Kasba Election 2020 : कांग्रेस, लोजपा और एनडीए के बीच रहा मुकाबला, 13 प्रत्याशी थे मैदान में
Bihar Assembly Elections 2020 Kasbapurnia Election 2020 पूर्णिया के कसबा विधानसभा सीट पर इस बार मुख्य मुकाबला कांग्रेस लोजपा और एनडीए के बीच । इस सीट को एनडीए ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हम को दे दिया है।
पूर्णिया, जेएनएन। Bihar Assembly Elections 2020 : Kasbapurnia Election 2020 : कसबा विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला रहा। 68 फीसद वोट पडे। यहां पर लोजपा ने महागठबंधन और एनडीए दोनों के प्रत्याशियों की परेशानी बढ़ा दी है। एनडीए ने यह सीट जीतन राम मांझी की पार्टी हम को दिया है।यहां के सभी मतदान केंद्रों पर वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लोगों में उत्साह चरम पर है। मो. अफाक आलम अभी यहां के विधायक हैं। एनडीए ने राजेंद्र यादव को यहां से उतारा है। 2015 में कांग्रेस पार्टी से मो. अफाक आलम ने चुनाव में जीत दर्ज किया था।
मुद्दा :-
पलायन :- पलायान यहां पर अहम मुद्दा है। स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध नहीं रहने के कारण लोग यहां से कामकाज की तलाश में दूसरे प्रदेश चले जाते हैं। पलायान को रोकने को लेकर अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
कृषि : किसानों हर साल प्रकृति की मार झेलने को विवश हैं। लेकिन, इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है। लेकिन अब युवा कृषि के बजाय दूसरे प्रदेशों में जाकर रोजी रोजगार कर रहे हैं।
गेरुआ पुल का निर्माण : गेरुआ पुल के निर्माण की मांग यहां के लेाग दशकों से कर रहे हैं। इस पुल के जर्जर होने से यहां के किसान को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे आनाज को बेचने के लिए मंडी तक नहीं ले जा पाते हैं।
रिंग बांध का निर्माण : बाढ़ से बचाव के लिए यहां पर रिंग बांध का निर्माण होना था। यहां के कसबा और जलालगढ़ ब्लॉक में हर साल बाढ़ आती है। इससे लोग परेशान रहते हैं। इसके लिए रिंग बांध का निर्माण होना था। जो अब तक नहीं हो सका।
शिक्षकों की कमी : यहां के कई स्कूलों में शिक्षकों की काफी कमी है। सबसे अधिक नव उत्क्रमित स्कूलों की स्थिति गंभीर है। यहां पर नए शिक्षकों को पदस्थापित नहीं किया गया।
इस बार के प्रत्याशी
मो. अफाकआलम, कांग्रेस
प्रदीप कुमार, लोक जन शक्ति पार्टी
कुमार साहेव, सत्य बहुमत पार्टी
प्रधान कुमार सिंह, राष्ट्रीय जन शक्ति पार्टी (सेक्युलर)
बमबम साह, सर्व जन पार्टी (भारत)
मनोज माहतो, एंटी क्रप्शन डायनेमिक पार्टी
मो. नुरुल हक, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया
राजेंद्र यादव, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)
शक्ति नाथ यादव, राइट टू रिकॉल पार्टी
मो. शाहबाज आलम, ऑल इंडिया मजलिस ईदाहुदूल मजलिस
संतोष कुमार मंटू, राष्ट्रवादी जनता पार्टी
हयात असरफ, द पुलुरल पार्टी
मो. इत्तेफाक आलम, निर्दलीय
अब तक के विधायक
आरएन मंडल (कांग्रेस)
जय नारायण मेहता (कांग्रेस)
मो. यासिन (कांग्रेस)
सैयद गुलाम (कांग्रेस)
शिव चरण मेहता (राजद)
प्रदीप कुमार दास (भाजपा)
मो. अफाक आलम (कांग्रेस)
प्रदीप कुमार दास (भाजपा)
मो. अफाक आलम (कांग्रेस)
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