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    Supaul Election 2020 : मंत्री विजेंद्र यादव आठवीं बार मैदान में, कांग्रेस lसे रहा टक्कर

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 07 Nov 2020 06:40 PM (IST)

    Bihar Assembly Elections 2020 Supaul Election 2020 सुपौल सीट पर इस बार कांग्रेस और जदयू के बीच सीधा मुकाबला । यहां पर 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस विधानसभा सीट पर 288301 मतदाताओं में 58 फीसद मतदाताओं ने अपनेे मताधिकार का प्रयोग किया ।

    Supaul Election 2020 : जदयू के विजेंद्र यादव, कांग्रेस के मिन्नतुल्लाह रहमानी व लोजपा के प्रभाष चंद्र मंडल

     सुपौल, जेएनएन। Bihar Assembly Elections 2020 : Supaul Election 2020 :  सुपौल विधानसभा में 58 फीसद मतदान के साथ चुनाव शांतिपूर्ण संपन्‍न हो गया।  बार भी सुपौल विधानसभा हॉट सीट के रूप में रहा । अब यहां के चुनाव परिणाम पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।सुबह से शाम तक मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भीड लगी । बता दें कि  विजेंद्र यादव 1990 से लगातार यहां से जीत रहे हैं। इस बार भी जदयू ने उन्हें मैदान में उतारा है। वहीं, महागठबंधन ने यह सीट कांग्रेस को दी है। यहां से कांग्रेस के युवा उम्मीदवार मिन्नतुल्लाह रहमानी हैं। वहीं, लोजपा ने प्रभाष चंद्र मंडल को उतारा है।

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    ये हैं इस बार के प्रत्याशी

    विजेंद्र प्रसाद यादव, जदयू

    मिन्नतुल्लाह रहमानी, कांग्रेस

    प्रभाष चंद्र मंडल, लोजपा

    सुरेश कुमार आजाद

    भोगी मंडल

    राजेश कुमार

    शिवनाथ प्रसाद गुप्ता

    उपेंद्र शर्मा

    अनिल कुमार सिंह

    मृत्युजंय कुमार

    पंकज कुमार मंडल

    सुपौल विधानसभा की स्थिति

    -कुल प्रत्याशी:-11

    -पुरुष मतदाता:-150249

    -महिला मतदाता:-138043

    -थर्ड जेंडर:- 09

    -कुल मतदाता:-288301

    -सॢवस वोटर-396

    -अस्सी वर्ष से ऊपर के मतदाता:-5427

    -पीडब्ल्यूडी मतदाता:-1426

    -कुल मतदान केंद्र:-406

    मुख्य मुद्दे :-

    जलजमाव : सुपौल विधानसभा का अधिकांश भाग शहरी क्षेत्र में पड़ता हैं। लेकिन, शहरी क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम अब तक नहीं बन सकता है। इससे बारिश के मौसम में शहर के लोगों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    पलायन : रोजी-रोजगार के लिए आज भी यहां के लोगों को दूर प्रदेश जाना पड़ता है। स्थानीय स्तर पर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अब तक कोई कवायद शुरू नहीं की गई है।

    स्वास्थ्य : स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में यह यह इलाका पिछड़ा है। यहां के लोगों को इलाज के लिए आज भी पटना या दरभंगा जाना पड़ता है।

    शिक्षा : यहां उच्च शिक्षा के लिए कोई सरकारी महिला कॉलेज नहीं है। यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए कोटा, दिल्ली, पटना आदि शहर जाना पड़ता है।

    पेयजल : बाढ़ प्रभावित इलाका होने के बावजूद यहां के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाता है। यहां की लगभग चालीस फीसद आबादी जलजनित बीमारी से ग्रस्त हैं।