Baikunthpur Election 2020: बैकुंठपुर में भाजपा प्रत्याशी पर हमले के मामले में JDU के बागी पर प्राथमिकी, 56.64 फीसद हुआ मतदान
Baikunthpur Election News 2020 बैकुंठपुर विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी के रूप में विधायक मिथिलेश तिवारी मैदान में हैं। इस बार गठबंधन में जदयू का साथ है। लेकिन जदयू के बागी प्रत्याशी मंजीत कुमार सिंह यहां निर्दलीय मैदान में आ गए हैं।
जेएनएन, गोपालगंज। बैकुंठपुर विधानसभा सीट गोलापगंज लोकसभा में आती है। यहां की मंगलवार को जनता ने बहुत उत्साह के साथ वोटिंग की। शाम छह बजे मतदान समाप्त हुआ। कुल 56.64 फीसद रिकॉर्ड हुआ। यहां 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पंडित शिवबचन त्रिवेदी विधायक बने थे। पिछले चुनाव की बात करें तो 2015 में भाजपा के मिथिलेश तिवारी ने जदयू के मंजीत कुमार सिंह को करीब 14 हजार वोटों से शिकस्त दी थी। इस बार गठबंधन का स्वरूप बदला हुआ है। राजग की ओर से भाजपा के मिथिलेश तिवारी फिर से मैदान में हैं। वहीं मंजीत कुमार सिंह जदयू से बगावत कर निर्दलीय उतर गए हैं। उधर महागठबंधन की ओर से राजद की टिकट पर पूर्व विधायक स्वर्गीय देवदत्त प्रसाद के पुत्र प्रेमशंकर राय मैदान में हैं।
भाजपा प्रत्याशी पर हमले के मामले में 17 लोगों पर एफआइआर
मतदान से ठीक एक दिन पहले यानी सोमवार को जनसंपर्क में निकले भाजपा प्रत्याशी सह मौजूदा विधायक मिथिलेश तिवारी पर बैकुंठपुर थाना के रेवतीथ गांव में कुछ लोगों ने हमला कर दिया। घटना रात के करीब नौ बजे तब हुई, जब वे रेवतीथ-श्यामपुर मेन रोड से देवकुली जा रहे थे। हमले में विधायक तो बच गए, लेकिन उनकी स्कॉर्पियो क्षतिग्रस्त हो गई। इससे नाराज भाजपा प्रत्याशी तथा उनके समर्थक रात में ही बैकुंठपुर थाना धरने पर बैठ गए। करीब पांच घंटे तक धरने पर बैठे रहने के बाद मंगलवार की सुबह प्राथमिकी दर्ज हुई। रेवतीथ गांव के विक्रमा गोंड़ के बयान पर निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व विधायक मंजीत कुमार सिंह और उनके 17 सहयोगियों को प्राथमिकी में नामजद किया गया है।
प्रमुख प्रत्याशी
मिथिलेश तिवारी - भाजपा
प्रेमशंकर राय - राजद
मंजीत कुमार सिंह- निर्दलीय
मुख्य मुद्दे
1. उच्च शिक्षा- हाईस्कूल की पढ़ाई की व्यवस्था अब सभी पंचायतों में हो गई है। लेकिन, इंटर के आगे की पढ़ाई छात्र-छात्राओं के लिए समस्या बनी हुई है। क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। सविता कुमारी कहती हैं कि डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी छात्राओं को होती है। अधिकांश छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं।
2. स्वास्थ्य- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिधवलिया तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पकड़ी झझवां सहित कई स्वास्थ्य उपकेंद्रों का निर्माण हो चुका है। लेकिन अस्पतालों में चिकित्सकों व दवाओं की हमेशा कमी रहती है। उपेंद्र महतो शिकायती लहजे में कहते हैं कि गरीब आदमी बीमार पड़ जाए तो आफत ही आ जाती है।
3. सिंचाई- नगदी फसल के रुप में गन्ना तथा दियारे इलाके के किसान खीरे, ककड़ी, तरबूज की व्यापक पैमाने पर खेती होती है। धान व गेहूं की भी व्यापक पैमाने पर खेती होती है। लेकिन, सिंचाई के सरकारी संसाधन किसानों के लिए समस्या बने हुए हैं। मनाेज सिंह का कहना है कि पटवन के लिए निजी साधनों पर निर्भर रहना पड़ता है।
4. जल प्रदूषण- इस विधानसभा क्षेत्र में एक चीनी मिल तथा एक इथनॉल फैक्ट्री है। इसके साथ ही छोटे-मोटे अन्य उद्योग भी हैं। इनका केमिकल युक्त गंदा पानी इधर-उधर बहाए जाने से जल प्रदूषण गंभीर बनता जा रहा है।
5. बाढ़- गंडक नदी की बाढ़ हर वर्ष किसानों के लिए विनाशकारी साबित होती है। बांध निर्माण समेत अन्य मांगें होती रही हैं लेकिन निदान नहीं निकल सका है।
13 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे 3 लाख 17 हजार मतदाता
विधानसभा क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 3 लाख 16 हजार 985 है। इनमें 1 लाख 63 हजार 885 पुरुष वोटर जबकि 1 लाख 53 हजार 94 महिला वोटर हैं। यही वोटर कुल 13 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
बैकुंठपुर से ये हैं प्रत्याशी
मिथिलेश तिवारी भाजपा
प्रेमशंकर प्रसाद राजद
वंदना सिंह राकांपा
मंजीत कुमार सिंह निर्दलीय
अतुल कुमार गौतम प्लूरल्स
उत्तम कुमार चौहान जनवादी पार्टी
भैरव सिंह जनसंघर्ष विराट पार्टी
मनोज कुमार रंजन निर्दलीय
मदन राय निर्दलीय
मोहन महतो निर्दलीय
रंजीत सिंह निर्दलीय
राजेंद्र प्रसाद निर्दलीय
सुरेश कुमार सिंह निर्दलीय
कब कौन रहे विधायक
वर्ष जीते हारे
1952 पं. शिवबचन त्रिवेदी (कांग्रेस) अनिरुद्ध राय (स्वतंत्र पार्टी)
1957 त्रिविक्रमदेव नारायण सिंह (स्वतंत्र पार्टी) पं. शिवबचन त्रिवेदी (कांग्रेस)
1962 पं. शिवबचन त्रिवेदी (कांग्रेस) हरिहर राय (स्वतंत्र पार्टी)
1967 सभापति सिंह (सोशलिस्ट पार्टी) पं. शिवबचन त्रिवेदी (कांग्रेस)
1969 पं. शिवबचन त्रिवेदी (कांग्रेस) सभापति सिंह (सोशलिस्ट पार्टी)
1972 सभापति सिंह (सोशलिस्ट पार्टी) पं. शिवबचन त्रिवेदी (कांग्रेस)
1977 ब्रजकिशोर नारायण सिंह (जनता पार्टी) देवनंदन सिंह (कम्यूनिस्ट पार्टी)
1980 ब्रजकिशोर नारायण सिंह (जनता पार्टी) देवनंदन सिंह (कम्यूनिस्ट पार्टी)
1985 ब्रजकिशोर नारायण सिंह (कांग्रेस) देवदत्त राय (जनता दल)
1990 ब्रजकिशोर नारायण सिंह (कांग्रेस) देवदत्त राय (लोकदल)
1995 लालबाबू प्रसाद यादव (जनता दल) ब्रजकिशोर नारायण सिंह (कांग्रेस)
1996 (उपचुनाव) देवदत्त प्रसाद (जनता दल) ब्रजकिशोर नारायण सिंह (समता पार्टी)
2000 मंजीत कुमार सिंह (समता पार्टी) लालबाबू प्रसाद यादव (राजद)
2005 फरवरी देवदत्त प्रसाद (राजद) मंजीत कुमार सिंह (जदयू)
2005 अक्टूबर देवदत्त प्रसाद (राजद) मंजीत कुमार सिंह (जदयू)
2010 मंजीत कुमार सिंह (जदयू) देवदत्त प्रसाद (राजद)
2015 मिथिलेश तिवारी (भाजपा) मंजीत कुमार सिंह (जदयू)