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    Bihar Election 2025: वोटिंग में आधी आबादी आगे, फिर भी उत्तर बिहार की 37 सीटों को महिला विधायकों का इंतजार

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 03:49 PM (IST)

    बिहार में विधानसभा की 37 सीटें ऐसी हैं जहाँ आज तक कोई महिला प्रत्याशी नहीं जीती है जबकि इन क्षेत्रों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से बेहतर रहा है। राष्ट्रीय पार्टियों ने भी महिलाओं पर पर्याप्त भरोसा नहीं दिखाया जिससे उन्हें टिकट देने में वे पीछे रही हैं। पश्चिम चंपारण में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा फिर भी महिला प्रतिनिधित्व कम है।

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    उत्तर बिहार की 37 सीटों पर महिला विधायकों का इंतजार

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। लोकतंत्र के महापर्व में आधी आबादी के लिए बराबरी की बात की जाती है। चुनाव में उन्हें आरक्षण भी प्राप्त है, बावजूद बिहार में विधानसभा की 37 सीटें ऐसी हैं, जिस पर आज तक महिला प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सकी हैं।

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    इनमें मुजफ्फरपुर की आठ, पूर्वी चंपारण की छह, पश्चिम चंपारण की चार, शिवहर की एक, सीतामढ़ी की तीन, समस्तीपुर की आठ और मधुबनी की सात सीटें शामिल हैं।

    ये ऐसी सीटें हैं जिस पर आजादी के बाद से महिलाएं संघर्ष तो करती रही हैं, लेकिन विजयी नहीं हुईं। जबकि इन क्षेत्रों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से बेहतर रहा है।

    लेकिन, महिलाओं की भागीदारी केवल मत पेटियों तक सीमित हो कर रह गईं। सबसे बड़ी बात यह कि राष्ट्रीय पार्टियों ने महिलाओं पर भरोसा भी नहीं जताया, इसलिए उन्हें टिकट देने में ये पार्टियां पीछे ही रही हैं।

    आजादी के बाद केवल पुरुष ही बने विधायक

    पश्चिम चंपारण में धनहा विधानसभा क्षेत्र का अस्तित्व 2008 के परिसिमन तक रहा। 2010 में यह सीट वाल्मीकिनगर विधानसभा में परिणत हो गई। लौरिया, सिकटा एवं बगहा विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से सक्रिय है।

    आजादी के बाद से अब तक हुए सभी चुनावों में इन क्षेत्रों से केवल पुरुष ही निर्वाचित हुए हैं। जिले के नौ विधानसभा क्षेत्र में से पांच पर ही महिलाओं ने प्रतिनिधित्व किया है। वर्ष 1952 से 2020 तक मात्र 10 महिलाएं ही विधानसभा तक का सफर तय कर सकी हैं।

    सीतामढ़ी में सीतामढ़ी, रीगा और सुरसंड विधानसभा से आज तक महिला उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं करा सकीं। मुजफ्फरपुर में 11 में आठ मुजफ्फरपुर, औराई, मीनापुर, बलुराज, कांटी, साहेबगंज, कुढ़नी और सकरा तो मधुबनी में मधुबनी, हरलाखी, बिस्फी, खजौली, झंझारपुर, लौकहा और राजनगर विधानसभा में महिला विधायक नहीं बनी है।

    वहीं पूर्वी चंपारण की 12 विधानसभा में से छह सीटें रक्सौल, सुगौली, हरसिद्धि, पीपरा, मोतिहारी, मधुबन महिलाओं से आज तक वंचित है।

    पुरुषों से अधिक रहा है महिलाओं का मतदान प्रतिशत

    पश्चिम चंपारण में 2015 के विधानसभा चुनावों में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 59.48 रहा, जबकि महिलाओं का 67.99 प्रतिशत। इसी तरह 2020 में पुरुषों ने 59.26 और महिलाओं ने 64.81 प्रतिशत मतदान किया।

    शिवहर में वर्ष 2015 में 61.4 फीसद महिला वोटरों ने मतदान किया, जबकि पुरुष वोटर का प्रतिशत 48.7 रहा। 2020 के विधानसभा चुनाव में 51.8 प्रतिशत महिला व 48.2 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया था।

    मुजफ्फरपुर में 2020 के विधानसभा चुनाव में 54.6 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया, जबकि महिलाओं का मतदान प्रतिशत 59.7 प्रतिशत रहा है। इसी तरह मधुबनी में महिलाओं का औसत मतदान पुरुषों के मुकाबले दो से पांच प्रतिशत तक अधिक रहा है।