Babubarhi Election 2020: बाबूबरही में ससुर की विरासत संभालने मैदान में उतरी जदयू उम्मीदवार बहू को राजद से मिलेगी टक्कर
Babubarhi Election News 2020 जदयू से कपिलदेव कामत की बहू मीना कामत मैदान में है। वहीं महागठबंधन ने इस सीट से दो बार कपिलदेव कामत को ही हराकर जीत दर्ज करनेवाले राजद के उमाकांत यादव को मैदान में उतारा है। इसलिए यह सीट चर्चा में है।
मधुबनी,जेएनएन। मधुबनी जिले की बाबूबरही विधानसभा सीट सियासी गलियारे में चर्चित रही है। पिछले चुनाव में यहां से जीत दर्ज करनेवाले कपिलदेव कामत सूबे के पंचायती राज मंत्री रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में उनकी गिनती थी। हाल ही में उनके निधन और बहू मीना कामत के चुनाव लडऩे से यह सीट फिर से चर्चा में है। मीना ससुर के 2005 और 2015 के कार्यकाल, मंत्री रहते उनकी उपलब्धियों और उनके निधन के बाद आत्मीय भावनाओं के सहारे लोगों से जुडऩे की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, प्रतिद्वंद्वी ने भी जमीन को कम नहीं सींचा है। महागठबंधन ने इस सीट से दो बार कपिलदेव कामत को ही हराकर जीत दर्ज करनेवाले राजद के उमाकांत यादव को मैदान में उतारा है। वहीं, लोजपा और रालोसपा की भी मोर्चाबंदी नजर आती है। वोटिंग की प्रक्रिया यहां पूरी हो गई है। यहां 55.21 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है ।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी
एनडीए : मीना कामत (जदयू)
महागठबंधन : उमाकांत यादव (राजद)
लोजपा : अमरनाथ प्रसाद
पीडीए : महेंद्र प्रसाद सिंह (रालोसपा)
2015 के विजेता, उप विजेता और मिले मत
कपिलदेव कामत (जदयू) -61486
विनोद कुमार सिंह (लोजपा)- 41219
2010 के विजेता, उप विजेता और मिले मत
उमाकांत यादव (राजद)- 51772
कपिलदेव कामत (जदयू)- 46859
2005 के विजेता, उप विजेता और मिले मत
कपिलदेव कामत (जदयू)- 39826
उमाकांत यादव (राजद)- 37744
कुल मतदाता : 305874
पुरुष : 161042
महिला : 144800
ट्रांसजेंडर : 32
जीत का गणित
बाबूबरही क्षेत्र में यादव मतदाताओं की बहुलता है। ये हर बार हार-जीत में निर्णायक रहे हैं। दूसरे स्थान पर कोयरी समाज के वोटर हैं। हालांकि, स्थानीय मतदाता इस बार दो धड़ों में नजर आ रहे हैं। एक वर्ग जदयू और राजद में सीधी टक्कर देख रहा तो दूसरा दल जातीय फैक्टर को हावी बता रहा। जातिगत समीकरण के आधार पर देखें तो जदयू को सीट बचाने के लिए राजद के वोट बैंक में सेंधमारी करनी होगी। रालोसपा ने यहां से कोइरी समाज के महेंद्र प्रसाद सिंह को उम्मीदवार बनाया है। इनके अलावा निर्दलीय राजकुमार सिंह व कीर्तन प्रसाद सिंह भी इसी समाज के हैं। ऐसे में इनके वोटों के बिखराव या गोलबंद, दोनों की गुंजाइश बनी रहेगी। जानकार बताते हैं कि किसी एक दल के पक्ष में इनके गोलबंद होने का लाभ उसे मिल सकता है, लेकिन बिखराव से जदयू और राजद, दोनों को नुकसान हो सकता है।
प्रमुख मुद्दे
1. ऐतिहासिक स्थल बलिराजगढ़ का पूर्ण उत्खनन दशकों से लंबित है। इसका उत्खनन होने से इतिहास की कई परतें यहां उजागर होंगी।
2. रेलवे को भरपूर राजस्व देने वाले और रैक प्वाइंट युक्त खजौली रेलवे स्टेशन पर शत्री सुविधाओं का घोर अभाव है।
3. मैनाडीह में चचरी पुल हटाकर पक्का पुल बनाने की मांग स्थानीय लोग वर्षों से कर रहे हैं।