाव में मांझी ने उनकी यात्रा पर ब्रेक लगा दी थी। अबकी फिर कड़ा मुकाबला है। गया शहरी क्षेत्र से पिछले सात बार जीतते आ रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं कृषि मंत्री प्रेम कुमार के सामने कांग्रेस ने अबकी मोहन श्रीवास्तव को उतारा है। भाजपा की राह रोकने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रत्याशी बदला। इस बार का बदलाव कितना कारगर होगा, देखना दिलचस्प होगा।

    क्‍या सुदय को इस बार भी मिलेगी सहानुभूति लहर

    जदयू ने शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा का क्षेत्र बदलकर उन्हें जहानाबाद से उतारा है। पिछली बार वह घोसी से जीते थे। वर्मा के सामने राजद ने सुदय यादव को फिर खड़ा किया है, जो अपने पिता मुंद्रिका प्रसाद यादव के निधन से सहानुभूति की लहर में दो साल पहले विधायक बने थे। बांका में भाजपा नेता एवं मंत्री राम नारायण मंडल को राजद के जावेद अंसारी से चुनौती मिलेगी। लखीसराय में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री विजय कुमार सिन्हा का सामना कांग्रेस के अमरेश कुमार अनीश से होगा। राजपुर में मंत्री एवं जदयू प्रत्याशी संतोष निराला से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने विश्वनाथ तिवारी को मौका दिया है। चैनपुर में मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार बृज किशोर बिंद की टक्कर कांग्रेस के प्रकाश कुमार सिंह से है।

    पूर्व मंत्रियों की भी होगी कड़ी टक्कर :

    टिकारी क्षेत्र में हम प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री अनिल कुमार से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने आखिरी समय में टिकट बदलकर सुमंत कुमार पर भरोसा जताया है। वर्षों बाद राजद से गठबंधन में टिकारी कांग्रेस के कब्जे में आया है। मुकाबले पर सबकी नजर होगी। बेलागंज में राजद प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव के सामने जदयू के अभय कुशवाहा हैं। अभय ने पिछला चुनाव टिकारी से जीता था। शेरघाटी में जदयू प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विनोद यादव का सामना राजद की मंजू अग्रवाल से है। औरंगाबाद में भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री रामाधार सिंह के सामने कांग्रेस के आनंद शंकर सिंह हैं। पिछली बार आनंद ने रामाधार को हरा दिया था।

    बाहुबली अनंत सिंह की भिड़ंत जदयू के अशोक सिंह से

    कड़ी टक्कर रामगढ़ में होनी है, जहां राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर के सामने भाजपा ने अशोक सिंह को उतारा है। आरा में भाजपा प्रत्याशी अमरेंद्र प्रताप सिंह का सामना माले के कयामुद्दीन अंसारी से है। मोकामा में बाहुबली अनंत सिंह की भिड़ंत जदयू के अशोक सिंह से होगी। घोसी की लड़ाई भी देखने लायक होगी। जदयू ने पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के पुत्र राहुल कुमार को टिकट थमाया है, जिनकी राह में माले के रामबली यादव हैं। बाढ़ में चार बार से जीतते आ रहे भाजपा के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू की लड़ाई कांग्रेस के सत्येंद्र बहादुर से है। सत्येंद्र पहली बार मैदान में हैं।

    बेटे-बेटी की प्रतिष्ठा भी दांव पर :

    कांग्रेस के दो बड़े नेताओं सदानंद सिंह और अवधेश कुमार सिंह ने अपनी पारी ब्रेक कर पहली बार पुत्रों को आगे किया है। कहलगांव में सदानंद के पुत्र शुभानंद मुकेश के सामने भाजपा के पवन यादव होंगे। वजीरगंज में अवधेश के पुत्र शशि शेखर सिंह का मुकाबला भाजपा के वीरेंद्र सिंह से होने वाला है। अतरी की राजद विधायक कुंती यादव ने भी अपने बदले पुत्र अजय यादव को मैदान में उतारा है। अजय का मुकाबला स्व. बिंदी यादव की पत्नी एवं जदयू प्रत्याशी मनोरमा देवी से है।

    मांझी की समधिन और दामाद भी मुकाबले में

    जीतनराम मांझी ने अपनी सीट मखदुमपुर से इस बार दामाद देवेंद्र मांझी को टिकट थमाया है। उनके सामने राजद के सतीश दास हैं। इसी तरह बाराचïट्टी में मांझी ने अपनी समधन ज्योति देवी को सिंबल दिया है। उनका मुकाबला राजद की समता देवी से है। समता देवी पूर्व सांसद भगवतिया देवी की पुत्री हैं। तारापुर में पूर्व सांसद जय प्रकाश नारायण यादव ने बेटी दिव्या प्रकाश को राजद का टिकट दिलाया है। उनके सामने हैं जदयू प्रत्याशी मेवालाल चौधरी।

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