Bihar Election 2025: मधुबनी की इस सीट पर दो स्वजातीय की लड़ाई में जनसुराज ने कराई ब्राह्मण की एंट्री
मधुबनी जिले का फुलपरास विधानसभा क्षेत्र कई ऐतिहासिक हस्तियों का प्रतिनिधित्व कर चुका है, लेकिन विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है। यहाँ औद्योगिक इकाइयों, रेल कनेक्टिविटी और उच्च शिक्षा की कमी है। राजनीतिक रूप से, कांग्रेस और जदयू का दबदबा रहा है, लेकिन 1995 के बाद समाजवादी विचारधारा से जुड़ी पार्टियां जीत रही हैं। आगामी चुनावों में जातीय समीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, खासकर ब्राह्मण उम्मीदवार की एंट्री से मुकाबला रोचक हो गया है।

यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
संवाद सहयोगी, फुलपरास (मधुबनी। सुपौल एवं दरभंगा तक फुलपरास विधानसभा फैला है। कई नामचीन हस्तियों ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
प्रमुख नामचीन व सत्ता के शीर्ष तक अपनी धाक जमाए रखने वाले जननायक पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर,पूर्व राज्यपाल व पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री धनिकलाल मंडल फुलपरास से निवाचित होकर विधानसभा अध्यक्ष पद को सुशोभित किए तो पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव एवं स्वतंत्रता सैनानी व प्रथम विधायक पंडित काशीनाथ मिश्र ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किए है।
मगर विकास के मानचित्र पर कही दिखाई नही देता है। कोई बड़ी औधोगिक इकाई नही है जबकि एक जमाने में घोघरडीहा में दो,ब्रह्मपुरा में एक एवं फुलपरास के मुरली में एक राइस मील हुआ करता था जो 70 से 80 के दशक के बीच बन्द हो गया,जिसमें सैकड़ो लोगों को रोजगार मिलता था।
पूरे विधानसभा में रेल लाइन तक की पहुंच नही है और विधानसभा के प्रमुख स्टेशन पर लंबी दूरी के कुछ ट्रेन का ठहराव नही होने से भी लोगों में टिस है। अनुमंडल मुख्यालय रहते हुए फुलपरास में एक अदद डिग्री कालेज नही है।
इस सीट पर कांग्रेस सबसे ज्यादा पांच बार एवं चार बार जदयू को जीत मिली थी।मगर 1995 के बाद बाद इस सीट से समाजवादी विचारधारा से जुड़ी पार्टियां जीत रही।★
कांग्रेस ने काटी तो जनसुराज ने कराई ब्राह्मण की एंट्री-एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी परिवहन मंत्री शीला मंडल एवं आईएनडीआईए समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुबोध मंडल दोनो अतिपिछड़ा समुदाय के धानुक जाति से आते है।
कांग्रेस ने 2020 में पूर्व मंत्री ब्राह्मण समुदाय के कृपानाथ पाठक को उम्मीदवार बनाया था,जो अपने स्वजातीय मतों को अपने पाले में करने में असफल रहे थे। तीसरे स्थान पर लोजपा प्रत्याशी पूर्व विधान पार्षद विनोद कुमार सिंह रहे थे,जिन्हें लगभग दस हजार मत प्राप्त हुआ था।
इधर कांग्रेस ने अतिपिछड़ा पर दांव लगाया तो जनसुराज में फुलपरास विधानसभा के मधेपुर प्रखंड के बरसाम निवासी जलेंद्र कुमार मिश्रा को उम्मीदवार बनाकर चुनाव को रोचक बना दिया है। बता दें कि फुलपरास विधानसभा में फुलपरास के पांच पंचायत व एक नगर पंचायत और घोघरडीहा प्रखंड के 17 पंचायत एवं एक नगर पंचायत तथा मधेपुर प्रखंड के 20 पंचायत शामिल है।
गौरतलब हो कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने लगातार दो बार के विधायक गुलजार देवी का टिकट काटकर परिवहन मंत्री शीला मंडल को टिकट दिया था।
जिसने 75 हजार से अधिक मत प्राप्त करते हुए पूर्व मंत्री कांग्रेस प्रत्याशी कृपानाथ पाठक को लगभग 11 हजार मतों से पराजित कर प्रत्याशी बनी थी जबकि तीसरे स्थान पर लोजपा उम्मीदवार पूर्व विधान पार्षद विनोद कुमार सिंह रहे थे।
गौरतलब हो कि 1980 से लगातार 2015 तक इस क्षेत्र से यादव जाति विधायक हुए है एवं फुलपरास आम एवं उपचुनाव कुल 18 बार हुआ। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, पूर्व राज्यपाल धनिकलाल मंडल (दो बार)परिवहन मंत्री शीला मंडल एवं प्रथम विधायक काशीनाथ मिश्र को छोड़कर 13 बार इस क्षेत्र से यादव जाति से विधायक निवाचित हुए है।
वर्ष 2010 के चुनाव में जदयू के टिकट पर गुलजार देवी ने 36113 मत प्राप्त कर राजद उम्मीदवार पूर्व सांसद वीरेंद्र कुमार चौधरी को 12344 मतों से पराजित कर विधायक निवाचित हुई थी जबकि तीसरे स्थान पर पूर्व सांसद के स्वजातीय निर्दलीय उम्मीदवार बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे रामनारायण मंडल को 8066 मत प्राप्त हुआ था।
इसी तरह 2015 में महागठबंधन समर्थित जदयू प्रत्याशी गुलजार देवी ने 64318 मत प्राप्त कर ब एनडीए समर्थित भाजपा प्रत्याशी रामसुन्दर यादव को 13415 मतों से पराजित कर विधायक बनी थे जबकि तीसरे स्थान पर निर्दलीय लड़े ब्राह्मण समुदाय के ज्योति झा को 10861 मत प्राप्त हुआ था।★
महागठबंधन ने हर बार नए चेहरा पर खेला दाव-राजद के निर्माण के बाद आजतक फुलपरास को नही जीत पाई और कांग्रेस भी अंतिम बार 1995 मे जितने में सफल रहा था।
राजद ने 2000 ई में कुमार पूर्णेन्दु,2005 में पूर्व विधायक रामकुमार यादव एवं 2010 में पूर्व सांसद वीरेंद्र कुमार चौधरी को प्रत्याशी बनाया लेकिन सफलता हाथ नही लगी तो कांग्रेस ने 2020 में कृपानाथ पाठक को उम्मीदवार बनाया लेकिन परिणाम नही बदला।
यहां यह भी बता दे कि 2015 में महागठबंधन में जदयू शामिल थी और जदयू के टिकट पर गुलजार देवी विधायक बनी थी। विधायक की सूची 1952 कांग्रेस से पंडित काशीनाथ मिश्र एवं 1957 एवं 1962 में कांग्रेस से रशिकलाल यादव,1967 एवं 1969 में सोशलिस्ट पार्टी से धनिकलाल मंडल तथा 1972 में सोशलिस्ट पार्टी से उत्तमलाल यादव,1977 में जनता पार्टी से देवेंद्र प्रसाद यादव एवं 1977(उपचुनाव ) में जननायक कर्पूरी ठाकुर,1980 में जनता पार्टी से सुरेन्द्र प्रसाद यादव,1985 में कांग्रेस से हेमलता यादव,1990 में जनता दल से रामकुमार यादव,1995 में कांग्रेस से देवनाथ यादव,2000 में जदयू से रामकुमार यादव,2005 फरवरी एवं अक्टूबर में समाजवादी पार्टी से देवनाथ यादव,2010 एवं 2015 में जदयू से गुलजार देवी,2020 में जदयू से शीला कुमारी उर्फ शीला मंडल।
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