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    Bihar Election 2020: तेज प्रताप यादव की सियासी राह में रोड़ा नहीं बनने जा रहीं ऐश्वर्या राय, लालू ने बचा रखी है दुश्‍मनी में भी दोस्‍ती की गुंजाइश

    By Sumita JaiswalEdited By:
    Updated: Sat, 10 Oct 2020 10:00 PM (IST)

    Bihar Election 2020 लालू यादव और समधी चंद्रिका राय के परिवार के बीच छत्‍तीस का आंकड़ा जगजाहिर है। अब तय है कि ऐश्‍वर्या राय तेज प्रताप के खिलाफ चुनाव ...और पढ़ें

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    लालू यादव क बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव, तेजस्‍वी यादव, लालू प्रसाद यादव और ऐश्‍वर्या राय की तस्‍वीर।

    पटना, अरविंद शर्मा। Bihar Election 2020: ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai)  और तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के तलाक प्रकरण (divorce case)  के बाद से लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) और चंद्रिका प्रसाद राय (Chandrika Prasad Rai) के परिवारों के बीच छत्तीस का रिश्ता जगजाहिर है। दोनों परिवार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों (Former CM of Bihar)  का है। पहले खबरें आ रही थीं कि लालू अपने समधी चंद्रिका राय के खिलाफ परसा में उनकी ही भतीजी करिश्मा राय (Karishma Rai)  को प्रत्याशी बनाएंगे। यह भी कहा जा रहा था कि चंद्रिका भी अपनी बेटी ऐश्वर्या को जदयू  (JDU) के टिकट पर तेजप्रताप (Tej Pratap ) या तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav)  के खिलाफ चुनाव लड़ा सकते हैं। उन्होंने ऐसा संकेत भी दिया था परंतु अब ऐसा होने नहीं जा रहा। दोनों ही परिवारों ने दुश्मनी में भी दोस्ती की गुंजाइश को बचाए रखा है।

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    लालू ने दिखाई नरमी

    पारिवारिक कटुता में नरमी की शुरुआत लालू प्रसाद की ओर से देखी गई। उन्होंने अपने समधी की भतीजी करिश्मा राय को अभी तक बैरक में ही बिठा रखा है। इसी साल दो जुलाई को राजद की सदस्यता लेने के बाद करिश्मा ने दावा किया था कि आलाकमान के निर्देश पर वह अपने चाचा चंद्रिका राय के खिलाफ भी चुनाव लड़ने  लिए तैयार है। किंतु लालू ने समधी चंद्रिका राय की परंपरागत सीट परसा से लोजपा से आए छोटे लाल राय को प्रत्याशी बनाया है, जो पहले भी चंद्रिका के खिलाफ लड़कर हारते-जीतते रहे हैं। पिछले चुनाव में राजद के टिकट पर चंद्रिका ने छोटे लाल को 43 हजार से अधिक मतों से परास्त किया था। तब छोटे लोजपा में थे। अबकी चंद्रिका के जदयू में जाने के बाद राजद में आ गए हैं। 2010 में जदयू के टिकट पर छोटे लाल ने 1990 से जीतते आ रहे चंद्रिका की जीत के सिलसिले पर ब्रेक लगाया था।

    जदयू ने भी नहीं बनने दिए मुकाबले के आसार

    खैर, लालू के सकारात्मक रुख के बाद चंद्रिका की नई पार्टी जदयू ने भी दो करीबी रिश्तेदारों के बीच किसी तरह के मुकाबले के आसार नहीं बनने दिए। पहले कहा जा रहा था कि राजद के एकमात्र स्टार प्रचारक तेजस्वी यादव को जदयू उनके क्षेत्र राघोपुर में ही घेरकर रखने की रणनीति बनाएगा। इसके लिए उनकी भाभी ऐश्वर्या राय को मैदाने-जंग में उतारा जा सकता है। किंतु जदयू ने कड़वाहट बढ़ाने के बजाय खुद को मोर्चे से ही हटा लिया। 2010 में इसी सीट से राबड़ी देवी को हरा चुके जदयू ने अबकी इसे तालमेल के तहत भाजपा के खाते में डाल दिया है।

    महुआ सीट पर लड़ने की संभावना भी खत्‍म

    लालू परिवार के लिए दूसरी महत्वपूर्ण सीट महुआ से भी जदयू के टिकट पर ऐश्वर्या के लड़ने की संभावना अब पूरी तरह खत्म हो गई है। जदयू ने यहां से पूर्व मंत्री इलियास हुसैन की बेटी आस्मा परवीन को प्रत्याशी बना दिया है। पिछली बार यहां से तेजप्रताप विधायक बने थे। अबकी उन्होंने सीट बदल ली है। वह महुआ के बदले हसनपुर से राजद के प्रत्याशी होने जा रहे हैं, जहां उनका मुकाबला जदयू के विधायक राजकुमार राय से होना है।

    नहीं दिखेगी पारविारिक कटुता

    साफ है कि महीने भर पहले तक पारिवारिक झगड़े ने दोनों परिवारों को उस मोड़ पर खड़ा कर दिया था, जहां से लौटना असंभव लग रहा था। किंतु अब यह भी तय है कि चुनाव के दौरान लालू और चंद्रिका के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता भले दिख जाए, लेकिन आरपार की कटुता नहीं दिखेगी, जैसा पहले से अनुमान लगाया जा रहा था।