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    Bihar Assembly Election 2025: त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी परिवहन मंत्री शीला मंडल की सीट

    By Devkant Jha Edited By: Ajit kumar
    Updated: Fri, 31 Oct 2025 12:24 PM (IST)

    Bihar Vidhan Sabha Chunav: फुलपरास विधानसभा क्षेत्र में आगामी चुनाव के लिए उम्मीदवार मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं। एनडीए विकास की बात कर रही है, जबकि महागठबंधन रोजगार का वादा कर रहा है। जनसुराज पलायन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। मुकाबला जदयू, कांग्रेस और जनसुराज के बीच है। देखना होगा कि मतदाता किसे चुनते हैं।

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    Bihar Election 2025: यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    संवाद सहयोगी, फुलपरास (मधुबनी)। Bihar Assembly Election 2025: आगामी 11नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी मतदाताओं को अपने अपने तरफ करने के लिए जी जान से जुटे हुए है और मतदाताओ रिझाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है।

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    जिले के अंतिम छोड़ सुपौल एवं दरभंगा जिला तक फैला फुलपरास विधानसभा क्षेत्र 1952 से अस्तित्व में है।इसके क्षेत्र में फुलपरास की पांच पंचायत व एक नगर पंचायत, घोघरडीहा की 17 पंचायत एवं एक नगर पंचायत और मधेपुर प्रखंड की 20 पंचायत शामिल है।

    ज्यों ज्यों मतदान की तारिख नजदीक आ रही है त्यों त्यों मतदाताओं की गोलबंदी भी शुरू हो गई है। एनडीए विकास,सुशासन एवं डबल इंजन की सरकार बनाने की बात को लेकर आमजनों के पास जा रहे है और महागठबंधन नौकरी,रोजगार एवं युवाओं की सरकार की बात आम मतदाताओ को समझा रहे है तथा जनसुराज पलायन,रोजगार,भरष्टाचार के साथ अपने बच्चे के साथ बिहार की बेहतरी के लिए 35 वर्षों से चली आ रही शासन सत्ता को बदलने का नारा बुलंद कर रहे हैं।

    फुलपरास विधानसभा से कुल 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है,जिसमें एनडीए समर्थित जदयू से परिवहन मंत्री शीला मंडल,महागठबंधन समर्थित कांग्रेस से सुबोध मंडल और जनसुराज से जलेंद्र कुमार मिश्रा प्रमुख है।इसके अलावा बसपा से विजय कुमार,आम आदमी पार्टी से ई गौडीशंकर यादव,एकता दल यूनाइटेड से कृष्णमोहन,राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी से स्वामी सुरेशानन्द के अलावा निर्दलीय के रूप में विजय चौधरी,बैजू साफी एवं रामकुमार यादव शामिल है।
    यादव, ब्राह्मण, मुस्लिम एवं अतिपिछड़ा बाहुल्य फुलपरास विधानसभा में जदयू एवं कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला नजर आ रहा है लेकिन जनसुराज का तीसरा कोन बनने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है।

    एनडीए एवं महागठबंधन के उम्मीदवार अतिपिछड़ा समुदाय के धानुक जाति से है जो चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है।एनडीए के मूल वोट में जनसुराज से जलेंद्र मिश्रा एवं निर्दलीय उम्मीदवार विजय चौधरी और महागठबंधन के मूल वोट में आम आदमी पार्टी से ई गौरीशंकर एवं बसपा से विजय कुमार की सेंधमारी भी चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है।

    इधर निर्दलीय उम्मीदवार विजय चौधरी केवट जाति से आते है। उनके पक्ष में जातिय संगठन चलाने वाले तथाकथित लोगों के द्वारा विभिन्न गॉंवों में बैठक कर जातीय गोलबंदी का भरसक प्रयास किया जा रहा है।जिसके साक्ष्य के तौर पर इंटरनेट मीडिया पर फ़ोटो एवं वीडियो देखा जा सकता है।

    गत चुनाव का परिणाम-2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने दो बार के विधायक गुलजार देवी का टिकट काटकर परिवहन मंत्री शीला मंडल को उम्मीदवार बनाया था।जिन्होने अतिपिछड़ा,महादलित एवं सवर्ण का एकमुश्त वोट मिला था।मंत्री श्रीमती मंडल ने 75116 (41.26प्रतिशत) मत प्राप्त करते हुए पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक को 10966 मतों से पराजित कर विधायक बनी थी।

    पूर्व मंत्री पाठक को एमवाई समीकरण के साथ कुछ अन्य वोट के साथ कुल 64150 वोट(35.24 प्रतिशत)प्राप्त हुआ था तो लोजपा से पूर्व विधान पार्षद विनोद कुमार सिंह को 10058 (5.54 प्रतिशत)मत प्राप्त हुआ था।

    क्षेत्रीय मुद्दा की चर्चा-फुलपरास विधानसभा के चुनाव में राज्य व देश स्तर के मुद्दा के साथ कुछ क्षेत्रीय मुद्दा की भी चर्चा जोर पकड़ रही है।एनडीए के पक्षधर सड़क,स्वास्थ्य,शिक्षा के क्षेत्र में किए गए समग्र विकास कार्यो को प्रमुखता से आमजनों के बीच उठा रहे हैं।

    जिसमें अतिपिछड़ा बालिका छात्रावास (500 बेड) के साथ स्वास्थ्य उपकेन्द्रो एवं खेल मैदान का निर्माण प्रमुख है तो महागठबंधन एवं जनसुराज के कार्यकर्ता क्षेत्र में एक भी बस स्टैंड का निर्माण नही होने,घोघरडीहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण बेलहा में करवाने,लंबी दूरी के ट्रेन का ठहराव फुलपरास विधानसभा के एक मात्र प्रमुख स्टेशन घोघरडीहा में नही होने,जलजमाव का निराकरण नही होने के साथ विकास योजनाओं में कथित तौर भरष्टाचार को मुद्दा बनाकर लोगों के बीच जा रहे है।

    फुलपरास विधानसभा में जदयू अतिपिछड़ा,महादलित,सवर्ण मतों की गोलबंदी कर लगातार लगातार चौथी बार अपनी जीत को बरकरार रख सकते है तो एमवाई समीकरण के साथ अपने स्वजातीय के साथ अतिपिछड़ा में सेंधमारी कर तीन दशक के सूखे को खत्म कर सकती है कांग्रेस तो लेकिन यहां यह कहना भी अतिशयोक्ति नही होगा कि जनसुराज के साथ निर्दलीय उम्मीदवार किनका खेल बिगाड़ेंगे एवं किनका बनाएंगे यह 14 नवंबर को ही पता चलेगा पर इतना तो तय है कि मुकाबला कांटे की टक्कर का होगा।

    दैनिक जागरण संवाददाता ग्राउंड रिपोर्ट जानने घोघरडीहा फुलपरास मुख्य सड़क में गोरगमा से होते हुए टूटी सड़के एवं क्षतिग्रस्त पुल के डायवर्सन से होकर जब बलुआही गांव से आगे एक चाय दुकान पर रुककर जानने का प्रयास किए तो सभी ने एक स्वर कोई प्रतिक्रिया देने से मना करते हुए क्रिकेट खेल रहे युवाओं के पास जाने को कहा।

    राजकीय प्राथमिक विद्यालय गोरगमा के समीप भुतही बलान परती पर पंहुचा तो वहां तीन से चार गांव के युवा क्रिकेट खेल रहे थे।जहां एक युवक ने सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए व्यग्य किया कि 10 हजार दिया है तो महिला वोट दे ही देगी कि तपाक से 2015 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पास आउट एवं कुछ पारिवारिक कारणों से अभी गांव में रह रहे फुलपरास प्रखंड बलुआही निवासी ई मंजय कुमार मंडल ने कहा कि महिला बहुत होशियार है।चुनाव के समय 10 हजार पर नही बल्कि अपने अपने बच्चे को ध्यान में रखकर ही मतदान करेगी।

    रोजगार,पलायन एवं भरष्टाचार ही प्रमुख मुद्दा है।वहां से फिर मुख्य सड़क होते हुए फुलपरास पुरवारी टोला गए जहां एकतरफा महागठबंधन की चर्चा हो रही थी।वही बैठे फुलपरास नगर पंचायत निवासी 65 वर्षीय सूर्यनारायन यादव ने कहा कि हमको पार्टी उम्मीदवार से नही मतलब है,हम तो तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट करेंगे। सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि दस हजार भी सभी महिलाओं को नही दिया है।

    वहां से पश्चिमी कोशी तटबंध होते हुए घोघरडीहा प्रखंड क्षेत्र के ब्रह्मपुरा बथनाहा पंचायत के इस्लामपुर एक चाय दुकान पर पहुँचे जहां के निवासी एवं चाय दुकान चला रही नमूना खातून ने कहा एक वोट का मालिक है,जिसको मन होगा दे देंगे।नाराजगी जताते हुए कही सरकारी योजनाओं में सिर्फ राशन मिलता है। अपना जमीन है नहीं और सरकार आजतक वसोवास के लिए जमीन नही दिया जिसके कारण आजतक आवास का लाभ भी नही मिला है।

    जिसके बाद मुख्य सड़क होते नए घोघरडीहा बाजार में दवा लेने पहुंच गए पंसारी ड्रग हाउस।जहाँ लोग सरकार की विफलता पर चर्चा कर रहे थे वही दुकान मालिक व प्रतिष्ठित दवा व्यवसाई मनोज पंसारी कहते है कि बाहर से युवाओं में जाति एवं पार्टी से ऊपर उठकर जनसुराज का क्रेज दिख रहा है।पलायन,रोजगार एवं बिहार की बेहतरी के लिए लोग मतदान करेंगे।

    अंत मे कहते है कि हार जीत अलग बात है लेकिन फुलपरास का डिसाइडिंग फेक्टर तो जनसुराज ही होगा।जिसके बाद पश्चिमी कोशी तटबंध से जोरवा बांध तरडीहा,बाथ स होकर लगभग 18 किलोमीटर दूरी तय कर गए मधेपुर प्रखंड मुख्यालय बाजार,जहां चाय दुकान पर छुटभैये नेता अपनी अपनी डींगें हांक रहे थे वहीं गुमसुम अपना दुकान चला रहे मधेपुर प्रखंड मुख्यालय निवासी परमेश्वर मंडल ने कहा कि विकास हुआ है और वह दिख भी रहा है।कहा हम इन्ही मुद्दों पर मतदान करेंगे।

    जिसके बाद महिषाम गांव निवासी व मधेपुर में सैलून चलाने वाले राजेन्द्र ठाकुर के दुकान गए और अपना परिचय देते ही तपाक से कहा कि सड़क बनी है और अस्पताल में दवा मिलता है।कहा विकास दिख रहा है और वही देखकर मतदान करेंगे।