Bihar Election 2025: बीजेपी ने ब्राह्मण-यादव बहुल इस सीट को कांग्रेस से छीना और अपना बना लिया
Bihar Vidhan Sabha Chunav: चनपटिया विधानसभा क्षेत्र में कभी कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन अब भाजपा का कब्जा है। यहाँ ब्राह्मण और यादव मतदाता अधिक हैं। 1994 से चीनी मिल बंद होने से किसान परेशान हैं, चुनाव में मिल चालू कराने का वादा किया जाता है। 2015 में भाजपा और जदयू में कड़ी टक्कर हुई थी। 2020 में भाजपा के उमाकांत सिंह जीते थे।

यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
सुनील आनंद, बेतिया,(पश्चिम चंपारण)। Bihar Assembly Election 2025: चनपटिया विधानसभा क्षेत्र, पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।इस विधानसभा में मझौलिया प्रखंड के भी 11 पंचायत आते हैं।
सिकरहना नदी के बाढ़ एवं कटाव से त्रस्त इस विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प है। कभी कांग्रेस और सीपीआइ का गढ़ माने जाने वाला इस विधानसभा क्षेत्र पर वर्ष 2000 से लगातार भाजपा का कब्जा है।
इस सीट पर ब्राह्मण और यादव वोटरों का दबदबा माना जाता है। मुस्लिम वोटरों की भी अच्छी संख्या हैं, वहीं, भूमिहार और कोइरी भी निर्णायक भूमिका में हैं। 1957 से इस सीट पर चुनाव हो रहे हैं।
पहले चुनाव में कांग्रेस की केतकी देवी जीतने में सफल रही थीं। 1962 और 1967 में लगातार दो बार प्रमोद मिश्रा कांग्रेस की टिकट पर यहां से जीते थे। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के वीर सिंह 1969 में चुनाव जीते थे। फिर 1972 में कांग्रेस के उमेश प्रसाद वर्मा चुनाव जीत गए।
लेकिन बाद में सीपीआइ यहां से 1980, 1985 और 1995 में जीतने में कामयाब रही। साल 2000 के विधानसभा चुनाव से भाजपा ने जीत का जो सिलसिला शुरू किया वह अब तक जारी है। भाजपा यहां से लगातार छह बार चुनाव जीत चुकी है।
बंद चीनी मिल का मुद्दा गरम
कृषि आधारित क्षेत्र में यहां के किसान कभी गन्ने की उन्नत खेती किया करते थे। चनपटिया चीनी मिल 1994 में पूरी तरह बंद हो गई थी। उसके बाद यहां के किसानों के समक्ष गन्ने की आपूर्ति को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हुई, जो अब भी बरकरार है।
जब भी लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव आता है तो राजनीतिक दलों का मुद्दा चनपटिया चीनी मिल को चालू कराने का होता है। लेकिन, अब तक यह चीनी मिल चालू नहीं हुई।
हालांकि हाल के दिनों में चनपटिया को औद्योगिक विस्तार देने के लिए सरकार की ओर से जोरदार पहल हुई है। चनपटिया स्टार्टअप और कुमारबाग टेक्सटाइल पार्क उदाहरण है। परंतु, गन्ना किसानों की पीड़ा बरकार है।
कभी भाजपा और जदयू में जोरदार टक्कर
2015 में इस सीट पर भाजपा और जदयू के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। भाजपा के प्रकाश राय ने जदयू के एनएन शाही को महज 464 वोट से हराया था।
सीपीआइ के ओमप्रकाश क्रांति 10,136 मत लेकर तीसरे स्थान पर थे। जबकि 2010 में भाजपा के चंद्रमहोन राय ने बसपा के एजाज हुसैन को 23 हजार से ज्यादा वोट से हराया था। कांग्रेस के त्रिभुवन प्रसाद शर्मा तीसरे स्थान पर थे, उन्हें मात्र 9,131 मत मिले थे। यहां 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने जबर्दस्त वापसी की, कांग्रेस के अभिषेक रंजन को 70,359 मत मिले थे।
2020 के चुनाव परिणाम
विजेता: उमाकांत सिंह ( भाजपा)
मिले कुल मत: 83,828
उप विजेता: अभिषेक रंजन ( कांग्रेस)
मिले कुल मत: 70,359
हार जीत का अंतर: 13,469
2015 के चुनाव परिणाम
विजेता: प्रकाश राय ( भाजपा)
मिले कुल मत: 61,304
उप विजेता: एनएन शाही ( जदयू)
मिले कुल मत: 60,840
हार जीत का अंतर: 464
2010 के चुनाव परिणाम
विजेता: चंद्रमोहन राय ( भाजपा)
मिले कुल मत: 44,835
उप विजेता: एजाज हुसैन (बीएसपी)
मिले कुल मत: 21,423
हार जीत का अंतर: 23,412
एक नजर में चनपटिया विधानसभा
कुल मतदाता: 291944
पुरुष मतदाता: 155603
महिला मतदाता: 136332
मंगलामुखी मतदाता: 9
सेवा मतदाता: 707
बुजुर्ग मतदाता: 1017
दिव्यांग मतदाता: 2207
मतदान केंद्रों की संख्या: 334
अब तक ये रहे विधायक
- 1957 : केतकी देवी ( कांग्रेस)
- 1962 : प्रमोद कुमार मिश्र ( कांग्रेस)
- 1967 : प्रमोद कुमार मिश्र ( कांग्रेस)
- 1969 : वीर सिंह ( संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
- 1972 : उमेश प्रसाद वर्मा ( कांग्रेस)
- 1977 : वीर सिंह ( जनता पार्टी)
- 1980 : वीरबल शर्मा ( सीपीआइ)
- 1985 : वीरबल शर्मा ( सीपीआइ)
- 1990 : कृष्ण कुमार मिश्र (जनता दल)
- 1995 : वीबल शर्मा ( सीपीआइ)
- 2000 : कृष्ण कुमार मिश्र ( भाजपा)
- 2005 : सतीश चंद्र दुबे ( भाजपा)
- 2005 : सतीश चंद्र दुबे ( भाजपा)
- 2010 : चंद्रमोहन राय ( भाजपा)
- 2015 : प्रकाश राय ( भाजपा)
- 2020 : उमाकांत सिंह ( भाजपा)
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